21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

त्योहारों में बढ़ सकते हैं डेंगू के मरीज

पूर्णिया : जिले में डेंगू खतरनाक रूप अख्तियार करता जा रहा है. सदर अस्पताल में मौजूद डेंगू के आंकड़े इस बात के उदाहरण हैं. आंकड़े के मुताबिक डेढ़ माह में पूरे जिले में 20 लोेग डेंगू से प्रभावित पाये गये हैं. जिले में डेंगू की वजह से एक मौत भी हो चुकी है. यह संख्या […]

पूर्णिया : जिले में डेंगू खतरनाक रूप अख्तियार करता जा रहा है. सदर अस्पताल में मौजूद डेंगू के आंकड़े इस बात के उदाहरण हैं. आंकड़े के मुताबिक डेढ़ माह में पूरे जिले में 20 लोेग डेंगू से प्रभावित पाये गये हैं.

जिले में डेंगू की वजह से एक मौत भी हो चुकी है. यह संख्या त्योहारों के मौसम में और अधिक बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है. डेंगू को लेकर सदर अस्पताल में जो व्यवस्था की गयी है, वह सिफर साबित हो रही है. ऐसे में डेंगू पीड़ितों का इलाज यहां महज खाना पूर्ति बन कर रह गया है.

मरीजों की संख्या हुई बीस
सदर अस्पताल में अब तक डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या 20 पहुंच गयी है, जिसमें अकेले सितंबर माह में डेंगू के 14 मरीज सदर अस्पताल में भरती हुए.
जबकि अक्तूबर माह में अब तक छह मरीज अस्पताल में भरती हो चुके हैं. वहीं रूपौली का बिरौली बाजार डेंगू का सॉफ्ट जोन बनकर सामने आया है. इस क्षेत्र में किशोर जायसवाल नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता की डेंगू से मौत भी हो चुकी है.
परदेस से लौटने लगे हैं लोग
चुनाव, दुर्गापूजा, दीपावली एवं छठ पर्व को लेकर परदेशों में काम करने वाले लोग वापस घर लौटने लगे हैं. लौटने वाले लोगों में कई लोग डेंगू संक्रमित भी हो सकते हैं.
यदि ऐसा हुआ तो अक्तूबर एवं नवंबर माह में डेंगू प्रभावित मरीजों की संख्या खतरनाक रुप ले सकता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को डेंगू नियंत्रण के लिए नये रणनीति पर काम करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. गौरतलब है कि अब तक जो डेंगू मरीज सामने आये हैं, उनमें से अधिकांश लोग महानगरों में रह कर अपना जीवन यापन कर रहे थे.
चिकित्सकों पर अनदेखी का आरोप
बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में अब तक जितने भी मरीज इलाज के लिए भरती हुए. उनमें से अधिकांश मरीजो ने डॉक्टरों द्वारा अनदेखी किये जाने की शिकायत की. मरीज के परिजनों के अनुसार नर्स के ड्यूटी कक्ष में बैठ कर रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर दवा लिख कर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते हैं.
वे मरीजों से दूरी बनाये रखना ही मुनासिब समझते हैं. अस्पताल में भरती डेंगू पॉजिटीव मरीज लक्ष्मी देवी ने बताया कि भरती के 24 घंटे हो चुके हैं, किंतु अब तक डॉक्टर हाल चाल भी पूछने नहीं आये. मरीजों ने बताया कि डॉक्टर वार्ड में जाने से डरते है.
दिन में भरती रात में गायब
डेंगू वार्ड में मरीज भगवान भरोसे ही इलाज कराते हैं. वार्ड में अव्यवस्था का आलम यह है कि जो मरीज दिन में भरती हुआ, वह दूसरे दिन सुबह नजर नहीं आते हैं. इसके पीछे कारण यह माना जा रहा है कि कुछ मरीज अव्यवस्था के कारण अन्यत्र इलाज के लिए चले जाते है. या फिर डॉक्टर फिजूल की परेशानी से बचने के लिए उन्हें रेफर कर देते हैं.
एक मरीज ने बताया कि अस्पताल में एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है किंतु कौन डॉक्टर है और कैसी उनकी सूरत है उसे पता नहीं है.
स्वास्थ्य कर्मी होते आक्रोश के शिकार
डॉक्टर के वार्ड में नहीं पहुंचने पर वहां तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मी मरीजों के परिजनों के आक्रोश के शिकार बनते हैं. मरीज महिला स्वास्थ्य कर्मियों पर डॉक्टर को बुलाने का दबाव बनाते हैं. डॉक्टर के नहीं आने पर परिजन महिला स्वास्थ्य कर्मियों पर अपना गुस्सा दिखाते हैं. जिससे वार्ड में तू-तू मैं-मैं की स्थिति बनी रहती है. जिससे स्वास्थ्य कर्मी हमेशा तनाव में रहते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें