परिवहन विभाग में फर्जी डॉक्टर कर रहे जांच

सिविल सर्जन की ओर से बनायी गयी टीम पहुंची कार्यालय, तब हुआ मामले का खुलासा डॉक्टरों ने सिविल सर्जन को दी मामले की जानकारी एक ही नाम के दूसरे डॉक्टर से कर रहे फाॅर्म पर हस्ताक्षर समस्तीपुर : परिवहन विभाग में फर्जी डॉक्टर जारी कर रहे हैं मेडिकल चेकअप का प्रमाणपत्र. मामले का खुलासा शनिवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2017 6:11 AM

सिविल सर्जन की ओर से बनायी गयी टीम पहुंची कार्यालय, तब हुआ मामले का खुलासा

डॉक्टरों ने सिविल सर्जन को दी मामले की जानकारी
एक ही नाम के दूसरे डॉक्टर से कर रहे फाॅर्म पर हस्ताक्षर
समस्तीपुर : परिवहन विभाग में फर्जी डॉक्टर जारी कर रहे हैं मेडिकल चेकअप का प्रमाणपत्र. मामले का खुलासा शनिवार को उस समय हुआ जब सिविल सर्जन द्वारा प्रतिनियुक्त डॉक्टर जांच को परिवहन कार्यालय पहुंचे. वहां प्रतिनियुक्त डॉक्टर के नाम का दूसरा निजी डॉक्टर चेकअप कर रहा था. डॉक्टरों ने मामले की जानकारी सिविल सर्जन को दी है. घटना के संबंध में बताया गया है कि सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ डाॅ वीरेंद्र कुमार राय को सोमवार,
मंगलवार व बुधवार को तथा डाॅ पवन कुमार को गुरुवार, शुक्रवार व शनिवार को जांच करने का निर्देश दिया है. दोनों डॉक्टरों को अनट्रेंड चालक व चालक लाइसेंस के नवीकरण के लिए चिकित्सा जांच का प्रतिवेदन देना है. लेकिन लेनदेन के आधार पर लाइसेंस बनवाने वाले लोग दोनों डॉक्टरों के ही नाम के दूसरे डॉक्टरों से प्रतिवेदन पर हस्ताक्षर करा रहे थे. डॉ बीपी राय ने सिविल सर्जन को सूचना दी है कि परिवहन कार्यालय में उन्हीं के नाम के दूसरे निजी डॉक्टर से प्रतिवेदन पर हस्ताक्षर कर कराया जा रहा था. ऐसी ही शिकायत डाॅ पवन कुमार ने भी की है.
परिवहन माफिया बनवा रहे मेडिकल रिपोर्ट
परिवहन विभाग में लाइसेंस आदि कागजात बनबाने के लिए बिना माफिया के पास जाये कोई काम नहीं होता. चर्चा है कि परिवहन विभाग के पास सक्रिय एक निजी अस्पताल में वीरेंद्र कुमार राय नाम एक निजी डाॅक्टर कार्यरत हैं. लाइसेंस बनाने पहुंचने वाले लोगों से 50-100 रुपये लेकर वह प्रतिवेदन जारी कर देता है. उसके प्रतिवेदन को विभाग में बैठे लोग मान भी लेते हैं. विभागीय रिकार्ड में जांच पदाधिकारी का नाम मिल जाता है.

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