पूर्णिया : पंजाब के अमृतसर से तीन वर्ष पूर्व अपहृत तीन बहनें शुक्रवार को अपनी मां से मिली. इस वाकया का खुलासा तब हुआ जब पंजाब पुलिस कल्याणपुरी स्थित खुला आश्रम पहुंची. तीनों बहनों का अमृतसर के पालम बिहार से सरसी थाना क्षेत्र के बुढ़िया की एक महिला जीरा देवी ने 30 अक्तूबर 2012 को अपहरण कर सरसी ले आयी थी.
पंजाब के बच्चों को पंजाबी भाषा बोलते देख ग्रामीणों को हैरत हुई और मामला सरसी थाना पहुंचा. अज्ञात कारणों से तत्कालीन सरसी थानाध्यक्ष ने आरोपी महिला को छोड़ दिया और तीन बहनों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया. चाइल्ड लाइन ने बच्चियों को सीडब्लूसी के समक्ष प्रस्तुत किया और पिछले डेढ़ वर्ष से तीन बहनें कृष्णापुरी स्थित खुला आश्रम में रह रही थी.
मिमांशा कल्याण समिति द्वारा संचालित खुला आश्रम के को-ऑर्डिनेटर सतीश चंद्र के प्रयास से पंजाब पुलिस को बच्चियों की जानकारी दी गयी और शुक्रवार को पंजाब से एएसआइ सुलखन सिंह, हेड काउंस्टेबुल सतवेंद्र सिंह, महिला पुलिस दलजीत कौर पूर्णिया पहुंची. पुलिस के साथ बच्चियों की मां पूनम देवी भी आयी. अपहृत बच्चियों में सीतू(13 वर्ष), खुशी(08 वर्ष) एवं सिमरन(05 वर्ष) है. पूनम देवी के पति जितेंद्र कुमार पेशे से राजमिस्त्री हैं.
उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पूर्व उसके पड़ोस में जीरा देवी लुधियाना से आकर किराये के मकान में रहती थी. उसने उसके बच्चों को घर से यह कह कर ले गयी कि उसकी मां ने उन सबों को कपड़े खरीदने हेतु पैसे दिये हैं. बच्चे उसकी बातों में आ गये और बहला-फुसला कर सरसी स्थित अपने गांव लेकर चली आयी.
आश्रम में को-ऑर्डिनेटर श्री झा ने कहा कि डेढ़ वर्ष पूर्व तीनों बच्चियों को सीडब्लूसी के द्वारा भेजा गया. बच्चियों से पूछताछ में वे सभी अपने घर का पता नहीं बता पा रही थी, केवल पंजाब में रहने की जानकारी ही दे पा रही थी. इसी आधार पर पंजाब पहुंच कर गायब बच्चियों की जानकारी ली गयी, जिसमें अमृतसर के सदर थाने में दर्ज गायब बच्चियों का पता चला, जहां पुलिस की मदद से बच्चियों के मां को तसवीर दिखलायी गयी और पहचान हो गयी. फोटो:- 30 पूर्णिया 10परिचय:- बच्चियों के साथ मां एवं पंजाब पुलिस.