शाम-ए-महफिल में शिरकत कर रहे अतिथियों ने कहा -ठहर गया था वक्त, नि:शब्द थी महफिल पूर्णियात्र1. सुधीर कुमार (प्रमंडलीय आयुक्त)- कार्यक्रम की जितनी सराहना की जाय कम होगी. दोनों शायर ने आम आदमी की जिंदगी से जुड़े जज्बातों को पेश किया, जो अच्छा लगा.2. कुमार आदित्य-(जिला कार्यक्रम समन्वयक, कांग्रेस) लीक से हट कर कार्यक्रम आयोजन के लिए प्रभात खबर को कोटिश: धन्यवाद. मुनव्वर राणा और राहत इंदौरी एक साथ गागर में सागर के समान दिखे. 3. आरती सिंह (निदेशक, यूरो किड्स गांधीनगर) -ढाई घंटा कैसे बीत गया कुछ पता ही नहीं चला. ऐसा महसूस हो गया कि वक्त ठहर सा गया है. बेहद उम्दा कार्यक्रम था. 4. अमोद मंडल (सामाजिक कार्यकर्ता)-मुनव्वर राणा और राहत इंदौरी जैसे बड़े शख्स का पूर्णिया आगमन अपने आप में गर्व की बात है. नज्म और शायरों से पूरी महफिल नि:शब्द रही. 5. गिरींद्र नाथ झा (साहित्यकार)- पूर्णिया साहित्य की भूमि रही है. फणीश्वनाथ रेणु की धरती पर इंदौरी व मुनव्वर राणा की उपस्थिति एक अलग तरह का एहसास करा गयी. 6. पंकज पटेल(भाजपा नेता)-शाम-ए-महफिल ने नव वर्ष के आगाज को और भी सुंदर बना दिया. प्रभात खबर का यह प्रयास शहर वासियों के लिए नये वर्ष का तोहफा है. 7. अमित सिन्हा(निदेशक एंबीशन) -पूर्णिया में शायर मुनव्वर राणा और राहत इंदौरी को सुनना एक नये तरह का अनुभव दे गया. इन दोनों की शायरी हमें मुकम्मल इनसान बनने की नसीहत देता है. 8. भानु भास्कर(निदेशक बिजेंद्र पब्लिक स्कूल)-शायरी और नज्म की दुनिया के दो बेताज बादशाह को एक साथ सुनना अभूतपूर्व अनुभूति दे गया. इस आयोजन के लिए प्रभात खबर को धन्यवाद. 9. राजेश मिश्रा (निदेशक, विद्या विहार)- पूर्णिया में यूं तो और भी कार्यक्रम होते रहे हैं. लेकिन शाम-ए-महफिल कुछ अलहदा था. प्रभात खबर की इस अनोखी पहल के लिए धन्यवाद. 10. राम शंकर (उप विकास आयुक्त, पूर्णिया)- प्रभात खबर की प्रस्तुति शाम-ए-महफिल में शामिल होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. ऐसे कार्यक्रमों की जितनी सराहना की जाय कम है. 11. रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह(एसडीएम, पूर्णिया सदर)- प्रभात खबर के सहयोग से देश के दो बेहतरीन शायरों को सुनने का मौका मिला. बुद्धिजीवियों के लिए समर्पित यह कार्यक्रम अखबार की सराहनीय पहल है. 12. डा ए इमाम(निदेशक, एमआइटी)- ठंड के इस मौसम में भी मुनव्वर और राहत साहब के नज्मों और शायरी से पूरे माहौल में गर्माहट ला दी. नज्म और शायरी दिलों को जोड़ती है और सरहदों की बीच की दूरियां मिटाती है. 13.बबलू चौधरी(अध्यक्ष व्यवसायी महासंघ)-शाम-ए-महफिल से शहर गौरवान्वित हुआ है.प्रभात खबर ने मुशायरा के दिवानों को नये साल का तोहफा समर्पित कर नई लकीर खींची है. 14. रूपेश डुंगरवाल (एमडी पुनरासन जूट पार्क)- पूर्णिया की धरती पर प्रभात खबर ने एक अभिनव पहल की. मुशायरों के धुन से मदहोशी का आलम यह है कि सर्द रातें भी गर्म हो उठी है. 15. सुरेंद्र विनायकिया (व्यवसायी)-कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ और सन्नाटे की तासीर बता रही थी कि हर कोई नज्म और शायरी में डूब चुका था. यह आयोजन शहर वासियों के मनो मस्तिष्क पर अपनी छाप छोड़ जायेगा. 16. सुरेंदर भगत (प्रतिनिधि गोदरेज एग्रोभेट) -इस तरह का आयोजन पूर्णिया जैसे शहर के लिए सराहनीय है. लोग नज्म और शायरी में इस तरह डूबे कि समय कब निकल गया पता ही नहीं चल पाया. 17. अजय साह (समाजसेवी)-पिछले कई दिनों से कशमकश थी कि कब मुनव्वर राणा और राहत इंदौरी का दीदार होगा. प्रभात खबर को इस आयोजन के लिए शुक्रिया. ऐसे पहल की आगे भी जरूरत है. 18. मो हारून गाफिल(शायर)- देश के दो जाने-माने शायर जिसके इश्तकबाल के लिए महफिले भी तरसती है, को सुन कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. प्रभात खबर ने इस तरह के आयोजन कर एक नयी परंपरा की शुरुआत की है, जो सराहनीय है.
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शाम-ए-महफिल में शिरकत कर रहे अतिथियों ने कहा
शाम-ए-महफिल में शिरकत कर रहे अतिथियों ने कहा -ठहर गया था वक्त, नि:शब्द थी महफिल पूर्णियात्र1. सुधीर कुमार (प्रमंडलीय आयुक्त)- कार्यक्रम की जितनी सराहना की जाय कम होगी. दोनों शायर ने आम आदमी की जिंदगी से जुड़े जज्बातों को पेश किया, जो अच्छा लगा.2. कुमार आदित्य-(जिला कार्यक्रम समन्वयक, कांग्रेस) लीक से हट कर कार्यक्रम आयोजन […]
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