समस्तीपुर : बैंकों में नोटों की अदला-बदली के लिये गुरुवार की तिथि तो तय कर दी गयी. मगर कई बैंकों को 500 व 2000 के नोट शाम तक उपलब्ध नहीं हो पाये थे. इसमें यूनियन बैंक की शाखाएं, डाक घर आदि शामिल थे. ग्राहकों की भीड़ तो इन बैंकों की शाखाओं में नोट बदलने के लिये जुट रही थी. मगर उनके हाथ सिर्फ खुदरे सिक्के ही लग रहे थे.
इस बाबत जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक भागीरथ साव ने बताया कि जिले के बैेकों की शाखाओं में बेगूसराय चेस्ट से रुपये आते है. यहां से ही रुपये लेकर गाड़ी आती है तथा वह बैंकों की शाखाओं को उपलब्ध करा दी जाती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर उन्हें शेष बैंकों को राशि मिलने की सूचना नहीं है. इसमें यूनियन बैंक की शाखायें भी सम्मलित है.
दो फीसदी की जगह चल रहे 20 फीसदी नोट: आर्थिक विकास का खाका विकास दर से नापी जाती है. रुपये के इस बदलाव के संदर्भ में बात करते हुये एलडीएम भागीरथ साव ने बताया कि जीडीपी के आंकड़ें को देखे तो मात्र दो फीसदी नोट ही बाजार में चलना चाहिए. जबकि अभी बाजार में कुल नोट का 20 फीसदी नोट चल रहा है. जिसके कारण काला धन व नकली नोट की बड़ी खेप बताया जा रहा है. रुपये के इस बदलाव के कारण बाजार में एक बार फिर स्थिर स्थिति तक पहुंच पायेगा. कई कारणों से नोटों को वापस बुलाया गया है.
पहले तो काला धन पर रोक, आंतकवादी गतिविधियों में दूसरे देशों से भारतीय मुद्रा का प्रयोग, नक्सल वादियों की ओर से जो लेवी ली जाती है. वह नगद मे रहती है. ऐसी राशियों को निष्क्रीय करना, राजनीतिक दलों के पास जो जमा राशि होती है उसपर लगाम कसना, काला धन पर रोक लगाना शामिल है.
बेगूसराय चेस्ट से आता है पैसा
डाक विभाग में तीन बजे के बाद शुुरू हुई अदला-बदली
प्रधान डाक घर में सुबह आठ बजे से ही ग्राहकों की भीड़ जमा हो गयी थी. लोगों की भीड़ को देखते हुये काउंटर पर नगद राशि उपलब्ध नहीं होने की सूचना चस्पा दी गयी थी. आखिरकर तीन बजे के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा से दस के सिक्के व नोट के 2 पैकेट लगभग 70 हजार की राशि उपलब्ध करायी गयी. जिसके बाद डाक परिसर के बाहर काउंटर खोलकर रुपये का अदला बदली शुरु हुआ. सिर्फ 10 मिनट में ही 50 से अधिक लोगों की भीड़ काउंटर पर लग गया.