धमदाहा : शुक्रवार को धमदाहा थाना क्षेत्र के किशनपुर बलुआ पंचायत के मुखिया पति जैनेंद्र कुमार उर्फ जैना मंडल की निर्ममता पूर्वक जिंदा जला कर मार डालने के बाद से कुकरौन नंबर-1 के आदिवासी टोला के लोग पलायन कर चुके हैं.
घटना को अंजाम देने के बाद से ही आदिवासी अपने पुराने तरीके का निर्वहन करते हुए घर द्वारा खाली कर अपने-अपने रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं. जानकारी के अनुसार कुकरौन नंबर-1 में आदिवासियों ने घटना को अंजाम देने के लिए अपनी महिलाओं को आगे कर दिया.
घटना को अंजाम देने वाली महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेवारी संभाले हुए थे. आदिवासी पुरूष गांव के आसपास के मकई खेतों एवं बीसबाड़ी में अपने पारंपरिक हथियार से लैस सुरक्षा की जिम्मेवारी के लिए टुकड़ियों में खड़े थे.
जानकारी के मुताबिक सभी पुरुष जहां सुरक्षा की जिम्मेवारी संभालने का काम कर रहे थे वहीं महिलाएं बेखौफ पुलिस प्रशासन की परवाह किये बगैर जैना मंडल को जलाने का काम कर रही थी. महिलाओं ने पुलिस प्रशासन के समक्ष जल रहे जैना मंडल के शरीर पर यूरिया, केरोसिन व खरपतवार डालने का काम कर रही थी. आदिवासियों द्वारा रात में ही पलायन कर जाने से कुकरौन नंबर-1 में मरघटी सन्नाटा पसरा हुआ है.
सिंघाड़ पट्टी गांव में पसरा मातमी सन्नाटा
धमदाहात्नगत शुक्रवार को आदिवासियों के द्वारा जिंदा जलाकर मारे गये किशनपुर बलवा मुखिया चिमो देवी के पति कुमार जैनेंद्र के घर ही नहीं बल्कि समूचे सिंघाड़ापट्टी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. जानकारी के मुताबिक कुमार जैनेंद्र गुरुथान कदवा जिला भागलपुर निवासी रामप्रसाद मंडल के दो पुत्रों में बड़ा था.
शुरू से ही राजनीतिक महत्वाकांक्षा के धनी जैना मंडल अपने नाना-नानी के घर रहकर यहां किशनपुर बलवा पंचायत में ना सिर्फ कुकरौन के नजदीक ईंट भट्ठा का काम करता था वरन अपनी पहली पत्नी को विद्यालय की शिक्षिका के साथ-साथ दूसरी पत्नी चिमो देवी को पंचायत के लोगों के सहयोग से दो बार मुखिया बनाने में भी सफलता पायी.
दो भाइयों में से एक छोटा भाई की हत्या भी अपराधियों ने कुछ वर्षो पहले भिट्ठा गांव के पास कहीं कर दी थी. जैना के मौत के बाद से जहां उसके आवास पर गुरुथान कदवा से उसके परिजनों के आने का तांता लगा हुआ है वहीं उसके पहले ससुराल चर्चित भिट्ठा गांव से भी लोगों के आने का सिलसिला जारी है.
उसके घर पसरे मातमी सन्नाटे को चिड़ती जैना के मां लक्ष्मी देवी के क्रंदन से सारा वातावरण गमगीन हो रहा है. उसके सवाल हम्मै अप्पन बेटा केअ मरल मुंहो नै देख सकल यै. आव के हम्मर बुढ़ के मुंह में आइग देते से सभी की आंखें स्वत: नम हो जा रही थी.
वहीं उसके दोनों बड़े पुत्र प्रेमचंद एवं सुधांशु कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है. एक बेटी अंशु प्रिया एवं सबसे छोटा बेटा प्रिंस राज को यह भी पता नहीं कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे. सबों को रोता देख वह भी रोने लगती है.
सारा वातावरण गमगीन एवं मर्माहत है. बड़े बुजुर्ग बच्चों एवं उसके परिजनों को सांत्वना देने की भरसक कोशिश करते नजर आ रहे थे. जैना की पहली पत्नी जहां पति के मौत की खबर से कल से ही बेसुध नजर आ रही है वहीं दूसरी पत्नी परिजनों के साथ पूर्णिया गयी हुई थी.