बिहार के लोगों के लिए खास होगा रामनवमी, बन रहे हैं अद्भुत संयोग, इस मंत्र का करें जाप तो दूर होंगे सारे कष्ट

Ram Navami 2023: हिंदू पंचाग का पहला माह बहुत ही पावन तथा शुद्ध है. इस मास में रुके हुए सभी कार्य पूर्ण हो जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ है. इस दिन बसंत नवरात्रि के अंतिम दिन माता के सिद्धिदात्री रुप का पूजन किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 29, 2023 10:37 AM

Ram Navami 2023: हिंदू पंचाग का पहला माह बहुत ही पावन तथा शुद्ध है. इस मास में रुके हुए सभी कार्य पूर्ण हो जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ है. इस दिन बसंत नवरात्रि के अंतिम दिन माता के सिद्धिदात्री रुप का पूजन किया जायेगा. जो लोग दुर्गासप्त्सी के पाठ कर रहे है, वह पाठ के समाप्ति के बाद हवन और पाठ का विसर्जन करेंगे. इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. इस दिन गुरुवार को नक्षत्र पुनवर्सु रहेगा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग और गुरु पुष्य योग बन रहा है. अत: इस दिन पूरे दिन खरीदारी का भी शुभ मुहूर्त रहेगा. कोई भी नया कार्य कर सकते है साथ ही भगवान का उत्सव सिद्धि योग में मनाया जायेगा जो धन धन्य से परिपूर्ण रहेगा राममनवमी के दिन बन रहा है.

कब है रामनवमी

30 मई 2023 दिन गुरुवार को राम उत्सव यानी रामनवमी मनाया जायेगा. इस दिन आपने परिवार में शांति बनाए रखने के लिए भगवान राम का पूजन करे शांति मिलेगी. इस दिन हुआ भगवान राम का जन्म हुआ जिसे हम राम उत्सव कहते है. रामनवमी हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है जो देश-दुनिया में सच्ची श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस महीना को चैत्र मास से जाना जाता है यह हिंदू पंचाग के अनुसार पहला महीना होता है. यह त्यौहार वैष्णव समुदाय में विशेषतौर पर मनाया जाता है. इस दिन श्रद्धालु अपना-अपना इच्छा तथा श्रद्धा के अनुसार पूजन करते है.

Also Read: रामनवमी में पटना के महावीर मंदिर में ड्रोन से फूलों की बारिश, कार्यक्रम का होगा लाइव प्रसारण
ऐसे करें भगवान राम की पूजा

(1)आज के दिन भक्तगण रामायण का पाठ करते हैं जिसे जीवन में खुशी प्रदान होती है.

(2) रामरक्षा स्त्रोत भी पढ़ते हैं इसे पढ़ने से शत्रु पर विजय पाता है.

(3) कई जगह भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है जिसे उस स्थान का वातावरण ठीक हो

(4) भगवान राम की मूर्ति को फूल-माला से सजाते है और पूजन करते है जिसे जीवन में खुशियां मिले.

परिवारिक खुशी के किए करे यह उपाय

श्रीरामाष्टक

हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।

गोविंदा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा।।

हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।

वैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम।।

आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं कांचनम्।

वैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसंभाषणम् ।।

बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।

पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननं एतद्धि रामायणम् ।।

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

Next Article

Exit mobile version