अमेरिकी टीम ने सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में चिकित्सकों के साथ नयी डिवाइस को लेकर की चर्चा
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स्क्रीनिंग डिवाइस से पता चलेगा निमोनिया है या नहीं
अमेरिकी टीम ने सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में चिकित्सकों के साथ नयी डिवाइस को लेकर की चर्चा डीएस समेत शिशु रोग विशेषज्ञ भी थे मौजूद समस्तीपुर : नियोमिनया की जांच को लेकर एक नया डिवाइस तैयार किया गया है. इस डिवाइस से पता चल जायेगा कि बच्चे को निमोनिया है या नहीं. पहले बच्चे […]
डीएस समेत शिशु रोग विशेषज्ञ भी थे मौजूद
समस्तीपुर : नियोमिनया की जांच को लेकर एक नया डिवाइस तैयार किया गया है. इस डिवाइस से पता चल जायेगा कि बच्चे को निमोनिया है या नहीं. पहले बच्चे की सांस की गति के आधार पर इसको निर्धारित किया जाता था. यह जानकारी अमेरिका से आयी दो सदस्यीय विदेशी टीम ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों को दी. टीम में केयर इंडिया के भी प्रतिनिधि शामिल थे. जानकारी के अनुसार, निमोनिया पर काम करने वाली अमेरिकी संस्था की दो सदस्यीय टीम बुधवार को सदर अस्पताल पहुंची. इस टीम ने सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में जाकर भरती बच्चों का जायजा लिया. इसके बाद डीएस एएन शाही,
चिकित्सक डाॅ एसके चौधरी एवं डाॅ उमाशंकर सिंह के साथ नये डिवाइस पर चर्चा की. अमेरिकी टीम ने बताया कि बच्चों में सांस फूलने की बीमारी ज्यादा होती है. डॉक्टरों को निमोनिया का पता लगाने के लिये सांस की गति का अध्ययन करना पड़ता था. इसमें काफी समय लग जाता था. इस वजह से बच्चे की तबीयत खराब होती चली जाती थी. पर अब एक नया डिवाइस तैयार किया गया है. बच्चों की उंगली में लगाने के बाद यह उसके सांस की गति को बता देता है. यह डिवाइस यह भी बता देता है कि बच्चा निमोनिया से पीड़ित है या नहीं. यह डिवाइस पल्स ऑक्सोमीटर की तरह ही काम करता है. डिवाइस लगाते ही बच्चे का स्क्रीनिंग हो जाता है और उसके आधार पर इलाज शुरू करने पर बच्चे जल्दी से स्वास्थ्य हो जाते हैं. यह टीम करीब आधे घंटे तक सदर अस्पताल में डॉक्टरों के साथ चर्चा की.
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