हीलाहवाली. रािश की हो गयी निकासी, अब तक
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नहीं बन सका आशा गृह
हीलाहवाली. रािश की हो गयी निकासी, अब तक यंू तो राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा िवस्तार व सुविधा के िलए कई योजनाएं संचािलत कर रखी हैं, लेिकन दुर्भाग्य ऐसा कि योजनाओं के मद की रािश के आवंटन के बाद भी िवभाग संबंधित कार्य नहीं करा पाते हैं. पूर्णिया : लाखों की राशि निकासी के बावजूद […]
यंू तो राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा िवस्तार व सुविधा के िलए कई योजनाएं संचािलत कर रखी हैं, लेिकन दुर्भाग्य ऐसा कि योजनाओं के मद की रािश के आवंटन के बाद भी िवभाग संबंधित कार्य नहीं करा पाते हैं.
पूर्णिया : लाखों की राशि निकासी के बावजूद तमाम अनुमंडलीय एवं रेफरल अस्पतालों में आशा गृह की स्थापना अधर में है. जिले के सदर अस्पताल, धमदाहा अनुमंडलीय अस्पताल, बनमनखी, बायसी, अमौर, रुपौली आदि में गर्भवती महिलाओं के साथ आने वाली आशा के विश्राम के लिए आशा गृह की स्थापना होनी थी. आशा गृह की स्थापना तो दूर की बात, आशाओं को यह भी पता नहीं कि उसके विश्राम के लिए आशा गृह भी बनने का प्रावधान है. राशि निकासी के बाद सदर अस्पताल छोड़कर कहीं भी आशा गृह की स्थापना नहीं हो पायी है.
सदर अस्पताल, धमदाहा अनुमंडलीय अस्पताल, बनमनखी, बायसी, अमौर, रुपौली आदि में गर्भवती महिलाओं के साथ आने वाली आशा के विश्राम के लिए होनी थी आशा गृह की स्थापना
राशि की िनकासी के बाद से लेकर अब तक महज सदर अस्पताल में ही कराया जा सका है अब तक आशा गृह का िनर्माण
अनुरक्षण में बरती गयी गड़बड़ी
आशा गृह के लिए डेढ़ लाख की राशि आवंटित की गयी है. इस योजना के तहत अस्पताल के निर्मित भवन में रंग रोगन, बेड, बिजली, पेयजल आदि की व्यवस्था करना था. जहां कहीं भी आशागृह का स्थापना किया गया है, वहां महज खानापूर्ति की गयी है. इतना ही नहीं इस योजना की राशि की खपत के लिए जिले के कई पीएचसी में भी आशा गृह के लिए राशि का आवंटन करा दिया गया है. जबकि आशा गृह की स्थापना सभी एफआरयू अस्पतालों में होना था.
नियमों की अनदेखी की और भी कई बानगी देखने को मिल रही है. अनुरक्षण में गड़बड़ी की वजह राशियों की बंदरबाट मानी जाती है. मामले की जांच हो तो सभी गड़बड़ियों का खुलासा हो सकता है. अनुमंडलीय एवं रेफरल अस्पतालों मे आशा गृह का निर्माण नहीं होने से सुदूर ग्रामीण इलाकों से प्रसव कराने आने वाली गर्भवती के साथ आने वाली आशाओं का कोई आश्रय स्थल नहीं रहने से दर -दर की ठोकरें खाने की नौबत आ जाती है.
जहां नहीं बन सका है आशा गृह, शीघ्र होगा िनर्माण
अस्पतालों में आशा गृह काम कर रहा है.जहां आशा गृह की स्थापना नहीं हो पायी है, वहां शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा.
डॉ एम एम वसीम,सिविल सर्जन,पूर्णिया
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