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मानकविहीन पैथोलॉजी का फल-फूल रहा है कारोबार

मानकविहीन पैथोलॉजी का फल-फूल रहा है कारोबार पूर्णिया. शहर में अवैध एवं मानक विहीन पैथोलॉजी लंबे से समय से निर्बाध रूप से चल रहा है. ग्रामीण इलाकों से पहुंचने वाले गरीब मरीजों का इन सेंटरों में जम कर दोहन व शोषण हो रहा है. विभाग ऐसें संचालकों के प्रति न केवल नरम रुख रख रहा […]

मानकविहीन पैथोलॉजी का फल-फूल रहा है कारोबार पूर्णिया. शहर में अवैध एवं मानक विहीन पैथोलॉजी लंबे से समय से निर्बाध रूप से चल रहा है. ग्रामीण इलाकों से पहुंचने वाले गरीब मरीजों का इन सेंटरों में जम कर दोहन व शोषण हो रहा है. विभाग ऐसें संचालकों के प्रति न केवल नरम रुख रख रहा है, बल्कि विधिवत निबंधित भी कर रखा है. इन सेंटरों में सैंपलों की जांच होती या नहीं यह भी संदिग्ध है. ऐसे में इन पैथोलॉजी के खिलाफ विभाग की नरमदिली सवालों के घेरे में है. पर्चा के माध्यम से होता है धंधाशहर में लगभग 150 के आस-पास अवैध एवं मानक विहीन पैथोलॉजी संचालित है. जहां ऐसे पैथोलॉजी के संचालक डॉक्टरों से संपर्क कर मोटी कमीशन का आश्वासन दे कर अपना पर्चा छोड़ आते हैं. इन्हीं पर्चा को भोले-भाले गरीब मरीजों को थमा कर जांच के लिए भेज दिया जाता है. ऐसे में जांच हुई या नहीं,यदि जांच हुई तो रिपोर्ट में कितनी सच्चाई है, किसी को पता नहीं होता है. डॉक्टर एवं पैथोलॉजी संचालकों के गंठजोड़ से गरीब मरीजों का जम कर शोषण चल रहा है. इस काले कारोबार से स्वास्थ्य नगरी कलंकित हो रहा है. जिसकी चिंता धरती के भगवान को भी नहीं है. दो दर्जन सेंटरों को मिल चुकी है सरकारी स्वीकृतिइसमें कोई दो राय नहीं है कि स्वास्थ्य नगरी में वर्षो से चल रहे मानक विहीन पैथोलॉजी विभागीय शह से ही चल रही है. इसके लिए सभी अवैध एवं मानक विहीन पैथोलॉजी विभाग से निबंधन करा रखा है. आश्चर्य इस बात का है कि इन पैथोलॉजी में एमडी पैथो,डीसीपी नहीं होने के बावजूद भी इसे निबंधित किया गया है. खास बात यह है कि अधिकांश सेंटरों में किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कोर्स किया हुआ लैब तकनीशियन भी नहीं है. इससे साफ जाहिर है कि गरीब मरीजों को ठगने के लिए यह गंठ बंधन तैयार बैठा है. यहां यह भी बता दें कि जितने भी पैथोलॉजी विभाग के सभी मानकों को पूरा करने में सक्षम है ,वे निबंधन कराने में दिलचस्पी नहीं दिखायी. विभाग के नरमी का राजजानकारों की माने तो जिस समय पैथोलॉजी निबंधन की होड़ मची थी. उस समय कई सरगनाओं ने एक तथा कथित पैथोलॉजी माफिया सरगना के साथ मिल कर निबंधन के लिए आवेदन जमा किया था. जहां सब कुछ फर्जी ही था. इस काम के लिए विभाग को एक निश्चित बंधी बंधायी राशि देकर निबंधन कराने की बात सामने आ रही है. जिस कारण यह धंधा यहां बेखौफ चल रहा है. जानकार यहां तक बताते हैं कि यदि निबंधन के समय विभाग को समर्पित दस्तावेजों के आधार पर सेंटरों का जांच किया जाये,सभी राज स्वत:खुलते चले जायेंगे. टिप्पणी फिलहाल तो दवा दुकानों की जांच चल रही है. यह काम पूरा होते ही प्रशासन के सहयोग से पैथोलॉजी की भी जांच कराये जाने की संभावना है. डॉ एमएम वसीम,सिविल सर्जन,पूर्णियाफोटो26पूर्णिया 8परिचय-पैथोलॉजी के प्रतीकात्मक तस्वीर

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