इलेक्शन लाइव : यह वोट नहीं, मूंछ की लड़ाई है
पूर्णिया : एनएच 31 के किनारे बायसी अनुमंडल कार्यालय और प्रखंड कार्यालय स्थित है. प्रखंड कार्यालय के सामने वीरेंद्र पंडित की झोपड़ीनुमा होटल है. चुनाव की तैयारी में सरकारी कर्मियों के व्यस्त रहने की वजह से आज कल प्रखंड कार्यालय में लोगों की गहमागहमी थोड़ी कम है. सोमवार दिन के लगभग एक बज रहे थे. वीरेंद्र पंडित की दुकान में कुछ लोग भोजन के लिए आये हुए थे. हमने चुनावी चर्चा की शुरुआत भोजन के लिए आये हुए लोगों के साथ आरंभ की.
गौरतलब है कि बायसी अनुमंडल क्षेत्र में बायसी और अमौर दो विधानसभा क्षेत्र हैं. इस इलाके में अल्पसंख्यक बहुसंख्यक हैं. विकास के लिहाज से यह इलाका आज भी हाशिये पर है, क्योंकि बाढ़ आज भी यहां स्थायी समस्या है. वीरेंद्र पंडित के होटल में स्थानीय अखिलेश यादव से मुलाकात हुई. अखिलेश ने कहा ‘ मैं उस दिन को कैसे भूल सकता हूं, जब पुणे में शिवसेना के लोगों ने बिहारी होने की वजह से हमारी पिटाई की थी ‘. फिर उसने कहा ‘ हमारे इलाके में विकास कार्य हुए हैं,
लेकिन अभी कुछ और होना बाकी है ‘. चौन पानी सदरा निवासी जय कृष्ण राय ने बेबाक हो कर कहा ‘ हम विकास चाहते हैं, हुआ भी है. लेकिन ग्रामीण इलाके आज भी बदहाल हैं. इस चुनाव में लड़ाई मोदी बनाम नीतीश की है ‘. होटल में ही बैसा मजगामा निवासी मो मसूद आलम से मुलाकात हुई. मजगामा अमौर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है. मो मसूद ने कई महत्वपूर्ण बातें बतायी. उसने कहा ‘ यह चुनाव कई मायने में अलग है. यह वोट नहीं मूंछ की लड़ाई है, जिसमें एक तरफ नरेंद्र मोदी तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार है ‘. उसने कहा ‘ एआइएमआइएम चीफ ओवैसी इस इलाके में कोई मुद्दा नहीं है. यहां तो बस सीधी लड़ाई है ‘.
फिर उसने कहा ‘ भाई, हमारे लिए भी विकास ही महत्वपूर्ण है. सांप्रदायिक सौहार्द के बीच रहना न केवल हमारी जरूरत है, बल्कि सदियों से आ रही परंपरा भी है ‘. बातचीत के सिलसिला को आगे बढ़ाने में दुकानदार वीरेंद्र पंडित ने मदद की. श्री पंडित ने कहा ‘ लोग मन बना चुके हैं. नाम नहीं बतायेंगे, लेकिन दूसरे नंबर जो रहेगा वह भी नाम अप्रत्याशित ही है ‘. ठीक उसी समय दूध कारोबारी बरेली निवासी राम लाल यादव दूध देने होटल पहुंचे. चुनावी हालचाल पूछने पर कहा ‘ बाप एक तरफ है तो बेटा दूसरी तरफ. हमरे चाचा नेता हैं, जैसन कहेंगे वही करेंगे ‘. चुनावी हलचल की खबर लेने पास की चाय दुकान पर पहुंचा.
वहां पेशे से किसान बैसा के खपरा निवासी मो मुजीबुर रहमान से मुलाकात हुई. श्री रहमान ने कहा ‘ बाढ़ हमारे यहां की स्थायी समस्या है. जो हमारे हित की बात करेगा और विकास कार्य करेगा, वही हमारे मत का अधिकारी होगा ‘. आगे उसने फिर कहा ‘ ओवैसी का हमने केवल नाम सुना है, इससे अधिक कुछ नहीं ‘. जबकि पानी सदरा निवासी मो जमाल ने कहा ‘ जिन्होंने काम किया है, उसे ही अपना वोट देंगे ‘. चाय दुकान से निकल कर एनएच किनारे एक दुकान पर पहुंचा तो पढ़े-लिखे युवक अशोक प्रियदर्शी से मुलाकात हुई.
अशोक ने राजनीतिक समीकरण बताते हुए कहा ‘ तय मानिये कि यहां त्रिकोणीय मुकाबला होगा, खास बात यह है कि तीसरा कोण एक निर्दलीय होगा ‘. जबकि इंद्र प्रसाद राय की राय थी कि ‘ अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग प्रत्याशी की पकड़ मजबूत है. अंतत: सामाजिक समीकरण ही निर्णायक साबित होगी. ऐसे में चौंकाने वाले परिणाम भी सामने आ सकते हैं ‘. पूर्णिया से वापस लौट रहे बायसी निवासी मो शरीफ से भेंट हुई. उसने कहा ‘ जिसने हमारी मदद की है, हाल में किशनगंज में भी मदद की, हम उनके साथ हैं ‘. फिर उसने कहा ‘ ओवैसी हमारे कौम के हक-हकूक की बात करते हैं. उन्हें वोट दिया जा सकता था, लेकिन वे केवल 06 सीट पर लड़ रहे हैं. ऐसे में वोट को बरबाद करना उचित नहीं होगा ‘. वापस एनएच पर लौटा तो कुछ युवक दिल्ली जाने के क्रम में पूर्णिया जाने वाले वाहन की प्रतीक्षा में खड़े थे. चुनाव के मौके पर परदेश जाने के सवाल पर एक युवक ने कहा ‘ साहब, हुक्मरानों को आम लोगों का जरा भी ख्याल होता तो ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते. आजादी के 68 साल बाद भी जम्हूरियत में रोजगार अगर मुद्दा नहीं बन सका तो हम कहां से दोषी हैं ‘. फोटो : 26 पूर्णिया 11परिचय : वीरंद्र पंडित के होटल में चुनावी गप-शप करते लोग