पूर्णिया : शहर के गुलाबबाग पोकरमल पेट्रोल पंप के पास एक सरिया के गोदाम में तेंदुआ घुस गया था. इससे सोमवार को दिन भर पूरे इलाके में अफरा-तफरी की स्थिति मची रही. हालांकि वन विभाग के ऑपरेशन के बाद देर शाम 08:30 बजे उसे काबू में लाया जा सका. इस पूरी कवायद में वन विभाग के कर्मियों को एक घंटे मशक्कत करनी पड़ी. पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व मुख्य वन संरक्षक भागलपुर प्रक्षेत्र पीके गुप्ता कर रहे थे. जबकि इस टीम में पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज और
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गुलाबबाग में भटक कर पहुंचा तेंदुआ, इलाके में अफरा-तफरी
पूर्णिया : शहर के गुलाबबाग पोकरमल पेट्रोल पंप के पास एक सरिया के गोदाम में तेंदुआ घुस गया था. इससे सोमवार को दिन भर पूरे इलाके में अफरा-तफरी की स्थिति मची रही. हालांकि वन विभाग के ऑपरेशन के बाद देर शाम 08:30 बजे उसे काबू में लाया जा सका. इस पूरी कवायद में वन विभाग […]
गुलाबबाग में भटक…
किशनगंज के डीएफओ सहित सभी रेंजर, फोरेस्टर और वन संरक्षक भी शामिल थे. पटना जैविक उद्यान से चार सदस्यीय विशेष टीम को बुलाया गया था, जिन्होंने ऑपरेशन को अंतिम रूप से अंजाम तक पहुंचाया. वहीं एसपी निशांत कुमार तिवारी ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बहाल रखने के लिए तैनात पुलिस बलों की प्रशंसा की है और कहा है कि तैनात पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जायेगा.
बोरी में डाल कर पिंजरे तक पहुंचाया
ट्रेंक्यूलाइजर गन से बेहोशी का इंजेक्शन लगने के बाद विभाग के अन्य कर्मी वाहन पर लाये पिंजरे को घर के पीछे गोदाम के गली की ओर ले गये, जहां तेंदूआ था. सकरी गली में कर्मियों ने घुस कर तेंदूआ का मुंह और पैर रस्सी से बांध दिया और बोरे में डाल कर बाहर लाकर पिंजरे के अंदर डाल दिया. पूरी कार्रवाई में लगभग एक घंटे का समय लगा. इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी भी मौजूद थे. आखिरकार देर संध्या 08:30 बजे तेंदूआ को पिंजरे के अंदर डाल दिया गया. इसके बाद वन विभाग की टीम तेंदूए को लेकर जैविक उद्यान पटना के लिए रवाना हो गया.
नेपाल से आया था तेंदूआ
मुख्य वन संरक्षक पीके गुप्ता ने तेंदूए के रंग-रूप और नस्ल को देख कर बताया कि सबसे अधिक संभावना यह है कि यह तेंदूआ नेपाल से भटक कर पूर्णिया तक पहुंचा है. उन्होंने बताया कि नेपाल में नदियों के किनारे स्थित जंगल में इस प्रकार के तेंदूए देखे जाते हैं. दरअसल जंगलों की कमी की वजह से तेंदूए और हाथी जैसे जानवर रिहायशी इलाके की ओर कूच करने लगे हैं. ऐसा वे भोजन की तलाश में किया करते हैं. श्री गुप्ता ने बताया कि तेंदूआ अक्सर रात को ही सफर करता है और दिन के उजाले में छुप कर बैठा रहता है. बताया कि एक रात में 50 से 60 किमी की दूरी तेंदूआ आसानी से तय कर लेता है.
ट्रेंक्यूलाइजर गन से काबू में आया तेंदूआ
जैविक उद्यान से आयी टीम का नेतृत्व मो मकसुदुल हसन कर रहे थे. सहयोगी के रूप में उपेंद्र कुमार, विमलेश कुमार और प्रवीण कुमार मौजूद थे. मुख्य वन संरक्षक श्री गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने टेंक्यूलाइजर गन से तेंदूआ पर काबू पाने का फैसला लिया. इसके लिए सबसे पहले गली के दोनों ओर मशाल जलाया गया. उसके बाद ट्रेंक्यूलाइजर गन में बेहोशी की दवा डाल कर तेंदूआ पर प्रहार किया गया. लेकिन पहला प्रहार नाकाम साबित हुआ. उसके बाद छत पर से श्री हसन ने पहले अधिक क्षमता वाली फायरिंग की. यह फायर सटीक बैठा और लगने के बाद करीब 15 मिनट तक तेंदूआ छटपटाता रहा. फिर दूसरी फायर कम क्षमता वाली की गयी, जिसके बाद तेंदूआ पूरी तरह स्थिर हो गया.
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