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विवि को जीरो लेवल से उठाना आसान नहीं: कुलपति

विवि को जीरो लेवल से उठाना आसान नहीं: कुलपति प्रभात खासफोटो- कैंपस 1कैप्शन- पीजी रसायन शास्त्र विभाग में प्रायोगिक परीक्षा देते परीक्षार्थी फोटो- कैंपस 2कैप्शन- डाॅ विनोद कुमार, कुलपति, भूपेंद्र नारायण मंडल विवि, मधेपुरा प्रतिनिधि, मधेपुराभूपेंद्र नारायण मंडल विवि की शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर प्रभात खबर से खास बातचीत में कुलपति डाॅ विनोद कुमार ने […]

विवि को जीरो लेवल से उठाना आसान नहीं: कुलपति प्रभात खासफोटो- कैंपस 1कैप्शन- पीजी रसायन शास्त्र विभाग में प्रायोगिक परीक्षा देते परीक्षार्थी फोटो- कैंपस 2कैप्शन- डाॅ विनोद कुमार, कुलपति, भूपेंद्र नारायण मंडल विवि, मधेपुरा प्रतिनिधि, मधेपुराभूपेंद्र नारायण मंडल विवि की शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर प्रभात खबर से खास बातचीत में कुलपति डाॅ विनोद कुमार ने कहा कि विवि को जीरो लेवल से उठाना आसान नहीं है. कुलपति ने कहा कि इस विवि का ग्राफ जीरो लेवल से भी नीचे चले गया था, लेकिन विवि के शैक्षणिक व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त कर इसे उठाने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है. विवि में इन दिनों पीजी प्रीवियस व फाइनल की प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. विभागों में आधारभूत संरचनाओं के अलावा प्रयोगशाला कक्ष की कमी है. वहीं विवि में पीजी गणित, पीजी संस्कृति, पीजी मैथिली व पीजी उर्दू विभाग में छात्र नामांकित है, लेकिन विवि परिसर में इन विषयों के विभागों का कहां संचालन हो रहा, किसी को मालूम नहीं. विवि के इन ज्वलंत मुद्दों को प्रभात खबर द्वारा उठाये जाने पर कुलपति ने कहा कि विवि को नैक से मान्यता मिले, इसके लिए विभागों में वर्ग कक्ष, प्रयोगशाला कक्ष को सुदृढ़ करना ही होगा. इसके बिना नैक की मान्यता नहीं मिलेगी और यूजीसी से मिलने वाली अनुदान की राशि से वंचित होना पड़ेगा. कुलपति ने कहा कि गत दिनों विभागाध्यक्षों की बैठक बुला कर इस दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया गया था. वहीं विवि प्रशासन नैक के मापदंडों को पूरा करने के लिए प्रयासरत है.अभी एबीसीडी का पढ़ाया जा रहा पाठ कुलपति ने कहा कि प्रशासनिक व शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एबीसी डी से कार्य शुरू किया गया है. यहां के कुछ ऐसे पीजी विभागाध्यक्ष व पदाधिकारी है, जिन्हें पत्र लिखने के तौर तरीके मालूम नहीं है. कार्य के प्रति पहले इनको सजग किया गया, फिर गलतियों में सुधार कर आवश्यक निर्देश दिये. धीरे- धीरे विवि की शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लौट रही है. इस दिशा में विवि प्रशासन का पहला प्रयास सफल रहा है.डीपी के बाद नये परिसर में शिफ्ट होगा पीजी विभाग मधेपुरा-सिंहेश्वर मुख्य पथ एनएच 107 पर सबैला गांव के निकट करोड़ों की लागत से विवि का नया भवन बन कर तैयार है. इस संबंध में कुलपति डाॅ विनोद कुमार ने कहा कि नये परिसर में पीजी विभाग को डीपी बाद शिफ्ट किया जा सकता है. इससे पीजी विभागों की सारी समस्याओं का हल निकल जायेगा.उन्होंने कहा कि नये परिसर में बिजली पानी की समस्या को दूर करने के लिए विवि प्रशासन लगातार प्रयासरत है. नये परिसर में झूठ पकड़ने वाली मशीन का होगा प्रयोग कुलपति ने कहा कि विवि के नये परिसर में वर्ग कक्ष व प्रायोगिक कक्ष के संचालन को पर्याप्त जगह है. इसके लिए विभागाध्यक्षों को बैठक में निर्देश दिया गया था कि नये भवन में प्रायोगिक कक्ष को स्थापित करें. जगह की कमी दूर होने के पश्चात प्रायोगिक कक्ष अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. छात्रों को कई नयी चीजों की जानकारी मिलेगी. जिसमें झूठ पकड़ने वाली मशीन का प्रयोग किया जायेगा.31 दिसंबर तक करना होगा व्यवस्था को सुदृढ़ कुलपति ने कहा कि विवि के शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए एक व्यक्ति का नहीं सबका प्रयास होना जरूरी है. इसी तरह नैक से मान्यता मिले, इसके लिए सबको तन मन से लगना होगा. विवि के सभी शिक्षक, पदाधिकारी व कर्मी सजगता से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें तो 31 दिसंबर तक विवि को नैक से मान्यता मिल सकती है, अगर ऐसा नहीं होता है तो विवि को मिलने वाली अनुदान की राशि पर ब्रेक लग जायेगा.

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