महाबोधि मंदिर और दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा अब बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के हवाले, गृह विभाग की अधिसूचना जारी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बिहार में बने विशेष सशस्त्र पुलिस कानून के लागू होने के बाद बीएमपी के जवान अब किसी भी संदिग्ध की तलाशी जब्ती और गिरफ्तारी कर सकते हैं. ऐसे में बिहार सरकार ने उनकी तैनाती शुरू कर दी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 30, 2021 4:12 PM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बिहार में बने विशेष सशस्त्र पुलिस कानून के लागू होने के बाद बीएमपी के जवान अब किसी भी संदिग्ध की तलाशी जब्ती और गिरफ्तारी कर सकते हैं. ऐसे में बिहार सरकार ने उनकी तैनाती शुरू कर दी है.

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की जगह अब बिहार के औद्योगिक ईकाइयां, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, हवाई अड्डा, मेट्रो, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के केंद्रों की सुरक्षा की जिम्मेवारी अब बीएसपी को सौंपी जा रही है. गृह विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर और दरभंगा हवाई अड्डे की सुरक्षा का जिम्मा अब बीएसपी के जवान संभालेंगे.

अधिसूचना के अनुसार महाबोधि मंदिर और दरभंगा हवाई अड्डा को विनिर्दिष्ट प्रतिष्ठान के रूप में अधिसूचित किया गया है, यानी इन प्रतिष्ठानों के अंदर विशेष सशस्त्र पुलिस के हवलदार रैंक के पुलिसकर्मी और उससे ऊपर के अधिकारियों को अधिनियम की धारा 7, 8 और 9 के तहत दी गयी. इन शक्तियों के अंतर्गत तलाशी से गिरफ्तारी तक का अधिकार होगा. सरकार ने इसी साल सशस्‍त्र पुलिस बल विधेयक को लागू किया है.

इस संबंध में अधिकारियों ने कहा कि इस कानून के अनुसार सरकार अधिसूचित विनिर्दिष्ट प्रतिष्ठान की सुरक्षा में तैनात विशेष सशस्त्र पुलिस को तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार दे सकती है. फिलहाल बिहार विशेष सत्र पुलिस के पास महाबोधि मंदिर के अलावा दरभंगा हवाई अड्डे की सुरक्षा की जिम्मेवारी सौंपी गई है.

उन्होंने कहा कि विशेष सशस्त्र पुलिस बल के सक्षम अधिकारी को किसी घटना के बाद आशंका के आधार पर संदेहास्पद व्यक्ति की तलाशी और गिरफ्तारी कर सकने का अधिकार है. ऐसा करने के बाद वह गिरफ्तार व्यक्ति को अगली कानूनी कार्रवाई के लिए निकट के थाने को सौंप देगा. प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में तैनात अधिकारी को बिना वारंट और बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने का अधिकार है.

यह विधेयक बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) को स्वतंत्र अस्तित्व देने के लिए है. विधेयक पारित होने के बाद सैन्य पुलिस का नाम बदल कर विशेष सशस्त्र पुलिस हो गया है. किसी अन्य राज्य की पुलिस के साथ मिलिट्री नहीं जुड़ा हुआ है, अत: नाम में एकरूपता के लिए भी यह विधेयक लाया गया है.

विधेयक में बताया गया है कि राज्य में सशस्त्र पुलिस बल का दायरा बड़ा हो रहा है. पहले इसकी भूमिका कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण के लिए बिहार पुलिस की मददगार की थी, लेकिन बदले हालत में उसकी भूमिका बढ़ी है.

Posted by Ashish Jha

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