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धान खरीद केंद्र के इंतजार में पथराने लगी हैं आखें

धान खरीद केंद्र के इंतजार में पथराने लगी हैं आखें पूर्णिया. जिले के पैक्सों में सरकारी धान क्रय केंद्र खुलने के इंतजार कर रहे किसानों की आंखें अब पथराने लगी है. सरकार द्वारा निर्धारित अहर्ता के पेंच के कारण अब तक धान क्रय प्रारंभ नहीं हो सका है. उत्पन्न परिस्थिति के कारण जिले के किसान […]

धान खरीद केंद्र के इंतजार में पथराने लगी हैं आखें पूर्णिया. जिले के पैक्सों में सरकारी धान क्रय केंद्र खुलने के इंतजार कर रहे किसानों की आंखें अब पथराने लगी है. सरकार द्वारा निर्धारित अहर्ता के पेंच के कारण अब तक धान क्रय प्रारंभ नहीं हो सका है. उत्पन्न परिस्थिति के कारण जिले के किसान धान के सरकारी क्रय केंद्र खुलने के प्रति आशाहीन होने लगे हैं. धान के सरकारी क्रय पर अब तक बोनस की घोषणा नहीं होने और क्रय प्रारंभ नहीं होने से निराश जिले के किसान अगली खेती के लिए पूंजी की आवश्यकता के मद्देनजर स्थानीय व्यवसायियों के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं. छोटे और सीमांत किसानों के लगभग शत प्रतिशत धान खरीद होकर स्थानीय व्यवसायियों के गोदाम तक पहुंच भी चुके हैं.05 दिसंबर से सरकारी क्रय की हुई थी घोषणा 05 दिसंबर से ही जिले में सरकारी क्रय केंद्रों द्वारा धान क्रय की घोषणा की गयी थी. घोषणा अब तक हकीकत में तब्दील नहीं हो सकी है. क्रय की घोषणा तिथि के लगभग 21 दिन बीत जाने के बाद भी सरकारी धान का क्रय प्रारंभ होना अब अपने आप में एक सवाल है और धान क्रय की घोषणा पर प्रश्न चिह्न खड़ा करता है. यह अलग बात है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा शीघ्र ही क्रय केंद्र आरंभ होने का आश्वासन दिया जा रहा है. लेकिन यह आश्वासन कब हकीकत में तब्दील हो पायेगा, कह पाना कठिन है. परेशान किसानों का कहना है कि सरकारी क्रय केंद्र खुलने में अगर नयी तकनीक और अहर्ताएं में पेंच है और उसका निदान नहीं हो रहा है तो पिछले वर्ष की तकनीक और अहर्ताएं पर ही खरीद प्रारंभ क्यों नहीं की जाती.65 हजार मीट्रिक टन का है लक्ष्य जानकारी अनुसार जिले में सरकारी धान क्रय का लक्ष्य 65 हजार मीट्रिक टन है. जिसमें 58 हजार 500 मीट्रिक टन पैक्सों एवं 6 हजार 500 मीट्रिक टन एसएफसी द्वारा क्रय किया जाना है. लेकिन पैक्सों द्वारा अब तक क्रय प्रारंभ नहीं किये जाने से लक्ष्य की प्राप्ति पर संदेह उत्पन्न होने लगा है. क्योंकि धान क्रय केंद्र में विलंब होने से अगली खेती के जुगत में छोटे और सीमांत किसान अपनी उपज का लगभग शत प्रतिशत हिस्सा स्थानीय व्यवसायियों के हाथों बेच चुके हैं और शेष किसानों द्वारा भी बिक्री का सिलसिला जारी है. गत वर्ष 29730.715 मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी थी जिसमें पैक्सों द्वारा 22288.521 मीट्रिक टन एवं एसएफसी द्वारा सीधे किसानों से 7442.194 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी.किसानों को हो चुका है राशि का भुगतान गत वर्ष पैक्सों एवं एसएफसी द्वारा खरीद किये गये धान की राशि का भुगतान किसानों को हो चुका है. बताया गया है कि गत वर्ष खरीद किये गये धान खरीद के मद में किसानों को कुल 513585896.190 रुपये का भुगतान हो चुका है. भुगतान में विलंब अवश्य हुआ लेकिन एक भी किसान की राशि बकाया नहीं है. कहते हैं किसान किसानों में बनमनखी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धरहरा चकला भुनाई पंचायत के शीतल ऋषि, नवल किशोर सिंह, पुन प्रताप सिंह, ओमप्रकाश सिंह, कमलेश्वरी शर्मा, जेठा मुर्मू, मोहम्मद इबादत, कचहरी बलुआ के निर्भय, बहोरा के पंकज सिंह आदि ने बताया कि खरीफ खेती के पीक आवर में धान के सरकारी क्रय केंद्र नहीं खुलने एवं रबी खेती के लिए पूंजी की आवश्यकता के मद्देनजर छोटे एवं सीमांत किसान 900 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल के दर से स्थानीय व्यवसायियों के हाथों धान बिक्री के लिए मजबूर हो गयी. शेष किसानों द्वारा भी स्थानीय व्यवसायियों के हाथों धान बिक्री का सिलसिला प्रारंभ है. फोटो:- 26 पूर्णिया 23परिचय:- व्यवसायियों द्वारा खरीदे गये धान

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