समस्तीपुर : जल्द ही नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार होगा़ क्षेत्र विस्तार के बाद वर्तमान नगर परिषद का दायरा दोगुना हो जायेगा. सदर प्रखंड के कई ग्रामीण क्षेत्र को शहर का दर्जा प्राप्त होगा. वहां के लोग पूरी तरह नगर परिषद की सुविधा का इस्तेमाल कर सकेंगे. नगर परिषद को भी इससे राजस्व की प्राप्ति होगी. विभागीय स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. पंचायतों के नगर परिषद में विलय हो जाने से जनसंख्या घनत्व में भी परिवर्तन आयेगा. 3़
45 किलोमीटर में फैले नगर परिषद का दायरा करीब छह किलोमीटर के आसपास होगा.
शहरी आयोजना विकास नियमावली 2014 एवं बिहार शहरी आयोजना तथा विकास अधिनियम 2012 के आलोक में सुव्यवस्थित विकास के उद्देश्य से नगर परिषद क्षेत्र से सटे कई क्षेत्रों का एक मास्टर प्लान तैयार कर दायरा बढ़ाने एवं सीमांकित क्षेत्र को शामिल करने के लिए प्रस्ताव पंचायती राज विभाग के पास भेजा गया है.
क्या है आयोजना : कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि आयोजना जिला मुख्यालय की एरिया को सीमांकित करने की एक प्रक्रिया है. इस योजना के तहत जिला मुख्यालय या नगर परिषद क्षेत्र में एक मास्टर प्लान तैयार कर सुव्यवस्थित विकास की योजना है. खासकर, आयोजना के तहत सीमांकित क्षेत्र में विकास की जिम्मेदारी निभाने के लिए एक अलग यूनिट भी तैयार किया जायेगा़ जनगणना 2011 के आधार पर नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार किए जाने की तैयारी चल रही है़ दायरा बढ़ते ही नगर परिषद को नगर निगम का भी दर्जा प्राप्त होगा.
करीब 13 पंचायत आयेंगे सीमांकित क्षेत्र में
छह किमी के आसपास होगा दायरा
राजस्व में भी होगी बढ़ोतरी होगी, आय का स्रोत बढ़ेगा
चारों दिशाओं के क्षेत्र शामिल
नगर परिषद क्षेत्र का प्रस्तावित दायरा उत्तर दिशा में मुक्तापुर रेल गुमटी तक होगा. वहीं दक्षिण दिशा में विश्वकर्मा चौक, मुसरीघरारी, पूर्व दिशा में चांदनी चौक, जितवारपुर तक होगा, जबकि पश्चिम दिशा में जेल चौक, दुधपुरा तक का सीमांकित क्षेत्र है़ शहर के अगल-बगल सटे कई क्षेत्रों के लोगों को पानी आदि की सुविधा नगर परिषद से उपलब्ध करायी जायेगी़ नगर परिषद में शामिल होने के बाद राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी़ आय का स्रोत भी दोगुना हो जायेगा़ जल्द ही धरातल पर इसे मूर्त रूप दिया जायेगा़ करीब 13 पंचायत सीमांकित क्षेत्र में आयेंगे.