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परिवार परामर्श केंद्र में सात विवादों का निबटारा

परिवार परामर्श केंद्र में सात विवादों का निबटारा पूर्णिया. पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में सात पारिवारिक विवादों का निबटारा किया गया. अधिकतर विवाद पति-पत्नी के बीच दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और शराब पीकर पत्नी पर अत्याचार करने से संबंधित थे. टीकापट्टी थाना क्षेत्र के कंचन कुमारी ने अपनी सास, ससुर व देवर पर यह आरोप […]

परिवार परामर्श केंद्र में सात विवादों का निबटारा पूर्णिया. पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में सात पारिवारिक विवादों का निबटारा किया गया. अधिकतर विवाद पति-पत्नी के बीच दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और शराब पीकर पत्नी पर अत्याचार करने से संबंधित थे. टीकापट्टी थाना क्षेत्र के कंचन कुमारी ने अपनी सास, ससुर व देवर पर यह आरोप लगायी थी कि जब-जब उसका पति पृथ्वीचंद मंडल दिल्ली मजदूरी करने चला जाता है, उक्त सभी उसके साथ मारपीट करते हैं. पति के द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि वह पूर्णिया में ही मजदूरी करेगा और अपनी पत्नी को साथ रखेगा. केंद्र के समझाने पर दोनों एक साथ रहने के लिए राजी हो गये. बनमनखी थाना अंतर्गत बेलाचांद मोहनिया चकला की ममता देवी ने अपने पति सुपौल जिला के जदिया के सुरेंद्र यादव पर आरोप लगाया कि शादी में सब कुछ दिये जाने के बाद भी दहेज के रूप में डेढ़ लाख रुपये की मांग कर रहा है और नहीं दिये जाने पर पिटाई करता है. केंद्र की हिदायत पर पति द्वारा भविष्य में प्रताड़ित नहीं करने का बाउंड पत्र बनाया गया. टीकापट्टी थाना क्षेत्र के गोरियर के पप्पू कुमार ने अपनी पत्नी पूजा कुमारी पर बराबर मायका भाग कर चले जाने का आरोप लगाया था. केंद्र की बार-बार कोशिश के बावजूद पत्नी उपस्थित नहीं हुई. केंद्र द्वारा पति को न्यायालय में वाद सुलझाने की सलाह दी गयी. भागलपुर के घंटाघर के लालवती देवी ने अपने दामाद जैकी मेहतर पर आरोप लगाया कि वह पूर्व में परिवार परामर्श केंद्र द्वारा किये गये समझौता का पालन नहीं कर रहा है. जैकी ने अपनी पत्नी को पूर्णिया में रहने और बार-बार मायका नहीं जाने का आरोप लगाया. केंद्र ने जैकी की बात को स्वीकार करते हुए उसकी पत्नी को पूर्णिया में रहने के लिए राजी कर लिया. केनगर थाना के झुन्नी कला की चंचला देवी एवं उसका पति मनोज यादव के बीच चल रहा विवाद था. जिसमें पति द्वारा यह स्वीकार किया गया कि शादी के 22 वर्ष बीत जाने के बाद पत्नी का अलग रहना मुनासिब नहीं है. उनके बच्चे भी बड़े हो रहे हैं. केंद्र द्वारा दोनों के बीच विवादों का समाप्त कराया गया. मीरगंज के मो मुबारक ने अपनी पत्नी मुनिया खातून पर यह आरोप लगाया था कि शादी के डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी पत्नी बात-बात पर मायका चली जाती है. यहां तक कि ससुराल वालों द्वारा पत्नी की दूसरी शादी कराने की धमकी भी दी जाती है. केंद्र के समझाने पर दोनों पक्षों को आपसी सहमति के द्वारा मायका जाने की सलाह दी गयी. बायसी थाना के बरैली की बीबी नाजवीन ने अपने पति शाहनवाज पर हमेशा झगड़ा करने का आरोप लगाया. यह भी कहा गया कि सास, ससुर व ननद दहेज के लिए उसके पति को उकसाते हैं. केंद्र द्वारा पति पक्ष को यह शर्त कराया गया कि भविष्य में पत्नी से दहेज की मांग नहीं करेगा और न ही प्रताड़ित किया जायेगा. भवानीपुर के दरगाह के मो अजीम ने अपने पत्नी जो 06 बच्चों की मां है, से मिला देने की गुहार लगायी थी. पत्नी का आरोप था कि उसका पति उसके चरित्र को लेकर बार-बार कीचड़ उछालता रहता है. केंद्र में उपस्थित सभी बच्चे भी अपनी मां के साथ रहना नहीं चाहते थे. पत्नी कि सी भी हालत में पति के साथ रहने के लिए राजी नहीं हुई. मामलों को निपटाने में केंद्र की संयोजिका मेनका रानी, सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, केके वर्मा, बबीता चौधरी के अलावा कार्यालय सहायक नारायण कुमार गुप्ता का सराहनीय सहयोग रहा.

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