समस्तीपुरः उत्तर बिहार से गुजरने वाली बागमती, अधवारा समूह और सी दी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वैसे अधिकतर नदियों का संकेत अब जल स्तर में गिरावट वाला ही मिलने लगा है. जिससे ‘हैवक रेन फाल’ की संभावनाओं के बीच सुकून भरी निगाह से देखा जा रहा है.
बाढ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय समस्तीपुर के जूनियर इंजीनियर मदन कुमार के मुताबिक बागमती नदी बेनीबाध, अधवारा समूह दरभंगा के एकमीघाट, कमला बलान झंझारपुर और कोसी नदी बसुआ व कुरसेला में खतरे के निशान को पार गयी है. शेष स्थानों पर इन नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है. जबकि बूढी गंडक नदी खगड़िया को छोड़ कर सभी स्थानों पर खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है. अहिरबलिया और मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर में इसका जल स्तर स्थिर हो गया है. शेष स्थानों पर बूढ़ी गंडक का जलस्तर तेजी से नीचे उतर रहा है.
इसी तरह बागमती नदी बेनीबाध में स्थिर हो गयी है तो रुन्नीसैदपुर और हायाघाट में इसका जल स्तर नीचे उतरने लगा है. अवधावारा समूह एकमीघाट में बढ रही है तो कमतौल में इसका जल स्तर नीचे उतरने लगा है. कमला बलान भी नीचे उतर रहा है. कोसी की धारा बलतारा में तेजी से उपर बढ रही तो बसुआ और कुरसेला में नीचे उतर रही है. इसी तरह भुतही बलान का जल स्तर झंझारपुर में नीचे उतरने लगा है. वहीं जिले के विद्यापतिनगर, पटोरी, मोहिउद्दीननगर और मोहनपुर में करीब दो महीनों से बाढ का ताडंव मचाने वाले गंगा की धारा भी तेजी से नीचे की ओर मुखातिब है. अगले चौबीस घंटे में नदियों के मूड में कोई अधिक बदलाव के संकेत भी नहीं नजर आ रहे हैं. जिससे ‘हैवक रेन फाल’ वाली स्थिति बनने पर ये नदियां आफत से बचाने में काफी हद तक सहायक बनने की स्थिति में पहले से तैयार नजर आ रही है.