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बिना लेखा समिति के हर वर्ष बनता है करोड़ों का बजट

नगर निगम में अब तक नहीं हुआ है लेखा समिति का गठन तीन वर्ष पहले गठन की हुई थी बात, फंसा है पेच आय-व्यय में पारदर्शिता के लिए लेखा समिति आवश्यक पूर्णिया : नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 98 के तहत नगरपालिका को बजट और खर्च से संबंधित लेखा जोखा रखने व जनता के पैसे […]

नगर निगम में अब तक नहीं हुआ है लेखा समिति का गठन

तीन वर्ष पहले गठन की हुई थी बात, फंसा है पेच
आय-व्यय में पारदर्शिता के लिए लेखा समिति आवश्यक
पूर्णिया : नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 98 के तहत नगरपालिका को बजट और खर्च से संबंधित लेखा जोखा रखने व जनता के पैसे के हिसाब की पारदर्शिता के लिए एक लेखा समिति का गठन करना आवश्यक है, लेकिन विडंबना यह है कि पूर्णिया में नगर निकाय के गठन के बाद से अब तक लेखा समिति का गठन राजनीतिक पेच में फंसा नजर आ रहा है.
हालांकि इसे लेकर निगम की बैठकों में सवाल उठते रहे हैं. इसके बावजूद लेखा समिति के गठन को लेकर किसी भी तरह की कवायद नजर नहीं आ रही है. यह अलग बात है कि लेखा समिति के गठन को लेकर आश्वासनों का सिलसिला जारी है.
2014-15 में मांग ने पकड़ी जोर
नगरपालिका से लेकर नगर परिषद और अब नगर निगम के सफर के बाद अब निगम की आबादी सवा तीन लाख के करीब पहुंच गयी है. लिहाजा बजट भी इसी लिहाज से बनता है. यह दीगर बात है कि निगम के आय व खर्च का विभागीय स्तर पर ऑडिट होता है. निगम के सदस्यों ने लेखा समिति के गठन की मांग भी वर्ष 2014-15 में बड़ी जोर-शोर से उठाया था. सदन में बहस चला और वार्ड पार्षदों ने लिखित आवेदन भी नगर निगम से लेकर जिला समाहर्ता तक को सौंपा था.
तीन वर्षों से फंसा है पेच
तब नगर निगम की बैठक में पार्षदों को समिति के गठन को लेकर आश्वस्त भी किया गया था, लेकिन समय गुजरता गया और प्रयास सिफर रहा. 2016 में एक बार पुन: जब टैक्स वृद्धि को लेकर बोर्ड की बैठक हुई तो हंगामे के बीच लेखा समिति के गठन और वित्तीय मामलों में पारदर्शिता को लेकर आवाज उठी थी. तब भी पार्षद गण को आश्वासन की घुट्टी निगम द्वारा पिलायी गयी थी, लेकिन तीन वर्षों से आवाज उठते रहने के बावजूद लेखा समिति के गठन का कार्य पेच में फंस कर रह गया है.
क्या है लेखा समिति
संविधान में नगरपालिका अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत नगरपालिका व नगर निगम में चुने गये पार्षदों में से कुछ लोगों को लेकर एक समिति का गठन किया जाता है. इसमें राजस्व से जुड़े अधिकारी व सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं. इस समिति से जुड़े सदस्य निगम के आय-व्यय के ब्योरा पर निगरानी रखते हैं. ताकि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे.
क्या है लेखा समिति
संविधान में नगरपालिका अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत नगरपालिका व नगर निगम में चुने गये पार्षदों में से कुछ लोगों को लेकर एक समिति का गठन किया जाता है. इसमें राजस्व से जुड़े अधिकारी व सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं. इस समिति से जुड़े सदस्य निगम के आय-व्यय के ब्योरा पर निगरानी रखते हैं. ताकि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे.
क्यों है लेखा समिति की जरूरत
वार्ड पार्षद सरिता राय, बिंदा देवी आदि पार्षदों का मानना है कि शहर का विस्तार लगातार जारी है. जनसंख्या वृद्धि के साथ शहर के स्वरूप में भी बदलाव हो रहा है. आम आदमी टैक्स दे रहा है और मूलभूत सुविधाओं को लेकर निगम खर्च भी कर रहा है. बावजूद इसके कई योजनाओं को लेकर पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में निगम पर उंगली उठती रही है. इससे निगम और निगम से जुड़े पार्षदों की छवि धूमिल होती है. इस तरह के सवाल नहीं उठे, कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे इसलिए लेखा समिति का गठन जरूरी है.

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