पूर्णिया : धुआं जांच केंद्र को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा विवाद जांच केंद्र के कार्यावधि को लेकर है. कहा जा रहा है कि जांच केंद्र की ओर से आधी रात को भी वाहनों की जांच की जाती है,
जिसे अवैध बताया जा रहा है. लेकिन जानकारों की मानें, तो विभाग की ओर से जांच की समय सीमा को लेकर कोई पाबंदी निर्धारित नहीं की गयी है.
गौरतलब है कि विभाग की ओर से धुआं जांच के लिए निजी एजेंसी को अनुज्ञप्ति प्रदान की गयी है. एजेंसी धारक को विभाग की ओर से निर्धारित शुल्क विभागीय खाते में जमा कराने का निर्देश दिया गया है.
जांच किये गये सभी वाहनों की निर्धारित राशि एजेंसी धारक को विभाग के खाते में जमा कराना होता है. विभाग से निर्धारित है कमीशन धुआं जांच के लिए अधिकृत एजेंसी के लिए विभाग की ओर से कमीशन निर्धारित है.
वाहन मालिकों से वसूली गयी राशि में से एजेंसी धारक अपना कमीशन काट कर विभाग के खाते में शेष राशि जमा कराते हैं. एजेंसी धारक की ओर से मशीन से लेकर अन्य व्यवस्था व कर्मचारी का खर्च भी स्वयं वहन किया जाता है. ऐसे में तय है कि एजेंसी धारक अपनी लागत से अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की कोशिश करेगा.
फोर्ड कंपनी चौक ही केवल बना निशाना धुआं जांच के लिए जिला मुख्यालय में चार जांच केंद्र स्थापित हैं, जो फोर्ड कंपनी चौक, मरंगा बाइपास, दमका चौक तथा गुलाबबाग जीरो माइल पर संचालित है.
जानकारों की मानें, तो एक धुआं जांच केंद्र की अनुज्ञप्ति लंबे समय से नियमित भी नहीं की गयी है. जाहिर है ऐसे केंद्रों पर तथाकथित ईमानदार अधिकारियों की नजर नहीं है और न ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत महसूस की गयी.
दीगर बात है कि फोर्ड कंपनी स्थित धुआं जांच केंद्र पर कई बार जांच की गयी है. चारों जांच केंद्रों में से केवल फोर्ड कंपनी चौक स्थित जांच केंद्र निशाना बना हुआ है. स्वार्थ पूरा नहीं हुआ, तो बना निशाना जानकारों की मानें तो फोर्ड कंपनी चौक स्थित धुआं जांच केंद्र को इसलिए बनाया गया कि इस केंद्र से कुछ लोगों की मनोकामना पूरी नहीं हो रही थी.
प्रदूषण केंद्र के संचालक पहले भी लिखित तौर पर आरोप लगा चुके हैं कि यातायात प्रभारी रवीश रंजन की ओर से पांच हजार रुपये की मांग की गयी थी. इस मामले में कुछ बिचौलियों ने भी संचालक को अपरोक्ष रूप से मैनेज करने की चेतावनी दी थी.
परिस्थितियां भी तथ्य को बल प्रदान करती हैं. क्योंकि स्वयं डीटीओ अनिल कुमार की मानें तो जांच अधिकारियों को भी सर्वप्रथम चारों धुआं जांच केंद्र पर अनुज्ञप्ति संबंधी जांच का निर्देश दिया गया था. भले ही किसी केंद्र की जांच न हुई हो लेकिन बीते 15 दिनों में दो बार फोर्ड कंपनी चौक के धुआं जांच केंद्र को जबरन बंद करवा दिया गया.