सारण: बिहार में कोरोनाकाल के दौरान आई बाढ़ आपदा लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन चुका है. इस दौरान एनडीआरएफ के बचावकर्मियों का मानवीय चेहरा नजर आ रहा है. एनडीआरएफ के बचावकर्मी न सिर्फ बाढ़ में फंसे लोगों को राहत सामग्री व अन्य मदद पहुंचा रहे हैं, बल्कि इस दौरान सूदूर गांवों में फंसे लोगों के बीच गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों व सर्पदंश के शिकार लोगों को भी रेस्क्यू बोटों से सुरक्षित जगहों पर लेकर आ रहे हैं.
गर्भवती महिला को सुरक्षित स्थान पर ले गई एनडीआरएफ
इसी क्रम में एनडीआरएफ हेडक्वार्टर की 9वीं बटालियन ने एक गर्भवती महिला को बाढ़ के दौरान पानी से घिरे सूदूर इलाके से निकाला. इस रेस्क्यू में महिला के पूरे परिवार को रेस्क्यू बोट से लेकर एनडीआरएफ सुरक्षित स्थान पर ले गई.महिला सारण जिले के शाहबाजपुर की निवासी है.
सर्पदंश के शिकार चार वर्षीय बच्चे को सुरक्षित निकाला
वहीं रेस्क्यू के दौरान एनडीआरएफ का एक और मानवीय उदाहरण तब सामने आया जब पूर्वी चंपारण के बंजारिया ब्लॉक के सूदूर गांव जटवा निवासी चार वर्षीय बच्चे अदनान को सांप ने काट लिया. सांप काटने की खबर सुनते ही मासूम के परिजन घबरा गए. उनके पास सबसे बड़ी समस्या बच्चे को इलाज के लिए गांव से डॉक्टर के पास लेकर जाना था. इस दौरान एनडीआरएफ की टीम बिना समय गंवाये बच्चे को रात में ही लेकर सुरक्षित जगह पर गई.
एनडीआरएफ की टीम लगातार बाढ़ राहत के काम में जुटी हुई है
बता दें कि एनडीआरएफ की टीम लगातार बाढ़ राहत के काम में जुटी हुई है. उनके द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर राहत सामग्री को भी पहुंचाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों को लेकर भी एनडीआरएफ की टीम बाढ़ से घिरे सूदूर इलाकों में लेकर जा रही है ताकि जरूरतमंदों को सही समय पर इलाज मुहैया हो सके.
Posted By : Thakur Shaktilochan Shandilya