नहीं मिली एंबुलेंस तो जिस ठेले को चला कर भरते थे पेट, मौत के बाद उसी पर लदकर पहुंचे घर

रोहतास : बिहार में रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों की घोर लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है. डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक मरीज की मौत हो गयी. लोगों का कहना है कि इलाज में देरी होने के कारण नगर पंचायत के वार्ड एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2018 9:52 PM

रोहतास : बिहार में रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों की घोर लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है. डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक मरीज की मौत हो गयी. लोगों का कहना है कि इलाज में देरी होने के कारण नगर पंचायत के वार्ड एक के निवासी साठ वर्षीय आदर भगत की मौत हो गयी. यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है.

मानवता को शर्मसार करनेवाली बात यह है कि आदर भगत की मौत के बाद शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस देने से साफ मना कर दिया. इसके बाद वह जिस ठेले को चला कर परिवार का भरण-पोषण करते थे, उनके शव को उसी पर लाद पर घर ले जाया गया.

गौरतलब है कि शुक्रवार की दोपहर पेट दर्द होने की शिकायत पर इलाज के लिए बेटा सुनील भगत व पत्नी सुंदरी देवी ठेले पर लाद कर अस्पताल ले गये. बेटे ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि पुर्जा कटवाने के बाद ओपीडी में तैनात डॉक्टर से गिड़गिड़ा और रो-रोकर इलाज शुरू करने की गुजारिश करते रहे. लेकिन, डॉक्टर ने एक नहीं सुनी. फलस्वरूप आधे घंटे में दर्द से तड़पते हुए उसके पिता ने दम तोड़ दिया. मानवता को शर्मसार करने वाली घटना तब हुई, जब मौत के बाद मृतक के बेटा व पत्नी ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, तो अस्पताल प्रशासन ने यह कहते हुए साफ इन्कार कर दिया कि शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दी जाती है.

एंबुलेंस नहीं मिलने के बाद बेटेेे ने विवश होकर स्वयं ही जैसे-तैसे ठेले पर लादकर शव को घर तक पहुंचाया. वहीं, ओपीडी में तैनात डाॅ अखिलेश कुमार ने कहा कि मरीज गैस्पिंग (हिचकी) वाली स्थिति में था जो सामान्यतः निकट मौत के पहले होती है. इसलिए उसकी हालत को देखते हुए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था. एंबुलेंस के मामले में डॉक्टर ने पूरी तरह अनभिज्ञता व्यक्त की.

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