गुरु के द्वारा बताये मार्ग पर चल कर ही आदमी अपनी कमियों को दूर कर सुखमय जीवन के पथ पर अग्रसर हो सकता है. गुरु स्वयं त्यागी होता है. गुरु दूसरों का कल्याण करने वाला होता है
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आत्मा की सुंदरता से सुंदर होगा जीवन
गुरु के द्वारा बताये मार्ग पर चल कर ही आदमी अपनी कमियों को दूर कर सुखमय जीवन के पथ पर अग्रसर हो सकता है. गुरु स्वयं त्यागी होता है. गुरु दूसरों का कल्याण करने वाला होता है पूर्णिया : गुरु एक ऐसा दर्पण है जो अपने शिष्यों की कमियों को दिखाता है. उसे दूर करने […]
पूर्णिया : गुरु एक ऐसा दर्पण है जो अपने शिष्यों की कमियों को दिखाता है. उसे दूर करने में सहायक होता है. गुरु के द्वारा बताये मार्ग पर चल कर ही आदमी अपनी कमियों को दूर कर सुखमय जीवन के पथ पर अग्रसर हो सकता है. गुरु स्वयं त्यागी होता है. गुरु दूसरों का कल्याण करने वाला होता है.
उक्त बातें बुधवार को जैन तेरापंथ के ग्यारहवें आचार्य महाश्रमण जी ने प्रवचन पंडाल में उपस्थित श्रावक समाज को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने खुद को देखना को अध्यात्म की साधना में सबसे उच्च कोटि की साधना बताया.
आचार्य महाश्रमण ने बताया कि हमारी आंखें हमेशा सामने वाले को ही देखती है. यदि आदमी को खुद का चेहरा देखना हो तो दर्पण या किसी दूसरे वस्तु का आश्रय लेना पड़ता है. आध्यात्मिक दृष्टि से अपने आपको देखने का आशय है अपने बारे में जानना. जैसे मैं कैसा हूं, मेरे अंदर क्या कमी है, क्या दुर्गुण है, कौन सा दोष है, ये सभी अपने आपको देखने के बिंदु है.
अपने आप को जानने के लिए आदमी को अंतर्मुखी बनना पड़ेगा. इसके लिए आदमी को प्रेक्षाध्यान करना चाहिए और स्वाध्याय करना चाहिए. अपने प्रवचन के दौरान आचार्य महाश्रमण जी ने कहा कि आदमी शरीर को बाहर से सुंदर बनाने के लिए न जाने क्या-क्या जतन करता है.
लेकिन जब तक अंतरात्मा सुंदर नहीं होगा तब तक आदमी के बाहर की सुंदरता आध्यात्मिक जीवन के साथ-साथ व्यवहारिक जीवन में भी सुंदर नहीं कही जा सकती. आत्मा को सुंदर बनाने के लिए त्याग की जरूरत है. त्याग आत्मा का पोषण है. बाह्य सुंदरता छोड़ आदमी आत्मा को सुंदर बनाये तो जीवन वृत्त सुंदर हो जायेगा.
बच्चों ने किया मंत्रमुग्ध
बुधवार को आचार्य महाश्रमण के स्वागत में ज्ञानशाला के बच्चों व कन्या मंडल की युवतियों ने नृत्य प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान कन्या मंडल की बहनों ने ‘मन मंदिर में देव पधारे ‘गीत पर ऐसा भावपूर्ण नृत्य किया कि उनके थिरकते पांव व भाव भंगिमा के आगे श्रावक समाज मंत्रमुग्ध हो गया. कार्यक्रम के दौरान प्रवचन पंडाल में स्कूली बच्चों सहित भारी संख्या में श्रावक समाज उपस्थित थे.
मरीजों को मिला चश्मा
टीपीएफ के पांचवें स्वास्थ्य जांच शिविर में पहुंचे वैसे गरीब लोगों के अरमान पूरे हुए जो अस्वस्थ तो थे परंतु पैसे के अभाव में इलाज दवा व चश्मे से वंचित थे. बुधवार को ऐसे मरीजों के चेहरे पर खुशियां देखी गयी.
दरअसल टीपीएफ ने बुधवार को गुलाबबाग के स्व जवाहर लाल नेहरू उच्च विद्यालय में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया था. इस दौरान चलंत अस्पताल के डॉक्टरों ने 206 गरीबों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. स्वास्थ्य जांच के बाद इन लोगों में दवा, चश्मा का भी वितरण किया गया.
कार्यक्रम का उद्घाटन भैरोदान जी भुरा एवं तेयुप अध्यक्ष पवन भुरा ने किया. इस मौके पर टीपीएफ के अध्यक्ष डालचंद जी संचेती, सौरभ बैद्य, पवन मालू, डा विनोद धारेवा, रूपेश डुंगरवाल, समाजसेवी लाल बहादुर यादव, वार्ड पार्षद मंजू देवी, नीशा यादव, विद्यालय प्राचार्य प्रमोद जायसवाल मौजूद थे.
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