रोहतास के पांच एसआई निलंबित, भोजपुर के 14 सीओ तलब, जानें क्या है मामला

रोहतास के पांच एसआई को निलंबित कर दिया गया है. वहीं हाईकोर्ट ने भोजपुर के 14 सीओ को एक दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होकर अब तक की गयी कार्रवाईयों से अवगत कराने का आदेश दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2022 1:08 PM

सासाराम. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. भोजपुर जिले में वर्ष 2016-17 में चिह्नित सैकड़ों जल स्रोतों अब भी कब्जे की सूचना पर जिले के सभी 14 सीओ को एक दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होकर अब तक की गयी कार्रवाईयों से अवगत कराने का आदेश दिया गया है. वहीं, रोहतास के करगहर प्रखंड के सीढ़ी ओपी क्षेत्र के रीवा गांव में सरकार की 50 डिसमिल जमीन से मुकम्मल रूप से अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में हाइकोर्ट के आदेश पर एसपी आशीष भारती ने करगहर थाना व सीढ़ी ओपी में 2018 से अबतक पदस्थापित पांच थानाध्यक्षों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया. कार्रवाई की जद में पांचों वर्तमान समय में दूसरे थानों में पदस्थापित हैं.

करगहर थाना और सीढ़ी ओपी में तैनात रहे पांच थानेदार निलंबित

एसपी के अनुसार, 15 मार्च 2018 से लेकर अबतक करगहर थाना और सीढी ओपी में पदस्थापित वर्तमान के करगहर थाना के थानाध्यक्ष नरोत्तम चंद्र, शिवसागर थानाध्यक्ष सुशांत कुमार मंडल, धौडाढ़ चौकी के अध्यक्ष राकेश कुमार, तत्कालीन करगहर थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा और सीढ़ी ओपी के तत्कालीन ओपी अध्यक्ष नरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इनमें से करगहर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा व नरेंद्र कुमार वर्तमान समय में नालंदा जिले के अलग-अलग थानों में पदस्थापित हैं. एसपी ने बताया कि सीढ़ी ओपी के तत्कालीन थानाध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा वर्तमान में मद्य निषेध विभाग में तैनात हैं. उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.

हाइकोर्ट ने दिया कार्रवाई का निर्देश

एसपी ने बताया कि सीढ़ी ओपी क्षेत्र के रीवां गांव में सरकार की 50 डिसमिल जमीन पर गांव के ही 14 लोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर उक्त जमीन पर कच्चा और पक्का निर्माण कर लिया था. इसके विरुद्ध रीवा गांव निवासी बच्चु राय ने 15 मार्च 2018 को हाइकोर्ट में सीडब्लूजेसी परिवाद सख्या 5534 दायर किया था, इसी परिवाद की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने में असफल रहनेवाले पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

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