सासाराम. जमाबंदी को लेकर अब फर्जीवाड़ा नहीं होगा. इसके लिए रैयती जमीन की जमाबंदी को मोबाइल नंबर व आधार नंबर से लिंक किया जायेगा. इसकी शुरुआत बुधवार से नोखा अंचल में कर दी गयी है. विभाग के अनुसार, रैयत अपनी रजामंदी से जमीन की जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करा सकते हैं.
22 भाषाओं में देख सकेंगे जमाबंदी
इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से एक साथ तीन सुविधाएं लागू की जा रही हैं. इनमें राजस्व कर्मचारी मोबाइल एप, जमाबंदी को हिंदी, उर्दू और मैथिली सहित 22 भाषाओं में देखे जाने की सुविधा और सभी जमाबंदियों की स्वैच्छिक आधार पर मोबाइल व आधार नंबर सीडिंग अभियान शामिल है. इस तरह से सभी जमाबंदी स्वैच्छिक आधार पर मोबाइल व आधार नंबर से जोड़ी जायेगी. जमाबंदी रैयत के स्वैच्छिक रूप से आधार, मोबाइल नंबर से संबंधित आंकड़ों की प्रविष्टि की जायेगी. इससे जमाबंदी को लेकर अब कोई धांधली या फर्जीवाड़ा नहीं होगा. पूरी पारदर्शिता के साथ रैयती जमीन की जमाबंदी होने की उम्मीद बढ़ गयी है.
पारदर्शिता के साथ कार्यों में आयेगी तेजी
विभाग के अनुसार, तीन सुविधाओं में से एक राजस्व कर्मचारी मोबाइल एप है, जिसके जरिये राजस्व कर्मचारियों के कार्यों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जायेगी. यह पहल विभाग की गतिविधियों को पारदर्शी बनाने के लिए की जा रही है. इससे काम में भी तेजी आयेगी. इस मोबाइल एप के जरिये जमाबंदी से जुड़े सभी तरह के काम ऑनलाइन किये जा सकेंगे.
रैयत की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य का जुड़ेगा आधार नंबर
विभाग के अनुसार, रैयत की मृत्यु होने पर परिवार के सदस्य का मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा. संयुक्त जमाबंदी की स्थिति में स्वैच्छिक आधार पर रैयतों की सूचना दर्ज होगी. दाखिल-खारिज आवेदनों में अभियान के तहत सूचनाओं का उपयोग करते हुए पारदर्शिता लायी जायेगी.
जमाबंदी को अब मोबाइल और आधार नंबर से लिंक किया जायेगा
रोहतास जिले के नोखा अंचल के सीओ सुमन कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार, रैयती जमीन की जमाबंदी को अब मोबाइल और आधार नंबर से लिंक किया जायेगा. इससे संबंधित कार्य शुरू कर दिया गया है. अब रैयत अपनी रजामंदी से जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर पर लिंक करा सकते हैं.