ट्रैक की सुरक्षा के लिए बने छह प्वाइंट 15 हजार मीट्रिक टन बोल्डर किया स्टोर

सहरसा : मॉनसून में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर डिवीजन स्तर पर सहरसा-मानसी रेलखंड के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत आवश्यक गाइडलाइन भी तैयार किया गया है. 15 जून से 15 अक्टूबर तक के बीच 42 किलोमीटर सहरसा-मानसी रेलखंड पर 24 घंटे विशेष रूप से पेटोलिंग की व्यवस्था होगी. सुरक्षा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 14, 2019 7:04 AM

सहरसा : मॉनसून में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर डिवीजन स्तर पर सहरसा-मानसी रेलखंड के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत आवश्यक गाइडलाइन भी तैयार किया गया है. 15 जून से 15 अक्टूबर तक के बीच 42 किलोमीटर सहरसा-मानसी रेलखंड पर 24 घंटे विशेष रूप से पेटोलिंग की व्यवस्था होगी. सुरक्षा को लेकर छह प्वाइंट बनाए गए हैं. डुमरा, भैंग, बैजनाथपुर, कोपरिया, मोहम्मदपुर व सडौंल स्टेशनों पर प्वाइंट बनाए गए हैं.

वहीं सहरसा, समस्तीपुर व दरभंगा में सीमेंट बैग रखने का भंडार बनाया गया है. 15 हजार मैट्रीक टन बोल्डर भी स्टोर कर लिया गया है. सैंड बैग के लिए कई स्टेशनों पर स्टोर बनाए गए हैं. स्टोन डस्ट को काफी मात्रा में रिजर्व किया गया है. ताकि आवश्यकता आने पर तुरंत मौके पर भेजा जा सके.
फनगो हॉल्ट पर रहेगी विशेष नजर: समस्तीपुर डिवीजन के सीनियर डीइएन कोर्डिनेशन अनिल प्रकाश ने बताया कि फनगो हॉल्ट के पास कोसी नदी रेल पुल पर विशेष चौकसी रखी जा रही है.
यहां चार स्पर हैं. 15 जून से जीपीएस मशीन के आधार पर जलस्तर मालूम किया जायेगा. जीपीएस में ऐसी तकनीक होगी डिवीजन में बैठे कंट्रोल अधिकारी 24 घंटे इसकी रिपोर्ट तुरंत ले सकेंगे.
वहीं रेल अधिकारी अभी से ही ट्रैक निगरानी के लिए लगाए गए हैं और रिपोर्ट लगातार डिवीजन को उपलब्ध करा रहे हैं. बता दें कि सहरसा-मानसी रेलखंड पर मॉनसून के दौरान भारी बारिश और नेपाल से पानी छोड़ने पर कई बार जलस्तर ट्रैक के पास पहुंच जाता है. जिससे कई बार सहरसा-मानसी रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद करना पड़ता है.
पानी जमा होने पर नहीं होगा सिग्नल फेल: डीएसटी डीके चांद ने बताया कि मॉनसून के दौरान रेलवे ट्रैक के बीच पानी जमा होने पर सिग्र्नल फेल नहीं होगा. इसके लिए सहरसा-मानसी रेलखंड के सभी ब्रिज पर एक्सल काउंटर लगाया जाएगा. वर्तमान में बैजनाथ स्टेशन के पास पुल पर लगाया गया है.
कई बार रेलवे ट्रैक पर ट्रेन नहीं रहने के बावजूद एसएस कार्यालय में बोर्ड पैनल में दिखाई देता है कि ट्रेन खडी है. ऐसे में सिग्नल रेड रहता है. लेकिन एक्सल काउंटर लगने के बाद अगर रेलखंड पर ट्रेन गुजरती है तो रेल चक्का की काउंटिंग से यह साबित होगा कि ट्रेन वर्तमान में कहां से निकली है और पैनल बोर्ड ग्रीन रहेगा. एक्सल काउंटर सहरसा-मानसी रेलखंड के प्रत्येक स्टेशनों के एडवांस आउटर सिग्नल पर लगाया जाएगा.

Next Article

Exit mobile version