29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Bseb ने छात्रों को मैट्रिक में रजिस्ट्रेशन के लिए दिया अंतिम मौका, जानें कब है Last date

2023 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का रजिस्ट्रेशन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पोर्टल पर एक साल पूर्व नौवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान हो गया था. लेकिन, कुछ छात्र रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित रह गये थे. वहीं, बोर्ड ने छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक अंतिम मौका दिया है.

समस्तीपुर. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2023 में शामिल होने वाले छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 14 अगस्त तक का मौका दिया है. हालांकि, 2023 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का रजिस्ट्रेशन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पोर्टल पर एक साल पूर्व नौवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान हो गया था. लेकिन, कुछ छात्र रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित रह गये थे. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने वंचित रह गये छात्रों को रजिस्ट्रेशन कराने का एक मौका और दिया है.

रजिस्ट्रेशन कराने का अंतिम मौका

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा निर्धारित तिथि तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले छात्रों को मैट्रिक बोर्ड परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है. समिति निर्धारित तिथि के बाद पोर्टल बंद कर देगी. तब चाहकर भी कोई छात्र वर्ष 2023 में मैट्रिक की परीक्षा देने के लिए निबंधन नहीं करा सकेंगे. समिति द्वारा निर्धारित तिथि के अंदर जो छात्र रजिस्ट्रेशन कराने के लिए विद्यालय में आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति, फोटो आवेदन के साथ आएंगे, उनका विद्यालय के आईडी पासवर्ड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया जायेगा. जो छात्र पूर्व में अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, उनका बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से डमी पंजीयन भेज दिया गया है.

‘मिलेगा डमी पंजीयन पत्र’

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा भेजे गए डमी पंजीयन पत्र में अगर छात्रों के नाम, माता-पिता के नाम, जन्म तिथि, आधार कार्ड संख्या, बैंक खाता संख्या आदि में किसी तरह की त्रुटि हो तो उसका सुधार किया जा सकता है. डीईओ मदन राय ने बताया कि बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए पंजीकरण छात्रों को स्वयं नहीं करना है, बल्कि उनके सम्बन्धित विद्यालय प्रधानाचार्य या इस कार्य के लिए निर्धारित विद्यालय प्रमुख द्वारा फॉर्म भरे जायेंगे. पंजीकरण के दौरान छात्रों को बीएसईबी द्वारा निर्धारित परीक्षा शुल्क का भी भुगतान करना होगा.

पर्याप्त संख्या में शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हुई

ग्रामीण परिवेश के बच्चों को इंटर तक की पढ़ाई की सुविधा देने के लिए सरकार प्रयासरत है. इसी कड़ी में जिले के उत्क्रमित हाई स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत साल 2020 में दसवीं तक की पढ़ाई की स्वीकृति दी गई थी. हालांकि, जब से इन स्कूलों का अपग्रेडेशन किया गया है, तब से विभाग की ओर से वहां पर्याप्त संख्या में शिक्षकों का पदस्थापन नहीं किया जा सका है. अब वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इन उत्क्रमित हाई स्कूलों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से कोड देने की कवायद शुरू कर दी गई है. कोड के लिए जिला शिक्षा विभाग की ओर से बिहार बोर्ड को उत्क्रमित हाई स्कूलों की सूची भेजी गई है. कोड मिलने के बाद इन स्कूलों में 11वीं व बारहवीं तक की पढ़ाई शुरू हो जायेगी.

अभी तक नामांकन प्रक्रिया शुरू नहीं

वहीं, अभी मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट आए एक माह से अधिक बीत चुके हैं. अभी तक स्कूलों व कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से दाखिला आवेदन लेने की तिथि जारी की जायेगी. उसके बाद ही बच्चे स्कूलों व कॉलेजों में नामांकन ले सकेंगे. इस साल इंटर के कला, विज्ञान व कॉमर्स संकाय में सीटों में भी बढ़ोतरी की गई है. जिसका फायदा बच्चों को मिलेगा.

शिक्षकों का टोटा, कैसे होगी पढ़ाई?

जिले के उत्क्रमित हाई स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. इंटर का कोड मिलने के बाद इन स्कूलों में बच्चों के दाखिला लेने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. इंटर के कला व विज्ञान संकाय में बच्चों का नामांकन होगा. जबकि शिक्षकों की कमी रहने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी. बच्चों को गांव के नजदीक ही उच्च शिक्षा मिलने की राह तो आसान नहीं होगी. इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं होने पर उन्हें कोचिंग व ट्यूशन पर निर्भर रहना पड़ सकता है.

‘177 मिडिल स्कूलों को किया गया अपग्रेड’

डीईओ ने बताया कि जिले के जिन इंटर स्कूलों में अधिक शिक्षक हैं, वहां से एक दो शिक्षकों को संबंधित उत्क्रमित स्कूल में भेजा जाएगा, ताकि 11 वीं में दाखिला लेने वाले बच्चों की पढ़ाई आसानी से हो सके. फिलहाल इन स्कूलों में एचएम की कमान भी मिडिल स्कूल स्तर के एचएम के हाथो में है. डीईओ ने बताया कि विभागीय निर्देश पर वर्ष 2020 में हाई स्कूल विहिन पंचायतों में 177 मिडिल स्कूलों को अपग्रेड कर नौवीं तक की पढाई शुरू की गई थी. वहां के बच्चे पहली बार मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुए तथा पास भी हुए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें