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खरना के साथ नर्जिला उपवास आरंभ, भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य आज

खरना के साथ निर्जला उपवास आरंभ, भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य आज पूर्णिया : लोक आस्था के महापर्व में सोमवार को छठ व्रती महिलाएं दिन भर खरना की तैयारियों में लगी रहीं. देर शाम खरना के बाद से छठ व्रतियों का दो दिवसीय निर्जला उपवास आरंभ हो गया. आज छठ व्रती महिलाएं अस्ताचल भगवान भास्कर […]

खरना के साथ निर्जला उपवास आरंभ, भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य आज

पूर्णिया : लोक आस्था के महापर्व में सोमवार को छठ व्रती महिलाएं दिन भर खरना की तैयारियों में लगी रहीं. देर शाम खरना के बाद से छठ व्रतियों का दो दिवसीय निर्जला उपवास आरंभ हो गया. आज छठ व्रती महिलाएं अस्ताचल भगवान भास्कर को अर्घ्य समर्पित करेंगी. छठ पर्व को लेकर एक तरफ जहां छठ घाटों को सजाने-संवारने का कार्य पूरा हो चुका है.

वहीं दूसरी तरफ छठ पूर्व अंतिम खरीदारी के लिए छठ व्रतियों की भीड़ बाजारों में उमड़ पड़ी. महापर्व का उत्साह चरम पर है. वहीं छठ के गीतों से समूचा वातावरण गुंजायमान हो रहा है. रूनकी-झुनकी बेटी मांगिला-पढ़ल पंडितवा… सुगउ के मरब धेनुष से सुगा गिरिहें मुरछाय… और बाट जे जोहे ला बटोहिया दौरा केकरा के जाय…

जैसे छठ पर्व के गीतों से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. महंगाई पर आस्था साबित हुआ भारी गंगा स्नान और नहाय-खाय के साथ महापर्व की तैयारियों में जुटे लोगों की भीड़ सोमवार को भी बाजारों में उमड़ पड़ी. पूजन सामग्रियों के दामों में प्रतिदिन हो रहे उतार-चढ़ाव और महंगाई के बावजूद व्रतियों ने जम कर खरीदारी की.

व्यावसायिक बाजार गुलाबबाग से लेकर फल एवं सब्जी मंडी खुश्कीबाग, आर एन साव चौक पूर्णिया, मधुबनी, हरदा सहित जिला क्षेत्र के अन्य बाजारों में जुटे भीड़ का नजारा महापर्व के प्रति आस्था को परिलक्षित कर रहा था. चीनी, चावल, गुड़, मैदा, तेल, घी से लेकर अदरख, नींबू, टाभ, केतारी, सेव, संतरा, नारियल, अरतापात, सिंघाड़ा से लेकर पूजा सामग्री की जमकर खरीददारी हुई.

साजो-सज्जा को अंतिम रूप दूसरी तरफ घाटों की सफाई, रोशनी एवं साजो-सज्जा को लेकर सिटी के सौरा नदी, कला भवन पोखर, पक्की तालाब, ततमा टोली, खुश्कीबाग, बड़ी पोखर, मिलनपाड़ा, दमका नहर, चन्दन नगर पोखर सहित सभी छठ घाटों पर श्रद्धालु अंतिम रूप देने में लगे रहे.

भक्तिभाव के साथ आस्था के इस पर्व पर नगर निगम और जिला प्रशासन की कवायद से शहर वासियों में हर्ष देखा जा रहा है. वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने निजी तौर पर भी अपने दरवाजे या छत पर कृत्रिम घाट का निर्माण कर छठ की तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. खरना के बाद अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य आज लोक आस्था के महापर्व को लेकर नहाय-खाय के दूसरे दिन व्रती महिलाएं सुबह से ही खरना को लेकर तैयारियों में जुट गयी थी.

शुद्धता एवं साफ-सफाई के साथ दिन भर चावल चुनने के बाद सायंकाल में मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बने गुड़ से बना खीर और दाल वाली रोटी के साथ व्रती महिलाओं ने खरना कर पूजा-अर्चना की. जिसके बाद परिजनों को भी खरना का प्रसाद खिलाया गया. शहर की सड़कें घाट पर होंगी समाप्त मंगलवार को भगवान भास्कर के अस्ताचल स्वरूप को पहला अर्घ्य समर्पित किया जायेगा.

लोक आस्था के इस पर्व में आस्था रखने वालों के साथ व्रतियों की टोली के संग शहर की सारी सड़कें छठ घाटों की ओर मुड़ेगी. छठ गीतों के साथ लोक आस्था के पर्व का पहला अर्घ्य समर्पित होगा.घाटों पर उमड़ने वाली भीड़को लेकर जिला प्रशासन तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सुरक्षा के कई इंतजाम किये गये हैं. खरना के साथ ही शुरू हुआ निर्जला उपवाससोमवार को व्रतियों द्वारा खरना पूजा के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया.

बुधवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ के बाद यह महापर्व संपन्न होगा. भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य मंगलवार को पड़ेगा. सोमवार को खरना के बाद व्रती महिलाओं द्वारा छठी मइया के गीत के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य के सूप समर्पित करने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. पूरी रात व्रती महिलाओं ने ठेकुआ, भुसबा बनाया. यात्रियों के लिए है

चाक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था छठ पर्व पर रेल यात्रा के दौरान सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा एवं पूर्णिया जंक्शन पर यात्री सुरक्षा को लेकर जी आर पी तथा आर पी एफ के जवान तैनात किये गये हैं. ट्रेन की बोगियों की लगातार जांच की जा रही है. बल्कि करीब दर्जन भर रेल पुलिस के जवान सादे बर्दी में तैनात हैं.

पूर्णिया जंक्शन के चारों दिशाओं से आने जाने वाले पर पुलिस के जवान नजर रखे हुए हैं. उक्त जानकारी आर पी एफ के इंस्पेक्टर संजय कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि आवंछित तत्वों एवं बेवजह प्लेटफॉर्म पर घूमने वालों की जांच की जा रही है हर एक आने वालों पर नजर रखी जा रही है.

कटिहार में ट्रेन से रविवार को 14 जिंदा बम बरामद होने के बाद पुलिस की सक्रियता और बढ़ गयी है. कहीं बेरिकेटिंग तो कहीं लगाये गये सुरक्षा गार्डमहापर्व को लेकर छठ घाटों पर प्रशासनिक तैयारी भी पूरी कर ली गयी है. सौरा नदी घाट, कप्तानपाड़ा घाट एवं काली घाट पर सुरक्षा को लेकर बेरिकेटिंग की गयी है,

वहीं छठ व्रतियों के आने-जाने के लिए रास्तों का निर्माण भी नगर निगम द्वारा पूरा कर लिया गया है. दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने छठ व्रतियों की सुरक्षा को लेकर पूर्णिया सिटी, सौरा नदी घाट, दमका नहर घाट एवं अन्य घाटों पर पुलिस बल तैनात किये गये हैं. वहीं विभिन्न घाटों पर आपात स्थिति से निबटने के लिए गोताखोरों की भी तैनाती की गयी है.

जाम से जूझते रहे लोग छठ पर्व के खरीदारी को लेकर खुश्कीबाग हाट में उमड़ी भीड़ का नजारा यह था कि यहां दिन भर जाम लगा रहा. खरीदार से लेकर दुकानदार तक, यात्री से लेकर वाहन चालक तक, ट्रैफिक पुलिस से लेकर साहब तक सभी जाम से निकलने के लिए मशक्कत करते नजर आये. हालत यह थी कि मौके पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस और सदर थाना पुलिस के पसीने छूट रहे थे, लेकिन खरीदारी करने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी.

ऐसे में जाम का लगना भी लाजिमी था और जाम से बाहर निकलना कठिन था. ———————छठ व्रतियों के बीच सूप और साड़ी किया वितरणसिटी निवासी रौशन चौधरी ने दो दर्जन से अधिक छठ व्रती गरीब महिलाओं के बीच साड़ी, सूप, नारियल और पूजन सामग्री का वितरण किया. गल्ला कारोबारी रौशन चौधरी पिछले एक दशक से छठ पर्व के मौके पर वैसे गरीब छठ व्रती महिलाओं के बीच साड़ी सहित पूजन सामग्रियों का वितरण करते आये हैं.

श्री चौधरी ने बताया कि महापर्व के अवसर पर छठ व्रती महिलाओं के बीच फल, सूप और साडि़यों का वितरण कर उनकी दुआओं का भागीदार बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि पूर्णिया सिटी के कलिजान, नया टोला सहित कई ऐसे टोले-मुहल्ले जहां गरीब महिलाएं महापर्व करती हैं, लेकिन अर्थाभाव में उन्हें काफी परेशानी होती है, इसलिए उनकी मदद के लिए और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजन सामग्री का वितरण किया गया है.

साड़ी वितरण में शामिल छठ व्रती महिलाएं सात वर्षों से आशा खातून करती हैं छठगुलाबबाग की आशा खातून धर्म की बंदिशों से दूर पिछले सात सालों से छठ पर्व में भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ उपवास भी रखती रही है. छठ पर्व पर जिस तरह हिंदू धर्म में महापर्व को लेकर स्वच्छता और विधि-विधान का पालन किया जाता है,

ठीक उसी तरह गुलाबबाग के पोलोग्राम स्थित आशा खातून के घर में भी पूरी स्वच्छता और शुद्धता के साथ छठ पर्व का त्योहार मनाया जाता है. खास बात यह है कि इस त्योहार में उनके परिजन भी शामिल होते हैं. सोमवार को खुश्कीबाग हाट में छठ सामग्रियों की खरीदारी करने पहुंची आशा खातून की पुत्री ने बताया कि पिछले सात वर्षों से उनके घर में लगातार छठ पर्व होता आया है. इतना ही नहीं आशा खातून के घर बने छठ के प्रसाद को ग्रहण करने के लिए हिंदू-मुसलिम दोनों धर्म के लोग जुटते हैं. इस प्रकार आशा खातून सांप्रदायिक सौहार्द की पैरोकार बनी हुई है.

खुश्कीबाग हाट में छठ पर्व की खरीदारी करने पहुंची आशा खातून की पुत्री और दामाद पप्पू खलीफ ——————— साफ-सफाई के बाद छठ घाट हुआ चकाचक, अर्घ्य आजआस्था के महापर्व छठ पर्व को लेकर शहर के प्राय: सभी छठ घाटों की साफ-सफाई कर ली गयी है. छठ घाटों पर बिजली से सजावट एवं लाउड स्पीकर लगाने का कार्य अंतिम चरण में है. इन छठ घाटों में मंगलवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा.

छठ पर्व को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है.छठ घाटों की साफ-सफाई पूरीशहर के विभिन्न छठ घाटों की साफ -सफाई पूरी कर ली गयी है. ततमा टोली स्थित छठ पोखर, कला भवन तालाब, पंचमुखी चौक स्थित पक्की तालाब, सिटी स्थित सौरा नदी सहित तमाम छट घाटों की साफ -सफाई पूरी हो चुकी है. तमाम घाटों में खतरे के संकेत के लिए बांस से बेरिकेटिंग कर दी गयी है. शहर के सभी घाटों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है. घाटों के चप्पे -चप्पे पर ट्यूब लाईट, वेपर,सोडियम लाईट,डेकोरेटिव लाइट लगाने का काम जारी है.रास्ते में भी लाइटिंग की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है. छठ घाटों से लेकर रास्ते भर में लाउडस्पीकर लगाये गये हैं.छठ पर्व के कर्ण प्रिय गीतों का बजना शुरु हो गया है. छठ गीतों के बजने के साथ ही शहर का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया है. आज देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्यमंगलवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. पूर्णिया में मंगलवार को सूर्यास्त का समय 04:51 है. जबकि बुधवार को सूर्योदय प्रात: 06:00 बजे होगा. इसलिए उदयांचलगामी सूर्य को अर्घ्य भी प्रात: 06 बजे ही दिया जा सकता है.संध्याकालीन अर्घ्य- 04:51 से 05:10 बजे तक प्रात:कालीन अर्घ्य- सुबह 06:00 बजे से 06:20 बजे तक इस मंत्र से दें अर्घ्यआस्था के महापर्व में सूर्य को अर्घ्य देने के कई मंत्र पुराणों में है. किंतु अर्घ्य देने में नीचे दिये गये मंत्र से अर्घ्य देने से विशेष फलदायी माना जाता है. कामधेनु समूदभूतं सर्वेषां जीवन परम । पावन यज्ञ हेतुश्च पय: स्नानार्थ समर्पितम् ।। रात्रि जागरण का है विशेष महत्वछठ पर्व में रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. संध्याकालीन अर्घ्य के बाद घर में सत्य नारायण पूजन का भी विधान है. पूजनोपरांत रात में भजन, कीर्तन व्रतधारियों के लिए विशेष फलदायी माना गया है. कई स्थानों पर लोग संध्याकालीन अर्घ्य के बाद पूजनोपरांत रात्रि जागरण करते हैं. सुबह प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ इस महापर्व का समापन माना जाता है. कई स्थानों पर घाटों पर ही भजन, कीर्तन का आयोजन किया जाता है, ताकि व्रतधारी घाट पर ही रह कर रात्रि जागरण कर समय से उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पारण कर सकें. ——————-भीख मांग कर पूजा का भी है प्रचलन लोक आस्था का महापर्व मनाने के सामान्य तरीके के अलावा भीख मांग कर भी पूजा का प्रचलन रहा है. यह आज भी जारी है. हालांकि यह अधिकांश मनौती के रूप में ही देखा जाता है. जबकि कुछ गरीब श्रद्धालु भी मांग कर ही पूजा को संपन्न करते हैं. वहीं कुछ संपन्न लोग भी गिने-चुने घरों में मांग कर इस पूजा को करते हैं. आरएनसाह चौक पर भीख मांग रहे बालक शंकर ने कहा कि उसकी मां ने भीख मांग कर छठ करने की मनौती की है, इसलिए पिछले तीन वर्ष से वह भीख मांगता रहा है. शंकर ने बताया कि जिनसे भी मांगा जाता है, वे इनकार नहीं करते हैं. वहीं जानकारों का मानना है कि सूर्यदेव से लोग कुछ उम्मीद रखते हैं. इस प्रकार उम्मीद रखने वाला याचक होता है. याचक को हमेशा दीन-हीन ही रहना चाहिए. यही वजह है कि लोग भीख मांगने की मनौती रखते हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि सूर्यदेव ऐसे में द्रवित होकर मनोकामना पूरी करते हैं. फोटो:- 16 पूर्णिया 18परिचय:- छठ के लिए भीख मांगता बालक

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