जिस्मफरोशी के धंधे की संरक्षक कई लेडी डॉन बनी हुई हैं. ये लेडी डॉन करोड़ों की मालकिन बन चुकी हैं. खासकर मीना देवी, आसमा खातून एवं रेखा देवी जिस्मफरोशी के धंधे में अकूत संपत्ति अर्जित करने की वजह से अन्य धंधेबाजों के लिए आइकॉन बनी हुई है.
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देहमंडी में बढ़ी रौनक दुखद. लेडी डॉन के नेतृत्व में चल रही जिस्मफरोशी
जिस्मफरोशी के धंधे की संरक्षक कई लेडी डॉन बनी हुई हैं. ये लेडी डॉन करोड़ों की मालकिन बन चुकी हैं. खासकर मीना देवी, आसमा खातून एवं रेखा देवी जिस्मफरोशी के धंधे में अकूत संपत्ति अर्जित करने की वजह से अन्य धंधेबाजों के लिए आइकॉन बनी हुई है. पूर्णिया : जिस्म फरोशी का धंधा कटिहार मोड़ […]
पूर्णिया : जिस्म फरोशी का धंधा कटिहार मोड़ स्थित घोषपाड़ा की देह मंडी में परवान पर है. खास बात यह है कि परदे के पीछे धंधे की संरक्षक कई लेडी डॉन बनी हुई है. ये लेडी डॉन करोड़ों की मालकिन बन चुकी हैं. खासकर मीना देवी, आसमा खातून एवं रेखा देवी जिस्मफरोशी के धंधे में अकूत संपत्ति अर्जित करने की वजह से अन्य धंधेबाजों के लिए आइकॉन बनी हुई है. जानकार बताते हैं कि इन महिलाओं का सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेगूसराय, भागलपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर, फारबिसगंज, किशनगंज, बलिया एवं बंगाल के पांजीपाड़ा के मालदा स्थित देह मंडी से तार जुड़े हुए हैं.
खास बात यह है कि इस धंधे की ये लेडी डॉन पुलिस और स्थानीय दबंगों के साथ बेहतर समन्वय भी स्थापित करने में सफल रही है. नाचने वाली के नाम पर ये अपने धंधे का कारोबार दूसरे राज्यों तक फैला चुकी है. यही कारण है कि विपरीत परिस्थितियों में ये अपने धंधेबाजों के साथ कुछ दिनों के लिए बंगाल व उत्तरप्रदेश भी चली जाती है.
हुई कार्रवाई, लेकिन नहीं लगा विराम : अक्तूबर 2013 को तत्कालीन एसपी किम ने गुलाबबाग व घोषपाड़ा के देह मंडी को बंद कराने के लिए अभियान चलाया था. इस दौरान देह व्यापार से जुड़े करीब 07 दर्जन महिलाओं व दलालों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
हैरानी की बात यह रही कि सभी आरोपी जेल से जमानत पर छूट गये और धीरे-धीरे पुन: देह व्यापार में जुट गये. 05 फरवरी 2015 को एसपी निशांत कुमार तिवारी के निर्देश पर बायसी एसडीपीओ सुनीता कुमारी के नेतृत्व में देह मंडी में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया.इस अभियान के बाद इस गंदे धंधे से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया.
दिन के उजाले में हुई कार्रवाई का फायदा उठा कर धंधे में संलिप्त युवतियां व दलाल फरार होने में सफल रहे. पुलिस ने संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए एक दर्जन से अधिक महिला एवं पुरुषों को भी पकड़ा था. जिसे बाद में बाइज्जत छोड़ दिया गया. बड़ा सवाल यह है कि तमाम कवायद के बावजूद घोषपाड़ा में जिस्म फरोशी का कारोबार क्यों नहीं बंद हो पा रहा है. सच यह है कि पुलिस के संरक्षण की वजह से ही यह धंधा फल-फूल रहा है.
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