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दलहन-तेलहन फसलों का बढ़ेगा उत्पादन

दलहन-तेलहन फसलों का बढ़ेगा उत्पादन क्लस्टर बना कर कराया जायेगा प्रत्यक्षण100 गांवों में 120 हेक्टेयर होगा प्रत्यक्षणकिसानों को दिया जायेगा प्रशिक्षणसंवाददाता, छपरा (सारण) दलहन एवं तेलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्लस्टर डेमोन्सट्रेशन कराया जायेगा. कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से 100 गांवों में 120 हेक्टेयर प्रत्यक्षण कराया जायेगा. इन फसलों की उत्पादकता बढ़ाने […]

दलहन-तेलहन फसलों का बढ़ेगा उत्पादन क्लस्टर बना कर कराया जायेगा प्रत्यक्षण100 गांवों में 120 हेक्टेयर होगा प्रत्यक्षणकिसानों को दिया जायेगा प्रशिक्षणसंवाददाता, छपरा (सारण) दलहन एवं तेलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्लस्टर डेमोन्सट्रेशन कराया जायेगा. कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से 100 गांवों में 120 हेक्टेयर प्रत्यक्षण कराया जायेगा. इन फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा. इसकी तैयारी कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से शुरू कर दी गयी है. किसानों को मिलेगा बीज व किटदलहनी एवं तेलहनी फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से प्रत्यक्षण के लिए चयनित किसानों को बीज व किट उपलब्ध कराया. तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा. अल्प लागत व कम भूमि पर अधिक उत्पादन के तरीके बताये जायेंगे. इन फसलों की खेती पर है जोर: -चना-मसूर-मटर-मूंग-तीसी-सूर्यमुखीक्या है योजना-दलहन-तेलहन फसलों का क्लस्टर बनाया जायेगा -क्लस्टर के सभी खेतों की मिट्टी की होगी जांच-क्लस्टर में दलहन-तेलहन फसल लगानेवाले किसानों को दिया जायेगा प्रशिक्षण-वैज्ञानिक पद्धति से करायी जायेगी खेती-जैविक तरीके से खेती करने के सिखाये जायेंगे गुर-समेकित पोषण और समेकित रोग व्याधि प्रबंध होगा इस तरह होगा कीटों से निजात का प्रबंध: -खेतों में लगाया जायेगा प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रैप)-आधुनिक किस्म के प्रकाश प्रपंच में प्रकाश से आकर्षित होकर कीट आते हैं और प्रपंच में फंस जाते हैं. -प्रपंच में फंसने से कीटों का प्रजनन रुक जाता है-फलहेदक, फली छेदक, तना छेदक कीटों से मिलेगी निजात-आधुनिक प्रकाश प्रपंच में केवल फसल को हानि पहुंचानेवाले कीट ही फंसेंगे-मित्र कीटों को नहीं पहुंचेगी क्षति -इस प्रपंच का प्रयोग चना एवं रबी फसल में किया जायेगा. क्या है उद्देश्य -जैविक खेती को बढ़ावा देना-कीटाणुओं को मारने के लिए कीटनाशी दवाओं का प्रयोग रोकने-जैविक खाद एवं आधुनिक पद्धति से खेती कराना-रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशी दवाओं के प्रयोग से होनेवाली क्षति को रोकनाक्या कहते हैं अधिकारीदलहन एवं तेलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रत्यक्षण कराया जायेगा. इसके लिए तैयारी चल रही है. किसानों को प्रशिक्षित करने, खेतों की मिट्टी जांच कराने व बीच आदि उपलब्ध कराने की योजना है. डॉ रत्नेश कुमार झाकार्यक्रम समन्वयक सह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, मांझी, सारण

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