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रोहतासगढ़ पंचायत के 27 गांवों में पेयजल संकट से टल रहीं शादियां, पानी की कमी से बिना तिलक के गयी बारात

रोहतासगढ़ पंचायत के 27 गांवों में पेयजल संकट से शादियां टल रहीं है. कैमूर पहाड़ी की पिपरडी व रोहतासगढ़ पंचायत के लोगों को पानी के लिए एक से पांच किलोमीटर तक की दूरी तय कर चुएं से पानी लाना पड़ रहा है.

रजी अहमद खां/रोहतास. भीषण गर्मी में कैमूर पहाड़ी की रोहतासगढ़ पंचायत के 27 गांवों में पीने के पानी की किल्लत लोगों को काफी सता रही है. हालत यह है कि जल स्तर काफी नीचे जाने से पहाड़ पर वनवासियों को चापाकल-कुएं के साथ नदी-चुएं भी साथ छोड़ने लगे हैं. ऐसे में किसी के घर में शादी है, तो बारातियों के लिए पीने के पानी का इंतजाम नहीं हो पा रहा है. लिहाजा, कई घरों में शादी की तिथियां बढ़ा दी गयी हैं. एक परिवार ने तो बगैर तिलक ही बरात ले जाना मुनासिब समझा, क्योंकि तिलक में लोगों को दरवाजे पर बुलाना पड़ता है और उनके नाश्ते-खाने के बाद पानी की आवश्यकता होती है, जो संभव नहीं था. ऐसे में दूल्हे ने तिलक की रस्म न कर सीधे बरात ले जाने का फैसला लिया.

  • जल स्तर गिरने से चापाकल-कुएं के साथ नदी-चुएं भी छोड़ने लगे साथ

  • चुएं से पानी लाने के लिए भोर होने से पहले ही निकलती हैं महिलाएं

  • चुएं से एक व्यक्ति को 10 से 15 लीटर तक ही पानी लेने की इजाजत

शादी-विवाह की टलने लगी तिथियां

कैमूर पहाड़ी की पिपरडी व रोहतासगढ़ पंचायत के लोगों को पानी के लिए एक से पांच किलोमीटर तक की दूरी तय कर चुएं से पानी लाना पड़ रहा है. जंगल के प्राकृतिक चुएं से पानी लाने के लिए महिलाओं को भोर (सुबह) होने से पहले घर से निकलना पड़ता है. इसमें भी एक व्यक्ति को 10 से 15 लीटर तक ही पानी लेने की इजाजत है, ताकि सभी लोगों को कम-से-कम प्यास बुझाने के लिए पानी मिल सके. बड़का बुधवा, रानी बाग, भूलना, भवन तलाव, नागा टोली जैसे कई गांवों में स्थिति यह बन गयी है कि लोग पानी के बिना अपने यहां शादी-विवाह की तिथियों को टालने लगे हैं.

पानी की किल्लत से तिलक करना पड़ा रद्द

चवढ़िया निवासी विश्वनाथ भुइंया की लड़की की शादी पिछले 27 अप्रैल को तय हुई थी. मगर, पानी न होने से नौ मई को मुखिया द्वारा वन विभाग से पानी के टैंकर मंगवा कर उनकी पुत्री रिंकी कुमारी की शादी किसी तरह करायी गयी. इसी तरह आमडी निवासी राजनाथ चेरो की लड़की की शादी पानी के टैंकर से व्यवस्था करने के बाद रखी गयी और शादी की गयी. माधा निवासी कन्हाई चेरो पिता स्वर्गीय शोभी चेरो का तिलक चार मई और बरात नौ मई को रखी गयी थी, मगर पानी की वजह से तिलक रद्द कर सीधे बरात 20 मई को ले जायी गयी और शादी की गयी.

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वन विभाग का टैंकर बना सहारा

रोहतासगढ़ पंचायत के मुखिया नागेंद्र यादव ने बताया कि पीएचइडी से टैंकर की व्यवस्था नहीं की जा रही है. लेयर भाग जाने से सभी चापाकल-कुएं सूख चुके हैं. वनवासियों को जो चुओं का सहारा था, वे भी दम तोड़ने लगे हैं. वन विभाग द्वारा टैंकर देने पर इधर कई शादियाें को संपन्न कराया गया. पानी की व्यवस्था के हिसाब से शादी को आगे-पीछे की तिथि बदल कर किया जा रहा है. टैंकर में पानी रोहतास मुख्यालय से भर कर पहाड़ पर पहुंचा कर लोगों की शादियां करायी जा रही हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

बीडीओ मनोज पासवान ने बताया कि गर्मी की वजह से कैमूर पहाड़ी की तलहटी से लेकर पहाड़ तक का पानी का लेयर भाग चुका है, जिससे पानी की समस्या हो रही है. फिर भी लोगों की मांग के अनुसार विभाग को आदेश देकर टैंकर भेजवाया जा रहा है. रोहतासगढ़ पंचायत के लगभग सभी गांवों की दूरी काफी है. इस वजह से कुछ परेशानियां हो रही हैं.

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