पूर्णिया : राष्ट्रीय राजपथ के किनारे स्थित श्रीराम फाइनांस कार्यालय से 24 दिन पहले सोना और नकदी सहित 60 लाख की चोरी हो गयी और अब तक पुलिसिया अनुसंधान सिफर साबित हुई है. पुलिस अपनी साख बचाने के लिए श्रीराम फाइनांस के कर्मियों को ही इंश्योरेंस पाने के लिए चोरी के लिए जिम्मेवार बता कर कठघरे में खड़ा कर रही है तो दूसरी तरफ फाइनांस कंपनी के कर्मी पुलिसिया आरोप को सिरे से खारिज कर रहे हैं.
कंपनी सूत्रों की मानें तो इस चोरी से कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है और पुलिस अनर्गल आरोप लगा कर खुद को पाक-साफ साबित कर रही है. कंपनी का मानना है कि इसका बीमा भी श्रीराम कंपनी की बीमा शाखा की ओर से किया गया है. ऐसे में इंश्योरेंस के लिए चोरी की घटना को अंजाम देने का कोई मतलब नहीं होता है.
इस मामले में बड़ा सवाल यह भी है कि जब चोरी में संलग्न लोग कंपनी के ही हैं तो पुलिस के इस घटना के उद्भेदन में हाथ-पांव क्यों फूल रहे हैं. वैज्ञानिक अनुसंधान के इस दौर में किस वजह से स्थानीय पुलिस मध्ययुगीन अनुसंधान में जुटी हुई है, यह सवालों के घेरे में है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि शाखा प्रबंधक विनय कुमार सिंह का दावा है कि घटना के बाद पुलिस को अनुसंधान में पूरा सहयोग किया जा रहा है. यहां तक कि शाखा के सभी कर्मियों के नाम, पता व मोबाइल नंबर थाना में दिया गया है.
जब पुलिस को जिस कर्मी से पूछताछ की आवश्यकता होती है, उससे सीधा संपर्क किया जा सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि पूरे मामले में पुलिस और फाइनांस कंपनी के कर्मियों के बीच नूराकुश्ती जारी है.