पूर्णिया : गरीब, दलित व स्लम बस्तियों के अलावा आवश्यकता अनुसार अन्य बस्तियों के वैसे लोगों को जो लौह युक्त पानी पीने को विवश है. नगर निगम उन्हें शुद्ध पेयजल उपलब्ध करायेगा. ऐसे चयनित बस्तियों में वाटर फिल्टर मशीन मोटर के साथ मिनी वाटर टावर बनाये जायेंगे.
बल्कि बकायदा पानी सप्लाई हेतु नल व स्टॉल भी बनाया जायेगा. उक्त जानकारी नगर आयुक्त सुरेश चौधरी ने दी. उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई सरकारी योजना तो इसके लिए नहीं आयी है लेकिन शहर के वैसे इलाकों में जहां गरीबी है लोग आयरन युक्त पानी पीकर बीमार होते हैं वहां शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर योजना बनायी जा रही है. यह नगर निगम का दायित्व भी है कि लोगों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाय.
उन्होंने बताया कि चापाकल द्वारा पेयजल उपलब्ध कराये जाने की योजना जो पूर्व से चल रही है उसके बनिस्पत इस व्यवस्था से लोगों को ज्यादा राहत एवं शुद्ध पेयजल आयरन मुक्त पेयजल प्राप्त होगा. हालांकि इस पर कोई पहल अब तक निगम द्वारा शुरू नहीं किया गया है लेकिन अगर इस योजना को अमल में लाया जाता है तो लाखों की आबादी को आयरन मुक्त पानी नसीब हो सकेगा.
ये है योजना उपलब्ध जानकारी के अनुसार पीएचइडी द्वारा पेयजल सप्लाई एरिया से वंचित वैसे घनी आबादी वाली बस्ती जहां लोगों को स्वच्छ पेयजल नसीब नहीं है आयरन युक्त पानी पीने को विवश हैं. वैसे बस्तियों में जहां साधन संपन्न लोग नहीं है उसे चयनित कर वहां एक हजार लीटर का वाटर टैंक चार पिलरों के सहारे खड़ा कर शुद्ध पेयजल मुहैया करायी जायेगी.
वाटर टैंक के निचले हिस्से में घेराबंदी कर वाटर फिल्टर मशीन मोटर भी लगाया जायेगा बल्कि पानी सप्लाई स्टॉल भी बनाया जायेगा.स्थानीय लोगों की बनेगी निगरानी टीम इस योजना को पूर्णत: फलीभूत करने के लिए जहां और जिस बस्ती में वाटर टंकी लगायी जायेगी, उसकी सुरक्षा और संचालन के लिए स्थानीय पांच से सात लोगों की निगरानी टीम बनायी जायेगी जो मोटर मशीन एवं पानी सप्लाई की व्यवस्था की निगरानी करेंगे.
ताकि आम आदमी गरीब और वंचित लोगों तक शुद्ध पानी मुहैया होने में कोई परेशानी नहीं हो.हर घर में स्वच्छ जल मुहैया कराने की योजना नगर आयुक्त सुरेश चौधरी ने बताया कि अभी इस तरह की योजना पर विचार किया जा रहा है. लेकिन जैसे पेयजल की व्यवस्था को लेकर नगर निगम चापाकल लगाता है इससे बेहतर विकल्प के रूप में इस योजना पर विचार किया जा रहा है.
विचारोपरांत अगर सहमति बनती है तो हर घर स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने की इस योजना को कार्य रूप दिया जायेगा. करीब दो लाख आबादी को मिलेगी राहत नगर निगम के इस योजना को मूर्त रूप लेने में भले ही विलंब हो लेकिन इस कार्य के संपन्न होने से नगर निगम क्षेत्र के करीब दो लाख की आबादी को आयरन युक्त पानी से मुक्ति मिल जायेगी.
बता दें कि नगर निगम क्षेत्र के कुछेक शहरी इलाके को छोड़ दे तो करीब 70 प्रतिशत आबादी तक अब भी स्वच्छ पेयजल नहीं पहुंच पाया है. अलबत्ता आयरन युक्त पानी पीकर बीमार होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा जारी है.फोटो: 7 पूर्णिया 17