16 खराब चापाकल बयां कर रहे व्यवस्था की कहानी
सासाराम कार्यालय : पेयजल आपूर्ति चाहे शहरी इलाके में हो या ग्रामीण परिवेश में, सरकार की योजनाओं का वास्तविक लाभ उन लोगों तक अभी भी नहीं मिल पा रहा है. पानी की घोर किल्लत है. बात यदि शहरों की करें तो पिछले तीन वर्षो में शहरी क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के तहत 107 चापाकल लगाये […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
July 16, 2013 1:45 PM
सासाराम कार्यालय : पेयजल आपूर्ति चाहे शहरी इलाके में हो या ग्रामीण परिवेश में, सरकार की योजनाओं का वास्तविक लाभ उन लोगों तक अभी भी नहीं मिल पा रहा है. पानी की घोर किल्लत है. बात यदि शहरों की करें तो पिछले तीन वर्षो में शहरी क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के तहत 107 चापाकल लगाये गये. सभी चापाकल चेन बोरिंग करके लगाये गये, जिन्हें हीरा बोरिंग भी कहते हैं.
...
लेकिन, इनका हालत क्या है, कितने चापाकलों का लाभ लोगों को मिल रहा है. यह देखने व जांच का विषय हो सकता है. आपको जान कर हैरानी होगी कि इनमें से आधा से से अधिक चापाकल गरमी शुरू होते ही जवाब दे चुके हैं.
यहां विभाग व पर्षद की निष्क्रियता से इन चापाकलों में व्यय हुए रुपये पानी में ही बह गये. यहां पार्षदों की भूमिका भी शक के दायरे में रही है.
ये भी पढ़ें...
November 27, 2025 12:22 PM
November 25, 2025 10:12 AM
November 13, 2025 2:22 AM
Bihar Election 2025: काराकाट में सियासी बवाल! निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति सिंह समेत पूरे परिवार पर FIR
November 12, 2025 7:16 PM
November 11, 2025 3:29 PM
Bihar Election 2025: बिहार के इस जिले में नहीं खिलेगा कमल, पीएम मोदी ने की थी बड़ी जनसभा, जानिये वजह
October 19, 2025 10:46 AM
October 8, 2025 11:59 AM
September 29, 2025 12:15 PM
September 29, 2025 7:56 AM
September 27, 2025 4:35 PM
