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किसानों की आय को दोगुना करने का हर संभव रहेगा प्रयास

पूसा : डाॅ आरएयू के कुलपति डाॅ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आगामी तीन से पांच दिसंबर को किसान मेला लगेगा. मेला का उद्घाटन भारत सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह करेंगे. इसके अलावा सांसद राम कृपाल यादव, रामचंद्र पासवान के अलावे बिहार के सभी केंद्रीय मंत्रियों के आने […]

पूसा : डाॅ आरएयू के कुलपति डाॅ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आगामी तीन से पांच दिसंबर को किसान मेला लगेगा. मेला का उद्घाटन भारत सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह करेंगे. इसके अलावा सांसद राम कृपाल यादव, रामचंद्र पासवान के अलावे बिहार के सभी केंद्रीय मंत्रियों के आने की संभावना है. केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद पहले किसान मेला में किसानों के लिए विशेष रूप से भारत सरकार के संकल्पित मार्गदर्शन अनुसार कृषि को बेहतर रूप प्रदान करने के लिए पांच निश्चय पर कार्य करने का निर्णय लिया गया है. इसमें किसानों की आय को दोगुना करने

हर खेत को पानी, मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन, दलहन उत्पादन व प्रति बूंद जल अधिक फसल विषय शामिल हैं. मेला में इनके अलग स्टॉल आवंटित हैं. यहां किसानों को विशेष जानकारी मिलेगी. अपने प्रशासनिक सभागार में मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि कम लागत में किसानों को अधिकाधिक मुनाफा मिलने वाली तकनीक पर भी शोध करने का प्रयास किया जा रहा है. क्षेत्र के सभी पांच स्कूलों के छात्र व छात्राओं के लिए क्विज,

लेखन के अलावा कई अन्य प्रतियोगिताएं होंगी. इससे बच्चों में कृषि शिक्षा को अपनाने में जागृति पैदा होगी. डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि इस वर्ष से स्थापना दिवस पर ही भारत सरकार के निर्देश पर कृषि शिक्षा दिवस मनाने का भी निर्णय लिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से बाजार को सुगमता प्रदान करने के लिए लगभग 600 इ मंडियों का संचालन हो रहा है. इससे किसान अपनी गुणवतायुक्त उत्पाद को ऑनलाइन खरीद व बेच सकेंगे. मसाले की खेती पर जोर देते हुए हल्दी व अदरख पर नये ढंग से कार्य करने की शुरू करने की जानकारी दी.

मुरौल में खुलेगा केवीके : कुलपति
डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मुजफ्फरपुर जिले के मुरौल फार्म के समीप कृषि विज्ञान केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए फार्म के बगल में 25 एकड़ भूमि भी मुहैया कर दी गयी है. बिहार के बड़े जिलों में छह केवीके अतिरिक्त दिया गया है.
इसमें खासतौर से मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी के अलावे गया को भी शामिल किया गया है. मुरौल में केवीके खोलने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गयी हैं. इस केवीके की शुरुआत के बाद मुजफ्फरपुर जिले में पूर्व से चल रहे केवीके सरैया को लेकर दो केवीके संचालित होना है.
मौके पर कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) कोलकाता के जोनल प्रोजेक्ट निदेशक डाॅ एसके राय ने कहा कि इस जोन में देश के चार राज्यों के 86 केवीके का संचालन किया जा रहा है. मुजफ्फरपुर जिले के मुरौल फार्म के समीप केवीके खोलने का प्रस्ताव पारित है.

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