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भोजन शुल्क में वृद्धि से प्रशिक्षणार्थी परेशान

जो छात्राएं अतिरिक्त शुल्क देने को तैयार हैं, उसे प्रशिक्षण हेतु अस्पताल भेजा जा रहा है. इनमें एक दिव्यांग छात्रा सहित पांच गरीब छात्रा बढ़ी हुई राशि देने में असमर्थ है, तो उन्हें पांच दिन से प्रशिक्षण हेतु सदर अस्पताल नहीं जाने दिया जा रहा है. पूर्णिया : सदर अस्पताल स्थित एएनएम स्कूल में जनवरी […]

जो छात्राएं अतिरिक्त शुल्क देने को तैयार हैं, उसे प्रशिक्षण हेतु अस्पताल भेजा जा रहा है. इनमें एक दिव्यांग छात्रा सहित पांच गरीब छात्रा बढ़ी हुई राशि देने में असमर्थ है, तो उन्हें पांच दिन से प्रशिक्षण हेतु सदर अस्पताल नहीं जाने दिया जा रहा है.

पूर्णिया : सदर अस्पताल स्थित एएनएम स्कूल में जनवरी माह से प्रशिक्षण ले रही नर्सिंग छात्राओं के भोजन शुल्क में वृद्धि कर दिये जाने से छात्राओं में भारी आक्रोश है. छात्राओं ने इस बाबत कई बार सिविल सर्जन को भी पत्र लिखा, किंतु छात्राओं की गुहार को किसी ने नहीं सुना.आक्रोशित छात्राएं विगत 14 ‍फरवरी को भूख हड़ताल पर चली गयी थीं.
प्रशिक्षण स्कूल प्रबंधन द्वारा काफी समझाने बुझाने पर छात्राओं अन्न ग्रहण किया था. अब तो स्कूल प्रबंधन ने बढ़ी हुई राशि जमा नहीं करने पर प्रशिक्षण हेतु अस्पताल जाने पर भी रोक लगा दिया है. प्रशिक्षण ले रही छात्राएं हतोत्साहित हैं. तनाव में वे आत्महत्या तक करने की बात कह रहे हैं.
क्या है मामला
एएनएम स्कूल में कुल 88 छात्राएं एएनएम की प्रशिक्षण ले रही हैं. इसमें प्रथम वर्ष की 43 व द्वितीय वर्ष की 45 छात्राएं शामिल है. इन छात्राओं से स्कूल प्रबंधन द्वारा भोजन शुल्क के रूप में 1500 रुपये लिया जाता था. सरकार से एएनएम की छात्राओं को 1500 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दिया जाता है. जनवरी माह से स्कूल प्रबंधन ने भोजन शुल्क बढ़ा कर 2000 रुपये कर दिया है. जिससे प्रशिक्षण ले रही छात्राओं में घोर निराशा है.
छात्राओं का कहना है कि मध्यम वर्गीय घरों से आने वाली छात्राएं भोजन शुल्क में पांच सौ रुपये का अतिरिक्त भार उठा लेगें, किंतु गरीब छात्राएं पांच सौ रुपये कहां से लायेंगी. छात्राओं ने दूरभाष पर बताया कि गरीब छात्राओं को एएनएम की पढ़ाई से वंचित करने की साजिश है.
छात्राओं का दर्द
जो छात्राएं अतिरिक्त शुल्क देने को तैयार हुई, उसे अस्पताल प्रशिक्षण हेतु भेजा जा रहा है. इनमें एक दिव्यांग छात्रा सहित पांच गरीब छात्रा बढ़ी हुई राशि देने में असमर्थ है, तो उन्हें पांच दिन से प्रशिक्षण हेतु सदर अस्पताल नहीं जाने दिया जा रहा है. छात्राएं स्कूल प्रबंधन से बार बार सिविल सर्जन से मिल कर अपनी व्यथा बतानी चाह रही हैं तो स्कूल प्रबंधन उसे सिविल सर्जन से मिलने से रोक रखी है. ऐसे में निराश छात्राएं अपने हॉस्टल में पड़ी हैं.‍
अपने भविष्य को लेकर निराश हैं. मोबाइल पर नूतन, पूजा, आभा, अंकिता, भानूप्रिया, आदि छात्राओं ने बताया कि हम इतने गरीब हैं कि हमारे अभिभावक अतिरिक्त खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं. हमलोग भविष्य को ले कर हताश व निराश हो चुके हैं. ऐसी स्थिति में कुछ भी हो सकता है.
स्कूल प्रबंधन का तर्क
एएनएम स्कूल के प्राचार्य गिरीश कुमार ने बताया कि भोजन शुल्क में वृद्धि सिविल सर्जन के आदेश से किया गया है.मेन्यू का पालन के लिहाज से यह बढ़ोत्तरी की गयी है. जिसमें सुबह के नाश्ते में चार पीस रोटी-सब्जी,दोपहर में चावल,दाल सब्जी व सलाद,रात मे पांच पीस रोटी,सब्जी सप्ताह में पांच दिन तक दिया जाता है.
जबिक नाश्ते मे दो दिन विशेष नाश्ता,एक दिन मांसाहार भोजन दिया जाता है.रात के भोजन में सामान्य भोजन ही दिया जाता है.मात्र पंद्रह सौ रुपये में ऐसा मैन्यू देने में आउटसोर्सिंग एजेंसी देने में असमर्थ है.लिहाजा भोजन शुल्क में वृद्धि किया गया.
कहते हैं सीएस
सीएस एमएम वसीम ने कहा कि 50 रुपये में छात्राओं को भोजन कराना संभव नहीं है. यही कारण है कि भोजन के दर में वृद्धि की गयी है. जिन छात्राओं को परेशानी हो रही है, वह अन्यत्र व्यवस्था कर सकती हैं.

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