कैलाशपति मिश्र, पटना. नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) 2005 से लागू है, लेकिन राज्य में विभागों की लापरवाही से हजारों कर्मचारियों के पेंशन का मामला लटका हुआ है. ऐसे कर्मचारियों की संख्या 4247 है. सभी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उनकी पेंशन निर्धारण की प्रक्रिया की शुरुआत अभी तक नहीं हुई है. सरकार से यह शिकायत कर्मियों ने नहीं, खुद पेंशन निधि विनियामक विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने की है.
समय से परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर भी नहीं बनाए जा रहे
पीएफआरडीए ने इस बात पर एतराज जताया है कि एनपीएस के तहत नियुक्त हो रहे कर्मचारियों के परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्राण) भी समय से नहीं बनाए जा रहे हैं, यह स्थिति चिंताजनक है. पीएफआरडीए की आपत्ति पर वित्त विभाग ने सभी विभागों को समय पर न केवल प्राण निबंधन करने बल्कि इसके साथ ही नॉमिनी और मोबाइल नंबर भी अपडेट करने का निर्देश दिया है.
समय पर पेंशन भुगतान के लिए समय सीमा निर्धारित
सरकारी कर्मचारियों को समय पर पेंशन भुगतान के लिए पेंशन नियम के तहत समय सीमा निर्धारित की गयी है. समय सीमा के अनुसार, सेवा के सत्यापन और अन्य तैयारियों की प्रक्रिया एक साल पहले शुरु करनी पड़ती है. वहीं, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से छह महीने पहले भी फॉर्म जमा करना पड़ता है. वित्त विभाग ने कर्मचारियों को एनपीएस के तहत पेंशन मिलने में देरी नहीं हो, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की पेंशन की प्रक्रिया समय पर शुरू हो इसके लिए सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया है. वित्त विभाग ने इसके लिए विभागों के साथ बैठक भी की है.
विभाग को देनी होगी यह जानकारी
सेवानिवृत्ति का लाभ देने में देर न हो इसके लिए सभी विभागों के प्रमुख को निर्देश दिया गया है, उन्हें खुद से पेंशन के मामले को निगरानी करने के लिए कहा गया है. अगर किसी विभाग में पेंशन प्रक्रिया में देरी का मामला मिलता है तो, उसे इसकी जानकारी नोडल विभाग को देनी होगी. सभी विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव से विवरण की मांग की जा सकती है.