बीतने को है वर्ष, नहीं पूरा हो सका पुस्तकों का वितरण – राज्य शिक्षा परियोजना की लेट लतीफी के कारण नहीं हो सकी आपूर्ति – बीआरसी ने वितरण में नहीं दिखायी फुर्ती – नये शैक्षणिक सत्र के लिए भी लिया प्रस्ताव- पुस्तकों के अभाव में शिक्षा पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव- बाजार से पुस्तक खरीद पढ़ रहे हैं बच्चेप्रतिनिधि, पूर्णिया हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों में से एक शिक्षा का अधिकार भी है. शिक्षा में सुधार की दिशा में व्यापक योजनाएं भी बनायी जा रही हैं. लेकिन सरकारी कवायद कागजों तक ही सीमित है जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. दरअसल शैक्षणिक सत्र 2015-16 बीतने को है और अभी भी सैकड़ों छात्रों के बीच पुस्तक का वितरण नहीं हो सका है. जाहिर है बिना पुस्तक छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. विभागीय आंकड़े के अनुसार जिले में कुल पांच लाख 42 हजार 427 सेट पुस्तकों का वितरण किया जाना था. जिसके आलोक में राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा चार लाख 91 हजार 161 सेट पुस्तक उपलब्ध कराये गये. वहीं इसमें से कुल चार लाख 85 हजार दो सेट पुस्तक वितरित किये गये हैं.6159 सेट पुस्तक का नहीं हुआ वितरणजिले में अब तक कुल 6159 सेट पुस्तकों का वितरण नहीं हो सका है. जिसमें सबसे अधिक मिश्रित 2436 सेट पुस्तकें हैं. वहीं हिंदी में 2266 तथा उर्दू में 1457 सेट पुस्तकें वितरित नहीं की गई है. सबसे अधिक तीसरी कक्षा में 968 सेट पुस्तकें वितरित नहीं हाे पाई हैं. जबकि सबसे कम आठवीं कक्षा में 365 सेट पुस्तकें वितरित नहीं की गई हैं. जाहिर है बच्चों की पढ़ाई बिना किताब के पूरी नहीं हो सकती है. लिहाजा पुस्तकों के अभाव में बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है और सक्षम अभिभावक बाजार से पुस्तकों की खरीद कर बच्चों की पढ़ाई पूरी करवा रहे हैं.विभागीय पहल रही बेअसरराज्य शिक्षा परियोजना द्वारा बीआरसी से जिला परियोजना कार्यालय के माध्यम से पुस्तकों की मांग संबंधी प्रस्ताव लिया जाता है. इसी के अनुरूप बिहार टेक्स्टबुक कॉर्पोरेशन द्वारा सीधे बीआरसी को पुस्तक उपलब्ध करा दी जाती है. पूर्व में पुस्तकों की आपूर्ति जिला परियोजना कार्यालय के माध्यम से बीआरसी को की जाती थी. सरकार के इस पहल से पुस्तक वितरण कार्य में तेजी आने की उम्मीद जगी थी. लेकिन नतीजे में अभी भी कोई परिवर्तन होता नहीं दिख रहा है. इस वर्ष की बात करें तो राज्य परियोजना द्वारा भी जहां मांग से करीब 50 हजार से भी कम पुस्तकों की आपूर्ति की गयी, वहीं बीआरसी स्तर से भी उपलब्ध पुस्तकों का शत प्रतिशत वितरण नहीं हो सका है.पुस्तक वितरण का विवरणकक्षा – प्रस्ताव – आवंटन – वितरण – अवशेषएक – 76972 – 77177 – 76233 – 884दो – 80859 – 38139 – 37424 – 715तीन – 81644 – 102987 – 102019 – 968चार – 80556 – 74682 – 73739 – 943पांच – 78037 – 73210 – 72264 – 946छह – 51222 – 46808 – 45977 – 831सात – 49324 – 47674 – 47167 – 507आठ – 43813 – 30544 – 30179 – 365————————————–कुल – 542427 – 491161 – 485002 – 6159मौलिक है शिक्षा का अधिकारवर्ष 2009 में केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाया गया. जिसमें इसे मौलिक अधिकार में शामिल किया गया. इसके तहत गरीब से लेकर अमीर तक सभी तबकों के लिए शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य घोषित किया गया. सरकार ने इसके तहत सभी सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मुफ्त पुस्तक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया. इसका मूल उद्देश्य गरीब बच्चों के लिए भी शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराना था. लेकिन शुरुआत से ही सरकार की यह मुहिम असफल साबित हुई है. विभागीय अधिकारियों के लचर रवैये के कारण अब तक किसी भी वर्ष पुस्तकों का शत प्रतिशत वितरण नहीं हो सका है. लिहाजा सैकड़ों बच्चों के लिए मूलभूत शिक्षा प्राप्त करना आज भी आसान नहीं रहा है.नये साल के लिए लिया गया प्रस्तावजिले में इस शैक्षणिक वर्ष के लिए पुस्तकों वितरण का कार्य भले ही पूरा ना हुआ हो. लेकिन वर्ष 2016-17 के लिए पुस्तकों का प्रस्ताव ले लिया गया है. जिला शिक्षा परियोजना द्वारा राज्य परियोजना से इस वर्ष कुल छह लाख 94 हजार 550 सेट पुस्तकों की मांग की गयी है. यह प्रस्ताव करीब एक माह पूर्व ही राज्य परियोजना को भेज दिया गया है.प्रखंडवार भेजा गया प्रस्ताव (कक्षा एक से आठ तक)प्रखंड – कुल मांग बीकोठी – 55428कसबा – 43682रूपौली – 53777अमौर – 58863बैसा – 40520डगरूआ – 45705धमदाहा – 71505केनगर – 50312श्रीनगर – 27661पूर्णिया – 69511बनमनखी – 76340बायसी – 34375जलालगढ़ – 24522भवानीपुर – 42529 ———————–कुल – 694550टिप्पणी आशय की जानकारी नहीं है. जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.विजय कुमार झा, डीपीओ, सर्वशिक्षा अभियान, पूर्णियाटिप्पणी मामले को लेकर सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है. प्राप्त सभी पुस्तकों का विद्यालयों में अविलंब वितरण सुनिश्चित कर प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा गया है.डा प्रभात चंद्र झा, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, पूर्णियाफोटो:- 25 पूर्णिया 07परिचय:- किताब पढ़ते बालक की प्रतीकात्मक तसवीर
बीतने को है वर्ष, नहीं पूरा हो सका पुस्तकों का वितरण
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