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कुव्यवस्था से सिसक रहा अस्पताल

सासाराम (कार्यालय) : जिम्मेवारी तो है पूरे जिले को स्वस्थ रखने की, लेकिन स्थिति ऐसी है कि कुव्यवस्था के आलम में किसी तरह घिसट रहा है रोहतास का सदर अस्पताल. कहने को तो जिला का अग्रणी अस्पताल है, लेकिन व्यवस्था ऐसी है कि स्वस्थ व्यक्ति भी दो-चार दिन लगातार चला जाये, तो बीमार हो जाये. […]

सासाराम (कार्यालय) : जिम्मेवारी तो है पूरे जिले को स्वस्थ रखने की, लेकिन स्थिति ऐसी है कि कुव्यवस्था के आलम में किसी तरह घिसट रहा है रोहतास का सदर अस्पताल. कहने को तो जिला का अग्रणी अस्पताल है, लेकिन व्यवस्था ऐसी है कि स्वस्थ व्यक्ति भी दो-चार दिन लगातार चला जाये, तो बीमार हो जाये.

ओपीडी, इमरजेंसी हो या जनरल वार्ड सभी की हालत खराब है. दो रुपये में परची कटा डॉक्टर से सलाह लेने की व्यवस्था जरूर है, लेकिन आधा मिनट में डॉक्टर क्या सलाह देते होंगे और मरीज कितना अमल कर पाते होंगे, आसानी से समझा जा सकता है.

एक माह पहले जिले के सबसे बड़े अस्पताल में नये डॉक्टरों की तैनाती तो की गयी, लेकिन उस पर पूरी तहर अमल आज तक नहीं हो सका. कई डॉक्टर तो अभी भी लंबी छुट्टी पर हैं. वहीं कइयों ने अपना योगदान भी नहीं दिया है. स्वास्थ्य विभाग पर जिम्मेदारी तो सभी को स्वस्थ रखने की है लेकिन सदर अस्पताल की हालत देख लगता है कि यह विभाग खुद ही बीमार है.

टॉर्च के सहारे देते हैं इंजेक्शन

बिजली की समस्या सदर अस्पताल के हमेशा से रही है. यदि बिजली न रहे तो जेनेरेटर के सहारे किसी तरह काम चलता है. लेकिन, बिजली आने पर तो सालों भर यहां लो वोल्टेज की समस्या बरकरार रहती है. टॉर्च के सहारे यहां इंजेक्शन देना और टांका दिया जाता है. रात में कभी भी इमरजेंसी में मरीजों का सहारा तो यहां टॉर्च ही साबित होता है.

बंद हैं एक्सरे व अल्ट्रासाउंड

अस्पताल में व्यवस्था तो एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की है, लेकिन जिस संस्था को यह काम मिला है उस का पेमेंट पिछले डेढ़ वर्षो से न होने से एक्सरे व अल्ट्रासाउंड रूम में ताला लग गया है. नतीजतन गरीब व असहाय रोगियों को एक्सरे के लिये बाहर जेबें ढीली करनी पड़ रही है. यह हाल उस अस्पताल का है जहां इमरजेंसी खर्च के लिए 50 लाख रुपये सालों भर पड़े रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग पटना का स्पष्ट निर्देश है कि जिला स्तर के अस्पताल व्यवस्था को चलाने के लिये इन पैसों में से कभी भी कार्य कर सकता है तो फिर गरीबों का एक मात्र सदर अस्पताल इसका इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रहा है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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