आइसोलेशन सेंटर पर नहीं है इंतजाम, कैसे ठहरे कदम

छपरा : पूरे देश में कोरोना को लेकर संपूर्ण लॉकडाउन है. सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा मिले निर्देश पर प्रखंड के सभी पंचायतों के एक-एक विद्यालयों में बाहर से आये लोगों को चिह्नित कर आइसोलेशन में रखना है. साथ ही उनका स्वास्थय परीक्षण किया जाना है. पंचायत स्तर पर कई आइसोलेशन सेंटर बने हैं. […]

By Prabhat Khabar | April 5, 2020 11:54 PM

छपरा : पूरे देश में कोरोना को लेकर संपूर्ण लॉकडाउन है. सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा मिले निर्देश पर प्रखंड के सभी पंचायतों के एक-एक विद्यालयों में बाहर से आये लोगों को चिह्नित कर आइसोलेशन में रखना है. साथ ही उनका स्वास्थय परीक्षण किया जाना है. पंचायत स्तर पर कई आइसोलेशन सेंटर बने हैं. लेकिन अधिकतर जगहों पर सुविधाओं का अभाव है. इस कारण लोग 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहने की बजाय दो से तीन दिन रहकर ही अपने घर चले जा रहे हैं. आइसोलेशन सेंटर पर मुखिया व पंचायत सचिव ने लोगों को मास्क, साबुन, सेनेटाइजर और खाने पीने की व्यवस्थाएं भी करनी होती है. प्रभात खबर ने रविवार को जिले के कुछ पंचायतों में बने आइसोलेशन सेंटर की पड़ताल की. कई जगहों पर व्यापक स्तर पर अनियमितता देखने को मिली.

वहीं कई जगहों पर व्यवस्था उपलब्ध होने बाद भी लोग जागरूकता के अभाव में दो-तीन दिन रहकर घर चले गये.दाउदपुर के सेंटरों में कुछ दिन रहकर घर चले गये लोगदाउदपुर. दाउदपुर के विभिन्न पंचायतों में बने आइसोलेशन सेंटर में बाहर से आये लोगों की संख्या नदारद है. रविवार तक के रिपोर्ट के मुताबिक यहां के विभिन्न सेंटर पर पंचायत से तमाम सुविधाओं के बाद स्वास्थ्य परीक्षण से पूर्व ही लोग भाग जाते हैं. इस संदर्भ में ग्राम पंचायत राज जैतपुर के मुखिया बच्चा राम का कहना है कि लॉकडाउन के बीच बाहर से आये करीब 159 लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग को दी गयी है. इनमें कुछ लोगों की जांच करने पहुंची टीम ने सिर्फ नाम पता और अन्य जानकारी ली. लेकिन उनका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हुआ. फिलहाल सेंटर पर मरीजों व आगंतुकों की संख्या शून्य है.

वहीं शीतलपुर पंचायत के मध्य विद्यालय में बनाये गये सेंटर में चिह्नित व बीमार लोगों की संख्या नगण्य है. जबकि दाउदपुर पंचायत के संवेदना प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में बनाये गये सेंटर पर सिर्फ कर्मी मौजूद रहते है. मुखिया प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि आइशोलेशन सेंटर पर व्यवस्था की कमी नहीं है. फिर भी बाहर से आये लोग कुछ समय रहकर भाग जाते हैं. मुखिया अपने निजी कोष से सुविधा मुहैया कराने से पीछे नहीं रहते हैं. मुखिया ने बताया कि सेन्टर में सफाई कर्मी, विकास मित्र, आवास सहायक, पंचायत सचिव, सेविका, सहायिका, बीसीओ, पंचायत प्रतिनिधि आदि लोग प्रति दिन दो-दो घंटे ड्यूटी करते हैं.दरियापुर में संदिग्धों को नहीं मिल रही सुविधाएं कोरोना महामारी को रोकने के लिए प्रखंड के खानपुर स्थित रामजयपाल उच्च विद्यालय में आइसोलेशन में रहने वाले संदिग्ध फिलहाल दवा तो दूर खाने को भी तरस रहें हैं.

यहां बाहर से आये शैलेश मांझी, राजेंद्र मांझी, मनोज मांझी, दिलीप महतो, सत्येंद्र मांझी, मो नसरुद्दीन, नवल साह, पवन शाह, अरुण सिंह, विकास कुमार, राजू राय, राधे राय, रणधीर, हरेंद्र महतो सहित कोरोना के 15 संदिग्धों को क्वारेटिंन में रखा गया है. इन लोगों का आरोप है कि सेंटर पर किसी तरह की सुविधाएं नही हैं. साफ-सफाई की भी व्यवस्था भी नही है. शनिवार को वार्ड में सांप निकल गया था, जिसे किसी तरह से मार दिया गया. लेकिन हमेशा जंगली जीवों से डर रहता है. इन लोगों ने बताया कि नाश्ता तो मिलता ही नहीं है. भोजन भी घटिया किस्म का दिया जाता है. जो खाने लायक होता ही नहीं. फिलहाल युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष गुड्डू सिंह उन्हें मदद दे रहें है. अभी तक उनका ब्लड का सैंपल नहीं लिया गया है. एक दिन बीडीओ आये थे.

इसके बाद कोई नहीं आया. जैसे तैसे ही समय गुजर रहै है. इस संदर्भ में सोनपुर एसडीओ ने बताया कि इसकी जांच करायी जायेगी.मांझी के आइसोलेशन सेंटर पर नहीं हैं एक भी प्रवासीमांझी. प्रखंड के 25 पंचायतों में एक-एक केंद्र बनाया गया है. किसी भी सेंटर पर एक भी प्रवासी नहीं है. जानकारी के अनुसार प्रखंड के भजौना-नचाप पंचायत के बनाये गये सेंटर पर 30 मार्च को तीन प्रवासी, 31 को तीन व एक अप्रैल को भी तीन प्रवासी थे. इसके बाद से एक भी प्रवासी नहीं है. दाउदपुर पंचायत में एक अप्रैल को एक प्रवासी के रहने की सूचना है. बाकी किसी भी पंचायत में बनाये गए सेंटर पर एक भी प्रवासी नहीं है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच को विभिन्न प्रदेशों से अलग-अलग वाहनों से जयप्रभा सेतु से होकर मांझी पहुंचे 564 प्रवासियों की चिकित्सकों के द्वारा गहन जांच की गयी है.

जिनमें बिहार के कटिहार जिले के 37, वैशाली के 28, समस्तीपुर के 38, सीवान के 43, गोपालगंज के 16, बांका के 01, मुजफ्फरपुर के 141, मधेपुरा के 03, आरा के 02, नालंदा के 02, जमुई के 04, मोतिहारी के 40, मधुबनी के 17, सीतामढ़ी के 18, पूर्णिया के 01, गया के 01, दरभंगा के 12, औरंगाबाद के 60, यूपी के 13, प. बंगाल के 05, शिवहर के 02, भागलपुर के 36, सहरसा के 04 व खगड़िया के 02 के लोग शामिल हैं. पिछले सोमवार को भी हुई जांच में किसी भी प्रवासी के अंदर कोरोना के लक्षण नही पाये गये. उन्हें अपने गांव पहुंचने पर भी एहतियात बरतने की सलाह दी गयी. कोपा के आइसोलेशन सेंटर में बंद है तालाजलालपुर. मैन टू मैन तेजी से फैल रहे इस संक्रमण पर काबू पाया जा सके इसके लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है. प्रखंड में कई स्कूलों को चिह्नित कर आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. लेकिन ज्यादातर सेंटर सुविधा विहीन हैं.

सरकार के तमाम निर्देशों के बावजूद इससे जुड़े पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि ही इस पूरी प्रकिया की हवा निकालने में कोई कोर-कसर नही छोड़ रहे हैं. रविवार को कोपा पंचायत में बने आइसोलेशन केंद्र में भी अनियमितताओं का कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां आइसोलेशन सेंटर ओर प्रायः ताला जड़ा रहता है. सेंटर ओर न तो बिछावन है और नाही अन्य सुविधाएं. गेट पर ताला बंद रहने के कारण कारण परदेशियों को अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर होना पड़ता है. हालांकि बाहर से आये लोगों ने जागरूकता दिखाते हुए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य परीक्षण करा लिया है.

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