बिहार में प्रचंड गर्मी से टेढ़ी हो गयी रेल की पटरी, बच गयी हटिया-पटना एक्सप्रेस, तीन घंटे तक फंसी रहीं ट्रेन

गया-कोडरमा रेलखंड स्थित लप लाइन पर दिलवा और नाथगंज के मध्य किलोमीटर नंबर 413/43-45 पर रेल लाइन टेढ़़ी हो गयी. पीडब्ल्यूआइ व इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर रेल लाइन को ठीक किया. रेल लाइन को बदल कर दूसरा ट्रैक लगाया और इसके बाद परिचालन शुरू कराया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2023 3:11 AM

गया-कोडरमा रेलखंड स्थित दिलवा स्टेशन के समीप मंगलवार को प्रचंड गर्मी की वजह से रेल लाइन टेढ़ी (बकलिंग) हो गयी. इस कारण जहां-तहां ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया. समय रहते इस बात का पता चल जाने के कारण हटिया-पटना एक्सप्रेस को पहले ही रोक लिया गया. नहीं तो कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था. हटिया-पटना एक्सप्रेस तीन घंटे तक दिलवा रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही. रेलवे ने कहा है कि गर्मी के कारण गया-कोडरमा रेलखंड के दिलवा स्टेशन पर पटरी में बकलिंग की समस्या आयी थी.

समय पर मिली जानकारी, तो हादसा टला

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गया-कोडरमा रेलखंड स्थित लप लाइन पर दिलवा और नाथगंज के मध्य किलोमीटर नंबर 413/43-45 पर रेल लाइन टेढ़़ी हो गयी. पीडब्ल्यूआइ व इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर रेल लाइन को ठीक किया. रेल लाइन को बदल कर दूसरा ट्रैक लगाया और इसके बाद परिचालन शुरू कराया गया. वहीं दिलवा स्टेशन पर अप लाइन में गाड़ी संख्या 18626 और एक अन्य ट्रेन 10:20 से 13:20 तक खड़ी रही. सूचना समय पर नहीं मिलती तो दुर्घटना हो जाती.

गर्मी के कारण आई बकलिंग की समस्या

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि गर्मी के कारण गया-कोडरमा रेलखंड के दिलवा स्टेशन पर पटरी में बकलिंग की समस्या आयी थी. कुछ देर के लिए परिचालन बाधित रहा. एक पैसेंजर गाड़ी रोकी गयी थी. बाद में इसे ठीक कर लिया गया. उन्होंने बताया कि गर्मी के दिनों में कभी-कभी इस तरह की समस्याएं आ जाती है. ऐसी जगहों पर गार्ड की तैनाती होती है और समर पेट्रोलिंग भी की जाती है.

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गर्मी से होता है पटरी फैलने का खतरा

बता दें कि गर्मी में तापमान बढ़ने के साथ पटरी के फैलने का खतरा बना रहता है. सुरक्षित परिचालन के लिए माइनस 6 से प्लस 20 एमएम पटरी के बीच की दूरी होनी चाहिए. अगर पटरी फैलती है तो इंजन और ट्रेन दोनों पटरी से उतर सकती है और दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में सुरक्षित परिचालन के लिए कई विभागों को मापी प्रक्रिया में लगा दिया गया है.

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