Bihar News : बिहार के समस्तीपुर जिले के नियमित शिक्षकों के वेतन पुनर्निर्धारण में भारी अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है. इस सम्बंध में वित्त विभाग द्वारा जारी हालिया पत्र के कारण उक्त वेतन निर्धारण का लाभ प्राप्त कर चुके शिक्षकों सहित विभाग के पदाधिकारी भी सकते में हैं. उक्त पत्र में वर्णित निदेश के अनुसार शिक्षकों को वरीय/ प्रवरण वेतनमान दिए जाने के समय उन्हें पूर्व से प्राप्त प्रक्रम को वरीय वेतनमान के प्रक्रम में केवल शिफ्ट किया जाना था.
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि एसीपी से वरीय वेतनमान की स्थिति भिन्न है तथा दोनों एक दूसरे के समकोटि के नहीं हैं फलतः वरीय वेतनमान दिए जाने के क्रम में शेड्यूल दो का लाभ अनुमान्य नहीं होगा. जबकि नियमित शिक्षकों के वेतन पुनर्निर्धारण में जिले के शिक्षा विभाग सहित तत्कालीन निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों द्वारा इस नियम की अनदेखी की जाने की बात कही जा रही है. बताते चलें कि शेड्यूल दो के अनुसार वेतन निर्धारण के क्रम में न्यूनतम वेतन 17140 रखने का प्रावधान था परंतु यह लाभ केवल संबंधित अर्हता रखने वाले कर्मियों को ही देय था.
सूत्र बताते हैं कि जिले के सैकड़ो शिक्षकों को उस समय शेड्यूल दो का लाभ दे दिया गया जिससे उनके मूल वेतन में 5000 से 8000 तक की एकमुश्त वृद्धि हो गयी. इस पुनर्निर्धारण के आधार पर प्रत्येक शिक्षक को लाखों की राशि एरियर के रूप के प्राप्त हुई. अब वित्त विभाग द्वारा इस पर संज्ञान लिए जाने से इसका लाभ ले चुके शिक्षकों पर न केवल वेतन कम हो जाने का संकट खड़ा हो गया है बल्कि एक मुश्त वसूली की भी समस्या उत्पन्न हो सकती है. हालांकि शिक्षक संगठनों ने विभाग के इस फरमान को लेकर अपना अलग पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो वर्ष 2006 से शेड्यूल दो के तहत प्रारम्भिक वेतन में अनियमित रुप से पुनर्निर्धारण कर वर्त्तमान में वेतन भुगतान किया जा रहा है. इधर वित्त विभाग के सचिव (व्यय) द्वारा जारी पत्र के बाद से नियमित शिक्षकों में हड़कंप मचा है. शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि शिक्षा भवन परिसर में चक्कर काट रहे है. वही डीपीओ स्थापना द्वारा भी वित्त विभाग के सचिव (व्यय) द्वारा जारी पत्र के आलोक में किसी प्रकार का आदेश नहीं जारी किया गया है जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके.
वही शिक्षा विभाग एचआरएमएस प्रणाली के तहत नियमित शिक्षकों के डाटा कैप्चर फॉरमेट में ऑनलाइन इंट्री पर नजर गड़ाए बैठा है. जब एचआरएमएस प्रणाली के तहत सेवा पुस्तिका का स्केन कर ऑनलाइन इंट्री कर ली जाएगी तब इसकी समीक्षा कर शिक्षकों व पदाधिकारियों को चिंहित कर कार्रवाई की जाएगी.
Posted By : Avinish Kumar Mishra