दिल्ली अग्निकांड : ….जब असलम ने अपनी मां से कहा- मां मुझे माफ करना, हमलोग नहीं बचेंगे

समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया व सहरसा में मातम रोसड़ा (समस्तीपुर) : दिल्ली में बैग फैक्टरी में आग लगने की घटना में में रोसड़ा के मो नौशाद की मौत हो गयी. मृतक मो नौशाद की मां अरब्बो खातून भी बीमार चल रही है.उसे मस्तिष्क का ऑपरेशन हुआ है, जो फिलहाल बेड पर पड़ी हुई है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 10, 2019 9:07 AM
समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया व सहरसा में मातम
रोसड़ा (समस्तीपुर) : दिल्ली में बैग फैक्टरी में आग लगने की घटना में में रोसड़ा के मो नौशाद की मौत हो गयी. मृतक मो नौशाद की मां अरब्बो खातून भी बीमार चल रही है.उसे मस्तिष्क का ऑपरेशन हुआ है, जो फिलहाल बेड पर पड़ी हुई है. नौशाद की पत्नी परवीन खातून का रो-रो कर बुरा हाल है.
इसमें मो असलम बुरी तरह से झुलस गये़ मृत नौशाद के चाचा मो निसार ने बताया कि मो. इशरत के पुत्र मो. असलम (30) अंदर आग व धुआं में झुलस रहे थे. उसी समय असलम ने अपनी मां नसीमा बेगम को फोन कर घटना की पूरी जानकारी दी थी. असलम गंभीर रूप से घायल हो गया. वह फिलहाल दिल्ली के अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझते हुए आइसीयू वार्ड में भर्ती है. असलम ने मां से कहा था कि बैग फैक्टरी में भयानक आग लगी हुई है. काफी धुआं है. कुछ दिखायी नहीं दे रहा है. दम घुट रहा है. फैक्टरी के ऊपर और नीचे के सभी गेट बंद हैं.
बाहर भी नहीं निकल सकते हैं. असलम ने मां से कहा कि वह अब नहीं बचेंगे. पत्नी एवं छोटे-छोटे तीन बेटों को देखते रहने की बात कही. साथ ही मां से कहा कि दूध का कर्ज माफ कर देना. इस बात को सुनकर नसीमा बेगम की मानो पैरों तले की जमीन खिसक गयी. घर में हाहाकार मच गया. सभी एक दूसरे से संपर्क साधना शुरू कर दिये.
लापता जीजा व साले की मिली लाश : दरभंगा. दिल्ली में लगी आग के बाद अलीनगर विशनपुरडीह के लापता दो लोगों का शव सोमवार को मिला. दिल्ली पहुंचे परिजन ने अस्पताल में दोनों शवों की शिनाख्त की. विशनपुरडीह निवासी मो. हकीम के 10 वर्षीय पुत्र आदिल एवं दामाद अखलाक की मौत हो गयी. वहीं उनके दो पुत्रों मो. परवेज व मो. गुलरेज गंभीर रूप से जख्मी हैं. दोनों का इलाज स्थानीय अरविंद अस्पताल में चल रहा है. अखलाक, परवेज व गुलरेज उसी फैक्टरी में काम करते थे. आदिल उनके साथ रहकर पढ़ाई करता था.
अपनों की मौत की खबर सुनते ही सन्नाटे में आये लोग, कई गांवों में नहीं जले चूल्हे
अब्दुल अजीज के पुत्र अबुल कैश को छूकर निकल गयी मौत
दरभंगा/कमतौल. दिल्ली अगलगी की घटना में विशनपुरडीह निवासी अब्दुल अजीज के पुत्र अबुल कैश की जान किस्मत से बच गयी.
बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से किसी तरह सलामत बाहर निकल गया. अपने परिजनों से बात कर खुद की सलामती बतायी. मौत के मुंह से बाहर निकलने के बावजूद वह खौफ में डूबा है. कैश ने बताया कि इस फैक्टरी में पहले से काम करने वाले ग्रामीण के साथ चार महीने पहले ही दिल्ली आया था. आठ दिसंबर को चार महीना पूरा होता, लेकिन दुर्घटना हो गयी.
अल्लाह हो अल्लाह ई तू कइसन दिन देखयला
सीतामढ़ी/बोखड़ा. जिला मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर दूर बोखड़ा प्रखंड के तीन गांवों का परिवार दिल्ली के फिल्मीस्तान स्थित बैग फैक्टरी में लगी आग से सीधे तौर पर प्रभावित है. इसमें बुधनगरा वार्ड नंबर-एक निवासी इस्लाम राइन के पुत्र गुलाब राइन, मो आलमगीर राइन के पुत्र मो दुलारे राइन, जैनुल नद्दाफ के पुत्र अब्बास नद्दाफ, बोखड़ा वार्ड नंबर-आठ निवासी नेसारूल हक के पुत्र सनाउल्लाह एवं झिटकी वार्ड नंबर-13 निवासी मो ऐनुल के नाम शामिल हैं.
सोमवार की सुबह मृतकों की सूची में सनाउल्लाह के भाई मो अयानतुल्लाह का नाम भी जुड़ गया. पुत्र की मौत की खबर सुनकर मो आलमगीर राइन को गहरा सदमा लगा है. वह बस इतना कहा कि अल्लाह हो अल्लाह ई तू कइसन दिन देखयला़ वहीं, गुलाब व दुलारे के घर की महिलाएं, लड़कियां व बच्चे आपस में लिपटकर ऐसे रो रहे हैं कि देखने वाले भी अपने आंखों की आंसू रोक नहीं पा रहे. दुलारे की पत्नी सुसनुदा खातून तीनों पुत्र तीन साल के मो आसिफ, डेढ़ साल के मो आमिर एवं 15 दिनों के मो अरबाज से लिपटकर दहाड़े मार रही है. बच्चे भी पिता के वियोग में बिलख रहे हैं.
अररिया के हिंगुवा में पसरा रहा मातमी सन्नाटा
भरगामा (अररिया). दिल्ली में हुए हादसे के बाद हिंगवा गांव के मृत मजदूर मो अयूब व मो जाहिद का परिवार सदमे में है. यहां मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. परिवार के सदस्यों का आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है.
हर सदस्य रट लगा रहा था कि बाबू 10 तारीख को घर आने के लिए गाड़ी पकड़ने वाला था. लेकिन आठ तारिख को ही अचानक यह क्या होगा. जाहिद ने अपनी पत्नी अफसरी खातून को बताया था कि मालिक सोमवार को हिसाब कर पैसा देगा, जिसके बाद बच्चों के लिए कपड़ा, जूती, स्वेटर खरीद कर लायेंगे. इस घटना के बाद हिंगुवा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा. हर व्यक्ति सदमें में दिखा. पूरे गांव में लोग सोमवार को दिन भर इसी घटना की चर्चा करते दिखे.

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