सीतामढ़ी/बोखड़ाः चुनाव आयोग ने हर बूथों पर रोशनी की व्यवस्था करने को कहा था. सरकार ने जिला प्रशासन को चतुर्थ वित्त आयोग की राशि से बूथों पर रोशनी की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इसके तहत पंचायतों से सभी मध्य विद्यालयों को 20-20 हजार व प्राथमिक विद्यालयों को 10-10 हजार रुपये दिये गये थे. परंतु अधिकांश बूथों पर रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं थी. विभिन्न स्तरों से इसके प्रति लापरवाही बरती गयी. बूथों पर मूलभूत सुविधाओं के लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से लापरवाही बरती गयी. फलत: चतुर्थ वित्त आयोग से मिले पैसे रखे रह गये और बूथों पर मतदान कर्मियों का अंधेरे में रात गुजरी.
खुद खरीदी मोमबत्ती
बोखड़ा प्रखंड के बूथ नंबर-180 के पीठासीन पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह बूथ पर मच्छरों से परेशान रहे. शाम होते ही वे स्कूल प्रबंधन की ओर से रोशनी की व्यवस्था का जायजा लिये तो पता चला कि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. वे दुकान से मोमबत्ती खरीद कर लाये और रात गुजारे.
चापाकल ठीक करायें
बोखड़ा के बूथ नंबर- 205 पर पीठासीन पदाधिकारी हुलास साह थे. श्री साह ने बताया कि यहां खुद चापाकल ठीक कराना पड़ा है. मोमबत्ती की रोशनी में रात गुजारी. स्कूल के प्रधान शिक्षक शौचालय का चापाकल बंद कर चले गये थे. शौचालय की चाबी ढूंढ़ते रह गये.
यहां भी सुविधाएं नहीं
प्रखंड के बूथ नंबर- 183 पर भी रोशनी की सुविधा नहीं थी. मध्य विद्यालय सियारी के बूथ नंबर-179 पर मौजूद जवान अमिताभ कुमार राम ने बताया कि वे पांच राउंड के चुनाव में ड्यूटी किये हैं. इस चुनाव में और इस बूथ पर जितनी बदतर व्यवस्था है, उतना किसी बूथ पर नहीं था. बीडीओ को सूचित किये थे. कुछ नहीं कर सके. मवि गोगलक टोल बूथ नंबर 188 पर भी रोशनी की सुविधा नहीं थी.
जेनेरेटर से रोशनी
हरिनगर के बूथ नंबर-194 एवं खड़का के बूथ नंबर-189 व 191 पर स्कूल प्रबंधन की ओर से जेनरेटर से रोशनी की सेवा उपलब्ध करायी गयी थी. मवि सौरिया के प्रधान शिक्षक शम्स आरजू ने बताया कि चतुर्थ वित्त आयोग से मिले पैसे से बिजली का कनेक्शन, वायरिंग व बिल का भुगतान करना है.
पांच मई को मिला चेक
मवि धाधी के प्रधान शिक्षक सुधीर मंडल ने बताया कि मुखिया द्वारा 5 मई को उन्हें चेक उपलब्ध कराया गया. वैसे वे पूर्व में हीं बिजली कनेक्शन के लिए रसीद कटा लिये थे. बिजली विभाग कनेक्शन नहीं किया. वे चुनाव ड्यूटी में चले गये थे.