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संशोधित–डमी उम्मीदवार बनेंगे दग्गिजों के खेवनहार !

संशोधित–डमी उम्मीदवार बनेंगे दिग्गजों के खेवनहार ! पूर्णिया त्र जिले में विधानसभा चुनाव की सरगरमी तेज है और प्रत्याशियों के बीच शह और मात का खेल भी जारी है. इसके लिए प्रत्याशी किसी हद तक जाने को तैयार हैं, आखिर उन्हें भी अपनी जीत सुनिश्चित करनी है. इसके लिए दिग्गज प्रत्याशियों द्वारा कई डमी प्रत्याशियों […]

संशोधित–डमी उम्मीदवार बनेंगे दिग्गजों के खेवनहार ! पूर्णिया त्र जिले में विधानसभा चुनाव की सरगरमी तेज है और प्रत्याशियों के बीच शह और मात का खेल भी जारी है. इसके लिए प्रत्याशी किसी हद तक जाने को तैयार हैं, आखिर उन्हें भी अपनी जीत सुनिश्चित करनी है. इसके लिए दिग्गज प्रत्याशियों द्वारा कई डमी प्रत्याशियों को भी चुनावी अखाड़े में उतारने की चर्चा आम है. दिग्गजों को उम्मीद है कि यही डमी उम्मीदवार उनके खेवनहार साबित होंगे.कुछ विरोधी के वोट काटने के काम आयेंगे और कुछ चुनाव के लिए खर्च सीमा को संतुलित करने में मददगार साबित होंगे. बहरहाल जीत किसी की भी हो डमी उम्मीदवारों के दोनों हाथ में लड्डू है. 134 उम्मीदवार हैं चुनावी मैदान मेंजिले में कुल 07 विधानसभा क्षेत्र हैं और इन सातों विधानसभा क्षेत्र में कुल 134 उम्मीदवार मैदान में हैं.शनिवार को एक प्रत्याशी ने रूपौली विधानसभा क्षेत्र से नाम वापस लिया है.संवीक्षा के उपरांत कुल 135 उम्मीदवार मैदान में थे.सबसे अधिक 26 उम्मीदवार धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से हैं.जबकि पूर्णिया सदर विधानसभा क्षेत्र से कुल 25 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.पूर्णिया से सर्वाधिक 37 उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल किया गया था, जिसमें 12 प्रत्याशियों का नामांकन प्रपत्र संवीक्षा के क्रम में रद्द कर दिया गया.सभी सातों विधानसभा सीट से कुल 151 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन दाखिल किया गया था.शुक्रवार को हुए संवीक्षा में 16 आवेदनों को निरस्त किया गया.हालांकि अभी उम्मीदवारों की आखिरी सूची तैयार नहीं हुई है.19 अक्टूबर तक नाम वापसी की आखिरी तिथि निर्धारित है.इसके उपरांत ही अंतिम सूची तैयार की जायेगी.कुछ डमी तो कुछ आजमा रहे किस्मत विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के नाम पर कई डमी उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है.ऐसा नहीं है कि इन उम्मीदवारों को अपनी स्थिति का अंदाजा नहीं है.सभी जानते हैं कि वे कितने वोट हासिल कर सकते हैं.लेकिन सवाल नेताजी के जीत का है.लिहाजा मैदान में सभी ताल ठोक रहे हैं.ऐसे उम्मीदवारों को दिग्गजों ने केवल इसलिए अखाड़े में उतारा है कि विरोधी नेता के वोट बैंक को क्षति पहुंचायी जा सके, ताकि विरोधी का वोट गिरे और जीत के लिए उनकी राह कुछ आसान हो सके.हालांकि सभी उम्मीदवारों को डमी की संज्ञा नहीं दी जा सकती है, इनमें कुछ शौकिया और कुछ वास्तव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे हैं.खर्च के संतुलन में मिलेगी मददडमी उम्मीदवार दिग्गजों के सहयोग के लिए मैदान में तत्पर हैं.वे केवल वोट कटवा की स्थिति में नहीं होंगे.बल्कि डमी प्रत्याशी दिग्गजों के चुनाव खर्च को भी संतुलित करने में मदद करेंगे.दरअसल निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशियों के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख रुपये निर्धारित की गयी है.लेकिन दिग्गजों के लिए यह राशि काफी कम पड़ सकती है.लिहाजा डमी उम्मीदवार के नाम से चुनाव खर्च दिखा कर दिग्गज अपने व्यय राशि को संतुलित करेंगे.मतदान के दिन अधिक कारगर होंगे डमी प्रत्याशीडमी उम्मीदवार सबसे अधिक 05 नवंबर को मतदान के दिन कारगर साबित होंगे.दरअसल इस दिन उम्मीदवारों को मतदान केंद्रों का भ्रमण करने के लिए तीन वाहनों की अनुमति देने का प्रावधान है.प्रत्येक वाहन पर चालक के अलावे अधिक से अधिक चार लोगों को बैठने की अनुमति दी जायेगी.लेकिन निर्वाचन क्षेत्र बड़ा होने के कारण प्रत्याशियों के लिए मतदान केंद्रों का नियमित भ्रमण करना आसान नहीं होगा.ऐसे में डमी उम्मीदवारों के वाहन दिग्गजों के काम आयेंगे.दिग्गजों के लिए इन वाहनों के माध्यम से अधिक से अधिक मतदान केंद्र पर अपना नियंत्रण पाना आसान हो जायेगा.दबे-छुपे प्रचार में भी काम आयेंगे डमी उम्मीदवारदिग्गजों के लिए डमी उम्मीदवार परोक्ष रूप से चुनाव प्रचार के भी काम आयेंगे.हालांकि प्रशासन द्वारा इसकी निगरानी हेतु व्यापक तैयारी भी की गयी है.लेकिन ऐसे उम्मीदवारों को पकड़ पाना आसान नहीं होगा.विशेष रूप से अंधेरा ढ़लने के बाद डमी उम्मीदवार दिग्गजों के चुनाव प्रचार के अधिक काम आ सकते हैं.उनके वाहनों का भी प्रचार अभियान के लिए प्रयोग होना तय है.हालांकि इस पर नियंत्रण पाने के लिए उम्मीदवारों को अनुमति प्राप्त वाहनों के अगले शीशे पर अनुमति पत्र लगाना अनिवार्य किया गया है.वीडियो सर्विलांस टीम और सेक्टर सर्विलांस टीम को भी प्रत्याशियों की गतिविधियों पर निगाह बनाये रखने का निर्देश दिया गया है.किसी अन्य प्रत्याशी के प्रचार के लिए उपयोग में वाहनों के प्रयोग पकड़े जाने पर उसकी अनुमति रद्द करने का भी प्रावधान किया गया है.बहरहाल देखना होगा कि चुनाव में किसका दांव सटीक बैठता है और जीत किसके पाले में जाती है.साथ ही यह भी कि डमी उम्मीदवार विरोधियों को नुकसान पहुंचाने में कितने कारगर साबित होते हैं. फोटो:- 17 पूर्णिया 06परिचय:- उम्मीदवार की प्रतीकात्मक तसवीर

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