सदर अस्पताल में एक्सरे व अल्ट्रासाउंड सेवा ठप

कंपनी का समाप्त हुआ कॉन्ट्रैक्ट शेखपुरा : राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले के सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड और एक्सरे सेवा गुरुवार से नहीं मिलेगी. इस दिशा में अल्ट्रासाउंड व एक्सरे सेवा के लिए चिह्नित कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट को समाप्त कर दिया गया है. इसके साथ ही सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2018 4:48 AM

कंपनी का समाप्त हुआ कॉन्ट्रैक्ट

शेखपुरा : राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले के सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड और एक्सरे सेवा गुरुवार से नहीं मिलेगी. इस दिशा में अल्ट्रासाउंड व एक्सरे सेवा के लिए चिह्नित कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट को समाप्त कर दिया गया है. इसके साथ ही सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे कक्ष के बाहर इस की सूचना का नोटिस चिपकाया गया है. सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड एक्सरे की सेवा ठप करने की सूचना को सिविल सर्जन डॉ मृगेंद्र प्रसाद सिंह ने पुष्टि की है.
इस बाबत सदर अस्पताल के प्रबंधक धीरज कुमार ने बताया कि जिले में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए पटना के आईजी मेडिकल सिस्टम नामक कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. कंपनी के कार्यकाल समाप्त होने पर नये सिरे से इन दोनों चीजों के लिए टेंडर प्रक्रिया नहीं की गयी थी. दोनों सेवाओं को 26 अप्रैल से तत्काल रद्द करने का निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल आंकड़ों पर नजर डालें तो हर दिन लगभग 40 से 50 मरीजों का अल्ट्रासाउंड, 50 मरीजों का नि:शुल्क एक्सरे सुविधा प्रदान की जाती है.
हादसे में हुए घायलों को होगी परेशानी
सदर अस्पताल में एक्सरे अल्ट्रासाउंड सुविधा ठप कर होने से मुकदमे की जांच एवं कानूनी प्रक्रिया पर भी बुरा असर पड़ेगा. किसी प्रकार की घटना और दुर्घटना के दौरान जख्मी होने वाले मरीजों का एक्सरे रिपोर्ट सरकारी अस्पताल के ही मान्य होते हैं. लेकिन सेवा ठप रहने के बाद वैसे मामलों में एक्सरे अल्ट्रासाउंड करवाने को लेकर मरीजों को दूसरे जिले के सरकारी अस्पताल का सहारा लेना पड़ेगा.
अब तक चालू नहीं हो सका सिजेरियन प्रसव
जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सिरदर्द बना सदर अस्पताल का सिजेरियन व्यवस्था अब तक चालू ही नहीं हो सकी है. अल्ट्रासाउंड और एक्सरे भी ठप कर दिया गया. ऐसी स्थिति में मरीजों को अब निजी क्लीनिक और संस्थानों में जाना पड़ेगा. जिले में पिछले सात-आठ माह से सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था पूरी तरह ठप है. इसके लिए लोगों को निजी अस्पताल जाना पड़ता है. अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के बंद होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
आईएसआईएस में भर्ती कराने के लिए अपहरण
मामला बड़हरिया थाने के तिलसंडी गांव का

Next Article

Exit mobile version