पूर्णिया: विधानसभा 2015 का चुनाव सूबे के गरीबों की मान-सम्मान की निर्णायक लड़ाई है. गरीबों के हक के लिए अब याचना नहीं रण होगा. लालू व नीतीश जैसे राजनेताओं को हाशिये पर पहुंचाना उनका लक्ष्य है और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए वे कोई भी कुरबानी देने को तैयार हैं. चुनाव परिणाम से तथाकथित बड़े नेताओं को अपनी हैसियत का भी अंदाजा हो जायेगा. बिना पप्पू यादव के सहयोग के किसी भी पार्टी की सरकार राज्य में नहीं बन सकेगी. उक्त बातें मधेपुरा सांसद व जन अधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को अजरुन भवन स्थित कार्यालय में प्रभात खबर से बातचीत में कही.
किसी दल के साथ नहीं होगा विलय : एनडीए से गंठबंधन के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि तालमेल के लिए सारे विकल्प खुले हुए हैं. लेकिन राज्य की गरीब जनता के मान-सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा. साथ ही कहा कि किसी भी कीमत पर उनके दल का समझौता लालू प्रसाद व नीतीश कुमार के गंठबंधन से नहीं होगा.
साथ ही जोर देकर कहा कि जन अधिकार पार्टी का अस्तित्व भी बरकरार रहेगा और किसी भी सूरत में इसका विलय किसी दल के साथ नहीं होगा. क्योंकि पूरे बिहार की लड़ाई लड़नी है जो किसी का पिछलग्गू बन कर संभव नहीं होगा.
कोसी व सीमांचल से होगी बदलाव की शुरुआत : श्री यादव ने कहा कि वे हमेशा अमीरों और शोषकों के खिलाफ गरीब और शोषितों की लड़ाई लड़ते रहे हैं. कोसी और सीमांचल से बदलाव की शुरुआत होगी और पूरे बिहार में बदलाव नजर आयेगा. कहा कि बदलेगा बिहार और वे बदलेंगे बिहार. भविष्य की रूपरेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि बदलाव के लिए समय सीमा निर्धारित होगी और बदलाव नजर भी आयेगा. श्री यादव ने मंगलवार को अजरुन भवन में धमदाहा, बायसी और रूपौली विधानसभा क्षेत्र के समर्थकों के साथ बैठक की और विधानसभा चुनाव की तैयारी में कार्यकर्ताओं से जुट जाने की अपील की.