समस्या. राशन-केरोसिन के लिए उपभोक्ता परेशान, डीलर करते मनमानी
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राशन-केरािसन के लिए त्राहिमाम
समस्या. राशन-केरोसिन के लिए उपभोक्ता परेशान, डीलर करते मनमानी पूर्णिया : जिले के श्रीनगर व पूर्णिया पूर्व प्रखंड जनवितरण प्रणाली लूट खसोट का अड्डा बन चुका है. गरीबों के अनाज को सीधे कालाबाजारियों के हाथों सौंपे जाने के कारण गरीबों के पेट में सेंधमारी हो रही है. इन प्रखंडों के कई पंचायत में राशन वितरण […]
पूर्णिया : जिले के श्रीनगर व पूर्णिया पूर्व प्रखंड जनवितरण प्रणाली लूट खसोट का अड्डा बन चुका है. गरीबों के अनाज को सीधे कालाबाजारियों के हाथों सौंपे जाने के कारण गरीबों के पेट में सेंधमारी हो रही है. इन प्रखंडों के कई पंचायत में राशन वितरण में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. गरीब उपभोक्ता राशन -केरोसिन के लिए परेशान है. प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है. इस प्रकार डीलरों की मनमानी अधिकारियों की मिलीभगत से जारी है और उपभोक्ता हित हाशिये पर है.
हर माह नहीं मिलता राशन मांगने पर लाभुकों को दी जाती है धमकी
श्रीनगर प्रखंड के जगैली,हसैली खुटी,मनकौल,रहिका टोला,तेलनिया रहिका समेत दर्जनों गांवों के पीडीएस उपभोक्ता जनवितरण दुकानदारों के रवैये से परेशान है. ग्रामीणों की शिकायत है कि राशन-केरोसिन के लिए पीडीएस दुकानों के कई बार चक्कर लगाने के बाद भी काफी मुश्किल से मिल पाता है. ग्रामीणों की शिकायत यह भी है कि एक माह बाद एक माह का राशन दिया जाता है. राशन की मांग करने पर दुकानदार द्वारा धमकी दी जाती है.
वहीं पूर्णिया पूर्व प्रखंड की हालात भी कुछ बेहतर नहीं हैं. यहां रजीगंज, उत्तरी पोखरिया, महाराजपुर, रामघाट, सतडोभ समेत कई इलाकों में गरीब राशन केरोसिन के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है.
पीडीएस दुकानदारों की शिकायत अगर वरीय अधिकारी से की जाती है तो वह विभागीय कमाई का जरिया बन जाता है
संचालक का आिर्थक दोहन करते हैं अधिकारी
शिकायत बनती है उगाही का साधन
कई उपभोक्ताओं ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि गरीबों को अनाज के बदले दोहरी मार झेलनी पड़ती है. पीडीएस दुकानदारों की शिकायत यदि जिला के किसी वरीय अधिकारी से किया जाता है तो वह विभागीय कमाई का जरिया बन जाता है.अधिकारी उस शिकायत पत्र को दिखाकर कार्रवाई के नाम पर आर्थिक दोहन करता है.वहीं पीडीएस दुकान दार भी आवेदन देने वाले पर प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर उस व्यक्ति को अनाज देने में फिर से परेशान करने लगता है . जिससे गरीबों की समस्या जस की तस रह जाती है.कई लोग तो अब राशन केरोसिन से तौबा भी करने लगे हैं.
कूपन नहीं, तो राशन नहीं
इन दोनों प्रखंडों में अधिकांश उपभोक्ताओं को नया कूपन नहीं मिल पाये है. इससे कूपनविहीन उपभोक्ताओं को पीडीएस दुकानदारों द्वारा अनाज नहीं दिया जाता है. इससे सैकड़ों उपभोक्ता राशन एवं केरोसिन से वंचित रह जाते है. विभागीय नियमों के अनुसार जिनको कूपन नहीं मिला है,उसे भी राशन केरोसिन देने का प्रावधान है. कूपन विहीन लाभुकों को राशन नहीं दिया जाता है तो वह राशन कहां जा रहा है,यही सबसे अहम सवाल है. जानकार बताते हैं कि कूपन रहित उपभोक्ताओं के राशन की बंदर बांट पीडीएस व अधिकारियों के बीच होती है.
कम दिया जाता है अनाज
श्रीनगर व पूर्णिया पूर्व प्रखंड के उपभोक्ताओं की शिकायत है कि अनाज के पूरी कीमत ले लेने के बावजूद प्रति यूनिट एक से सवा किलो कम अनाज दिया जाता है. इतना ही नहीं पीडीएस दुकानदार ड्राफ्ट नहीं लगाने के कारण अनाज नहीं उठाने के नाम पर भी अनाज का गबन कर लेता है.
जबकि अनाज का उठाव कर दुकान लाने के बजाय वहीं कालाबाजारियों के हवाले कर दिया जाता है. यही कारण है कि उपभोक्ताओं को एक माह बाद एक माह का अनाज मिलता है.ग्रामीणों के अनुसार कई बार इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से भी की.किंतु परिणाम सिफर रहा.इसके पीछे यह मुख्य कारण माना जा रहा है कि इस गबन के हिस्सेदार तमाम अधिकारी भी हैं.
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