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गांव से शहर तक फैला है प्रसव माफियाओं का जाल

पूर्णिया : जिले के कई प्रखंडों में प्रसव माफिया अपना पांव पसार चुके हैं. सफेदपोशों की शह पर कई एएनएम डॉक्टर बन कर प्रसव के गोरखधंधे को अंजाम दे रही हैं. शहर से लेकर गांव की नुक्कड़ तक प्रसव का काला कारोबार जारी है और विभाग इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है. लिहाजा इन […]

पूर्णिया : जिले के कई प्रखंडों में प्रसव माफिया अपना पांव पसार चुके हैं. सफेदपोशों की शह पर कई एएनएम डॉक्टर बन कर प्रसव के गोरखधंधे को अंजाम दे रही हैं. शहर से लेकर गांव की नुक्कड़ तक प्रसव का काला कारोबार जारी है और विभाग इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है. लिहाजा इन अवैध प्रसव गृहों में रोजाना जच्चा बच्चा की जान की जोखिम बनी रहती है.

दवा दुकानदार की मिलती है शह : अधिकांश फर्जी प्रसव गृह संचालकों को वहां के स्थानीय दवा विक्रेता का भरपुर सहयोग मिलता है. इस गोरख धंधे में इन दवा विक्रेताओं को दोहरा मुनाफा होता है.पहला मुनाफा प्रसव शुल्क के कमीशन से दुसरा मुनाफा दवा बेच कर होता है.यहां आने वाले तमाम गर्भवती से दवा की भी मनमानी कीमत वसूली जाती है. डगरुआ से बिहार टॉकिज रोड में प्रसव हेतु आयी एक प्रसूता के परिजन इदरीश ने बताया कि यहां दवा की कीमत पचीस सौ रुपये लिया गया.
जबकि प्रसव के लिए फीस छह सौ रुपये लिया गया.बायसी में अस्पताल गेट के समीप एक प्रसव गृह में पीएचसी से लायी गयी एक महिला के परिजन अंजारुल ने बताया कि तीन हजार रुपये दवा के लिए एवं छह हजार रुपये प्रसव फीस लिया गया.
फॉल्स डिलिवरी बन जाता है ट्रू : जिले के तमाम पीएचसी एवं उसके इर्द गिर्द चल रहे अवैध प्रसव गृह पर अंकुश लगाने की दिशा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.
जिससे प्रसव माफियाओं के हौंसले बुलंद हो रहे हैं.इन धंधेबाजों को विभाग एवं प्रशासन का खौफ भी नहीं है.जानकार बताते हैं कि इन अवैध प्रसव गृह में होने वाले प्रसव की तस्वीर आशा द्वारा उतार ली जाती है. बाद में अस्पताल में इंट्री करा कर जननी बाल सुरक्षा योजना का लाभ भी ले लेती है.यही वजह है कि हाल के दिनों में फॉल्स डिलेवरी के मामले बढ़े हैं.
लाइन बाजार में लगभग 18,कसबा में 02,बायसी में06,अमौर में 02,जलालगढ़ में 01,बनमनखी में 07,धमदाहा में 02 ,डगरुआ में 02 सहित कई जगहों पर विभाग,सफेदपोश,एएनएम व आशा के गठजोड़ से व्यापक पैमाने पर प्रसव गृह संचालित हो रहा है. इन अवैध प्रसव गृह के दलाल पीएचसी के इर्द गिर्द चक्कर लगाते रहते हैं.
मौका मिलते ही गर्भवती को बहला-फुसला एवं भय दिखा कर अपने आकाओं के प्रसव गृह में ले कर जाते हैं.और वहां उनसे मोटी रकम वसूली जाती है. ऐसे में जब प्रसुता की हालत अधिक गंभीर हो जाती है तो एक बार फिर बहला फुसला कर सदर अस्पताल की राह पकड़ा देती है.कई मामलों में तो जच्चा बच्चा की मौत तक हो जाती है.

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