समस्या. टेंडर के पेच में फंसी है करोड़ों रुपये की महत्वपूर्ण योजनाएं
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नहीं है कोई रहबर, जनता बेहाल
समस्या. टेंडर के पेच में फंसी है करोड़ों रुपये की महत्वपूर्ण योजनाएं ननि से लेकर शहरी विकास अभिकरण और पुल निगम में जनसुविधा से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाएं टेंडर के पेंच में फंस कर अटकी पड़ी है. इन योजनाओं की राशि का आवंटन हो चुका है. कुछ में संवेदक भी बहाल हैं तो कुछ के […]
ननि से लेकर शहरी विकास अभिकरण और पुल निगम में जनसुविधा से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाएं टेंडर के पेंच में फंस कर अटकी पड़ी है. इन योजनाओं की राशि का आवंटन हो चुका है. कुछ में संवेदक भी बहाल हैं तो कुछ के लिए संवेदक ही नहीं मिल रहे हैं. विभागीय पहल का हाल सुस्त है. वहीं इन महत्वपूर्ण योजनाओं के अधर में लटकने से आम जनता परेशान हैं.
पूर्णिया : नगर निगम से लेकर शहरी विकास अभिकरण और पुल निगम में जनसुविधा से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाएं टेंडर के पेंच में फंस कर अटकी पड़ी है. इन योजनाओं की राशि का आवंटन हो चुका है. कुछ में संवेदक भी बहाल है तो कुछ के लिए संवेदक ही नहीं मिल रहे हैं. विभागीय पहल का हाल सुस्त है. वहीं इन महत्वपूर्ण योजनाओं के अधर में लटकने से आम जनता परेशान हैं.
टेंडर के पेंच में फंसी पहली योजना सिक्स लेन सड़क में पुल-पुलिया एवं नाला निर्माण का है, जो 24 करोड़ की लागत से बनना है. दूसरा कृषि उत्पादन बाजार समिति का है, जहां 16 करोड़ की लागत से चहारदीवारी का जीर्णोद्धार आदि एवं करीब 1.25 करोड़ की लागत से मुख्य सड़क का निर्माण होना है. लेकिन यह योजना भी टेंडर के पेंच में महीनों से फंसा है. वहीं कालीबाड़ी चौक से रामकृष्ण मिशन जाने वाली सड़क और भट्ठा बाजार स्थित चित्रवाणी रोड में बनने वाला नाला अतिक्रमण और संवेदक की लापरवाही की भेंट चढ़ गया है. विडंबना तो यह है कि ये सभी योजनाएं आम आदमी के रोजमर्रा के जीवन में काफी महत्वपूर्ण है.
उद्धारक की बाट जोह रही सड़क
शहर के ह्दयस्थली कालीबाड़ी चौक से रामकृष्ण मिशन जाने वाली सड़क का संवेदक फरार है. सड़क वर्ष 2014 में तत्कालीन भाजपा विधायक किरण केसरी की अनुशंसा पर सड़क स्वीकृत हुआ था, संवेदक बहाल हुआ और पुरानी सड़क को उखाड़ कर पीसीसी निर्माण कार्य आरंभ भी हुआ. लेकिन चुनावी घोषणा के बाद सड़क निर्माण बंद कर दिया गया.
हालांकि चुनाव के बाद भाजपा उम्मीदवार ही सदर विधायक बने, लेकिन यह सड़क दो वर्ष बाद भी जस की तस अपने उद्धारक की बाट जोह रहा है. बड़ी बात तो यह है कि इस सड़क पर प्रतिदिन हजारों लोग और स्कूली बच्चे गुजरते हैं. टूट कर बिखरी सड़क के पत्थरों से बच्चे घायल हो रहे हैं. योजना की राशि आवंटित है. भाजपा के पूर्व विधायक ने भी विधिवत उद्घाटन कर शिलापट्ट लगवाया है, लेकिन न तो सदर विधायक और न ही जिला प्रशासन इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर कोई रुचि दिखा रहा है.
खास बातें
निगम मौन और योजनाएं अधूरी
टूटी-फूटी सड़क से घायल हो रहे हैं लोग, िवधायक भी नहीं दे रहे ध्यान
हल्की-सी बारिश में ही सड़क बन जाती है तालाब
बदहाल सड़क से परेशान हैं लोग
बाजार समिति का नहीं हो रहा िवकास.
फंसा है नाला निर्माण
सबसे बड़ी योजना सिक्स लेन सड़क में पुल-पुलिया निर्माण और नाला निर्माण का है. इसके लिए वर्ष 2015 में सिक्स लेन सड़क के 68 करोड़ के बजट में संशोधन कर 44 करोड़ कर दिया गया था और 24 करोड़ पुल-पुलिया निर्माण के लिए पुल निगम को सौंपा गया था. विडंबना यह है कि योजना के बाद सिक्स लेन सड़क बन कर तैयार हो गया, लेकिन पुल-पुलिया और नाला निर्माण का मामला पुल निगम के पास पिछले एक वर्ष से अधिक समय से टेंडर के पेंच में फंसा है.
बताया जाता है कि दो-दो टेंडर निरस्त हो चुके हैं. स्थिति यह है कि योजना है, आवंटन भी है, लेकिन इसके कार्यान्वयन के अभाव में सिक्स लेन का अस्तित्व संपूर्ण नहीं हुआ है. नाला के अभाव में जलजमाव बड़ी समस्या बनी हुई है.
अतिक्रमण की भेंट चढ़ी आठ लाख की योजना
दिन, महीना और साल गुजर गये, लेकिन नगर निगम नाले पर हुआ अतिक्रमण खाली नहीं करा पाया. जिसके कारण बीच शहर के मुख्य बाजार में जलनिकासी के लिए बनने वाला नाला अधूरा पड़ा है. योजनाओं के कार्यान्वयन के प्रति लापरवाही का आलम तो यह है कि चित्रवाणी रोड में आठ लाख की लागत से बनने वाले नाला पर बने अतिक्रमण को हटाने और नाला निर्माण को लेकर वार्ड पार्षद सरिता राय के आवेदन के बाद नगर आयुक्त ने तीन-तीन अधिकारियों को मापी से लेकर अतिक्रमण हटाने का पत्र भी दिया, लेकिन कोई पहल नहीं हुई.
इसके अलावा संवेदक ने भी आधा-अधूरा नाला निर्माण कर पल्ला झाड़ लिया. अधूरे पड़े इस नाले के कारण शहर के बीचोबीच जलजमाव की स्थिति जलनिकासी के अभाव में बनी हुई है. वहीं निगम मौन बैठा है और योजना भी अधूरी लटकी है.
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